गर्भवती महिला को कम सोने और ज्यादा सोने से कौन कौन से नुकसान होते हैं

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प्रेगनेंसी में सोते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए

प्रेगनेंसी किसी भी महिला के लिए उसकी जिंदगी का बहुत ही बेहतरीन पल होता है। इस दौरान गर्भवती महिला बहुत से नए अनुभव से गुजरती है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान क्या सही है क्या नहीं इस बारे में भी उसे पूरी जानकारी होना बहुत जरुरी होता है। ताकि इससे गर्भ में पल रहे शिशु का विकास बेहतर तरीके से होने के साथ गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ रहने में मदद मिल सके। प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में लगातार हार्मोनल बदलाव होते रहते हैं। और इनकी हार्मोनल बदलाव के होने के कारण शरीर में भी बहुत से बदलाव देखने को मिलते हैं। लेकिन ऐसा भी नहीं है की प्रेगनेंसी के दौरान हर महिला में एक ही तरह के बदलाव होते हैं।

बल्कि यह हर महिला के बॉडी में हो रहे हार्मोनल बदलाव पर निर्भर करता है। जैसे की प्रेगनेंसी के दौरान कुछ महिलाओं को बहुत अधिक नींद आती है तो कुछ महिलाओं को नींद नहीं आती है। और प्रेगनेंसी में कम नींद लेना और ज्यादा नींद लेना दोनों ही आपके लिए हानिकारक हो सकते है। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान जितना एक्टिव रहना जरुरी है उतना ही बॉडी को आराम भी देना जरुरी होता है। और यदि आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो इसके कारण शरीर की क्रियाएं प्रभावित होती है जो शरीर पर नकारात्मक असर डाल सकती है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा सोने और कम सोने से क्या क्या नुकसान हो सकते हैं।

प्रेगनेंसी में ज्यादा सोने के नुकसान

गर्भवती महिला के लिए प्रेगनेंसी के दौरान अधिक सोना नुकसानदायक हो सकता है, ऐसे में महिला को वजन बढ़ने, आलस ज्यादा होना, हमेशा थका हुआ महसूस करना, आदि जैसी समस्या हो सकती है। इसके अलावा और भी कई नुकसान गर्भवती महिला को ज्यादा सोने से हो सकते हैं, तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी में अधिक सोने से क्या नुकसान होते हैं।

वजन बढ़ता है

प्रेगनेंसी के दौरान वैसे भी महिला का वजन महीने बढ़ने के साथ बढ़ता है, लेकिन यदि महिला बहुत ज्यादा सोती है तो इसके कारण बॉडी में कैलोरी बर्न नहीं होती है। जिसके कारण बॉडी में वसा का जमाव होने लगता है। और चर्बी बढ़ने लगती है जिसके कारण महिला का वजन प्रेगनेंसी के दौरान तेजी से बढ़ता है जिसके कारण महिला को प्रेगनेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रैशर जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

शरीर में दर्द

सोने से शरीर के अंगो में दर्द महसूस होना आम बात होती है, खासकर अधिक सोने के कारण महिला को पीठ में अधिक दर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जिसके कारण महिला को बैठने, काम करने आदि में समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

बहुत थका हुआ सा महसूस होता है

गर्भवस्था के दौरान एक्टिव रहने से महिला की फिटनेस को बरकरार रहने में मदद मिलती है। लेकिन यदि महिला बहुत अधिक सोती है तो इसके कारण हमेशा थकावट महसूस होने लगती है। जिसके कारण महिला को किसी काम को करने में भी मन नहीं लगता है।

आलस बढ़ना

यदि गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के दौरान अधिक सोती है तो इसके कारण महिला का आलस्य बढ़ने लगता है। और आलस बढ़ने के कारण किसी काम को करने में मन नहीं लगता है, साथ ही हमेशा सोने का ही मन करता रहता है।

तनाव महसूस होता है

एक स्टडी के अनुसार जो व्यक्ति दिन में बहुत ज्यादा सोता है ऐसा करने के कारण उसका दिमाग बहुत जल्दी प्रभावित होता है, जिसके कारण तनाव, टेंशन महसूस होने लगती है। और प्रेगनेंसी के दौरान तनाव महिला के साथ शिशु के लिए भी बहुत नुकसानदायक होता है।

ब्लड शुगर लेवल असंतुलित होता है

ज्यादा सोने के कारण बॉडी में ब्लड शुगर लेवल असंतुलित होने लगता है। जिससे टाइप 2 शुगर के होने के चांस बढ़ जाते हैं, ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली इस परेशानी से बचने के लिए महिला को ज्यादा नहीं सोना चाहिए।

