पेट में शिशु को कष्ट देने वाली गलतियां जो गर्भवती महिला करती है

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हर गर्भवती महिला ही चाहती है की उसके गर्भ में पल रहा शिशु हमेशा स्वस्थ रहे, और जन्म के बाद भी उसे किसी तरह की कोई भी परेशानी न हो। और इसके लिए प्रेगनेंसी के दौरान महिला अपना दुगुना ध्यान भी रखती है। और यदि महिला प्रेगनेंसी के दौरान अपना अच्छे से ध्यान नहीं रखती है तो इसके कारण केवल गर्भवती महिला को ही नहीं बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए शिशु के बेहतर विकास और गर्भ में पल रहे शिशु को हर परेशानी से सुरक्षित रखने के लिए कुछ ऐसे काम है जो महिला को नहीं करने चाहिए। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं ही पेट में शिशु को कष्ट देने वाली गलतियां जो गर्भवती महिला करती है और उसे ऐसा नहीं करना चाहिए।

भूखे रहना

खान पान का प्रेगनेंसी के दौरान सबसे ज्यादा महत्व होता है, क्योंकि महिला के द्वारा अपने आहार में सम्मिलित पोषक तत्वों की मदद से ही शिशु का विकास अच्छे से हो पाता है। ऐसे में महिला का खान पान के प्रति लापरवाही करना, भूखे रहना, न केवल प्रेग्नेंट महिला को परेशानी में दाल सकता है बल्कि इसके कारण शिशु को भी नुकसान पहुँचता है। हार्मोनल बदलाव की वजह से हो सकता है की महिला को भूख कम लगे, लेकिन फिर भी महिला को थोड़े थोड़े समय बाद कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए।

जंक फ़ूड खाना और पौष्टिक आहार न लेना

यदि गर्भवती महिला गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार लेने की बजाय जंक फ़ूड, ज्यादा मसालेदार खाने, ऑयली फ़ूड आदि का सेवन करती है तो इसके कारण महिला को पेट से सम्बंधित परेशानी जैसे की कब्ज़, गैस आदि की समस्या हो सकती है। साथ ही इसमें पोषक तत्व न होने के कारण शिशु के विकास पर भी इसका बुरा असर देखने को मिलता है। इसीलिए महिला को स्वस्थ व् पौष्टिक आहार का सेवन ही प्रेगनेंसी के दौरान करना चाहिए।

प्रदूषण, ज्यादा भीड़भाड़, व् शोर वाली जगह पर जाना

गर्भावस्था के समय यदि महिला प्रदूषण वाली जगह पर जाती है, ज्यादा भीड़भाड़ में रहती है, तेज आवाज़ वाली जगह पर जाती है तो इसके कारण शिशु को प्रदूषण के कारण इन्फेक्शन की समस्या होने के साथ शिशु की सुनने की क्षमता में भी कमी आ सकती है। साथ ही शिशु को विकलांगता जैसी समस्या के साथ भी जूझना पड़ सकता है। और शिशु के शारीरिक के साथ मानसिक विकास में भी कमी आ सकती है, ऐसे में शिशु को इन सभी समस्याओं से बचाने के लिए महिला को ऐसी जगह पर जाने से परहेज करना चाहिए।

नशीली चीजों का सेवन करना

नशीली चीजे न केवल प्रेगनेंसी के दौरान महिला के लिए परेशानी का कारण बनती है बल्कि इसके कारण शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में कमी आ सकती है। क्योंकि महिला द्वारा ली गई नशीली चीजों का असर गर्भनाल के रास्ते गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है जो की शिशु के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है।

गलत तरीके से सोना

प्रेगनेंसी के तीन महीने के बाद महिला का वजन बढ़ने लगता है, और पेट भी बाहर आने लगता है, जिसके कारण महिला को सोने में परेशानी का अनुभव करना पड़ सकता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान पेट के बल सोना, या किसी एक ही पोजीशन में सोना महिला के साथ शिशु को भी परेशान कर सकता है, जैसे की यदि महिला पेट के बल सोती है तो शिशु परेशान हो सकता है।

ज्यादा भागदौड़

बॉडी में हार्मोनल बदलाव, और शारीरिक समस्याओं के कारण प्रेगनेंसी के दौरान महिला को कमजोरी व् थकान होना आम बात होती है। ऐसे में महिला को आराम करने की सलाह दी जाती है ताकि शिशु को भी आराम मिल सके लेकिन यदि महिला ज्यादा भागदौड़ करती है, लम्बी यात्रा करती है तो इसके कारण केवल महिला को ही दिक्कत नहीं होती है, बल्कि महिला को होने वाली परेशानी का असर शिशु पर भी पड़ता है।

तनाव लेना

प्रेगनेंसी के समय शरीर में हो रही परेशानियों के कारण का बार महिलाएं तनाव में भी आ जाती है। और तनाव के कारण शिशु के विकास में कमी आने के साथ शुरुआत के दिनों में यह गर्भपात का कारण भी बन सकता है। ऐसे में महिला को इस बात को ध्यान रखना चाहिए की जितना हो सके महिला को अपनी परेशानियों को शेयर करके उनका समाधान करना चाहिए और तनाव लेने की बजाय प्रेगनेंसी के समय खुश रहना चाहिए।

पेट पर जोर

भारी सामान उठाना, पैरों के भार बैठना, पेट के बल किसी काम को करना आदि के कारण पेट पर जोर पड़ता है। जिसके कारण गर्भ में शिशु को परेशानी हो सकती है। ऐसे में गर्भवती महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की पेट पर जोर पड़ने वाले किसी भी काम को नहीं करना चाहिए।

पानी की कमी

गर्भवती महिला को पानी व् अन्य पेय पदार्थ जैसे की घर में बना ताजा जूस, नारियल पानी आदि का भरपूर सेवन करना चाहिए। क्योंकि बॉडी में होने वाली पानी की कमी के कारण गर्भ में शिशु को परेशानी का अनुभव हो सकता है।

तो यह हैं कुछ गलतियां जो यदि गर्भवती महिला करती है तो इसके कारण गर्भ में शिशु को परेशानी का अनुभव हो सकता है। इसीलिए गर्भ में शिशु को किसी भी तरह की परेशानी न हो और शिशु का बेहतर विकास हो सके इसके लिए महिला को ऐसी गलतियां नहीं करनी चाहिए।

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