प्रेगनेंसी में कम सोने के नुकसान

गर्भवती महिला को यदि अधिक नहीं सोने चाहिए तो कम भी नहीं सोना चाहिए, क्योंकि इससे भी गर्भवती महिला की बहुत सी शारीरिक परेशानियां बढ़ सकती है। तो आइये अब जानते हैं की प्रेगनेंसी में कम सोने से कौन कौन से नुकसान होते हैं।

स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या

कम सोने के कारण गर्भवती महिला को स्वास्थ्य सम्बन्धी बहुत सी समस्याएं हाई ब्लड प्रैशर, मोटापा, शुगर, गुर्दो से जुडी समस्या आदि हो सकती है। और प्रेगनेंसी के दौरान यह परेशानियां महिला के साथ गर्भ में पल रहे शिशु पर भी बुरा असर डाल सकती हैं। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान जितना हो सके इनसे बचाव करना चाहिए, और भरपूर नींद लेनी चाहिए।

मूड में बदलाव

कम नींद लेने के कारण प्रेगनेंसी के दौरान मूड में बदलाव आना भी आम बात होती है। इसके कारण गर्भवती महिला को चिड़चिड़ापन महसूस होना, गुस्सा आना, काम में ध्यान न लगना, आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

हार्मोनल असंतुलन होना

यदि गर्भवती महिला कम नींद लेती है तो इसके कारण बॉडी में असंतुलन होने लगता है। जो शरीर की क्रियाओं पर बुरा असर डाल सकता है, और महिला को प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

मस्तिष्क होता है प्रभावित

दिमाग को भी बेहतर तरीके से काम करने के लिए भरपूर आराम की जरुरत होती है। लेकिन यदि गर्भवती महिला भरपूर नींद नहीं लेती है तो इसके कारण मस्तिष्क की क्रियाओं पर भी असर पड़ता है। जिसके कारण तनाव आदि की समस्या के कारण गर्भवती महिला को परेशान होना पड़ सकता है।

पीठ व् शरीर के अन्य अंगो में दर्द

नींद की कमी के कारण गर्भवती महिला को पीठ, सर, जोड़ो, आदि में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में कई बार उठने -बैठने में भी महिला को परेशानी हो सकती है।

कमजोरी व् थकान का महसूस होना

पर्याप्त नींद लेने से गर्भवती महिला को फ्रैश महसूस होता है वहीँ यदि महिला नींद को भरपूर नहीं लेती है तो इसके कारण कमजोरी व् थकान का महसूस होना आम बात होती है। ऐसे में गर्भवती महिला को इस परेशानी से बचने के लिए और प्रेगनेंसी के दौरान एक्टिव रहने के लिए नींद को भरपूर मात्रा में लेना चाहिए।

प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को कितना सोना चाहिए।

आम आदमी को दिन में आठ घण्टे की नींद जरूर लेनी चाहिए। ऐसे ही गर्भवती महिला को भी रात को समय से सो जाना चाहिए और आठ घंटे की भरपूर नींद लेनी चाहिए। लेकिन यदि महिला थोड़ी थकी हुई महसूस करें तो आप दिन में भी चाहे तो एक घंटा आराम कर सकती है। ऐसा करने से आपको बेहतर महसूस होता है, साथ ही फ्रैश भी महसूस होता है। और यदि आप नींद पर्याप्त लेनी हैं तो इससे आपको स्वस्थ रहने के साथ प्रेगनेंसी के दौरान एक्टिव रहने में भी मदद मिलती है।

प्रेगनेंसी में सोते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए

गर्भवती महिला को सोते समय कभी भी एक ही पोजीशन में नहीं सोना चाहिए इससे बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर नहीं हो पाता है। साथ ही जितना हो सके महिला को सीधे होकर नहीं सोना चाहिए, बल्कि बल्कि करवट लेकर सोना चाहिए। और थोड़ी थोड़ी देर बाद करवट बदलते रहना चाहिए, इसके अलावा यदि प्रेगनेंसी के दौरान यदि सोने की बेहतरीन पोजीशन की बात की जाये तो महिला को बाईं और करवट लेकर सोना चाहिए।

तो यह हैं प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला के सोने से जुड़े कुछ खास टिप्स, इसीलिए प्रेगनेंसी के दौरान न तो महिला को अधिक सोना चाहिए और न ही कम सोना चाहिए, बल्कि अच्छी और गहरी नींद के साथ जितनी नींद जरुरी है उतनी देर ही सोना चाहिए।

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