Tea During Pregnancy Hindi Video – गर्भावस्था में चाय पीने के नुकसान

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प्रेगनेंसी में चाय पीनी चाहिए या नहीं? कब कैसे और कितनी चाय पीएं? गर्भावस्था में चाय पीने के नुकसान।

Pregnant women should avoid consuming this much tea. Because of the amount of caffeine present in tea. And excessive consumption of caffeine is harmful to both the woman and the child. If a woman consumes three or more teas during pregnancy, then due to this, the woman has problems with gas in the stomach, burning sensation in the chest, nervousness, bad taste in the mouth, loss of appetite, etc.

It also affects the unborn child because if a woman takes caffeine in excess, it slows down the development of the child. Because of this, the woman may have to face problems like the low birth weight of the baby.

Why curd should not be eaten during pregnancy

गर्भावस्था में दही क्यों नहीं खाने चाहिए? दही खाने के नुकसान गर्भवती महिला को, दही खाने का सही समय और तरीका, गर्भावस्था के दौरान दही खाना क्या यह सुरक्षित है? जानिये हिंदी में,प्रेगनेंसी में दही क्यों नहीं खाने चाहिए? – Why curd should not be eaten during pregnancy? Curd During Pregnancy: Benefits, Side Effects & Precautions

आप गर्भावस्था के दौरान दही का सेवन कर सकती हैं, लेकिन ध्यान दें कि यह स्वस्थ और स्वच्छतापूर्ण होना चाहिए। Is curd benefitical During pregnancy. What are the pros and cons of eating curd during pregnancy.

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Fetal Development 2 Week to 40 Week in the Womb

Fetal development

गर्भावस्था में हर हफ्ते शिशु कैसे बढ़ता है, सप्ताह दर सप्ताह शिशु का विकास, शिशु का विकास हर हफ्ते कैसे होता है,

The development of fetus from 2 weeks to 40 weeks showcases the incredible growth and development of a baby in the womb. Beginning with the fertilization of the egg and the formation of the embryo. the video captures the various stages of fetal development, including the growth of major organs, the formation of limbs, and the maturation of the baby’s senses.

It also shows the complex process of pregnancy, including the development of the placenta and the changes that occur in the mother’s body. The video provides a fascinating glimpse into the miraculous journey of pregnancy, highlighting the incredible transformation that takes place in just 40 weeks.

Watch Hindi Video of Fetal Development 2 Week to 40 Week in the Womb गर्भ में 2 सप्ताह से 40 सप्ताह भ्रूण विकास

प्रेगनेंसी में बच्चे का वजन तेजी से बढ़ाने के लिए ये चीजे जरूर खाएं ! रातों रात बढ़ेगा गर्भ में वजन

बेबी का वजन

जानिए कैसे प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे का सही वजन बढ़ाने में आपकी आहार आदतें मदद कर सकती हैं। इस शॉर्ट वीडियो में, हमने बताया है कैसे प्रोटीन, पौष्टिक सब्जियां, और अच्छे तेलों का सेवन करके आप अपने शिशु के सही वजन को बढ़ा सकती हैं। रात्रि का खाना भी बच्चे के सही विकास में मदद कर सकता है। आइए जानें और आपकी प्रेगनेंसी को स्वस्थ बनाएं!

Baby Weight Gain in Womb, Garbh Me Baby ka Vajan Kaise Badhayen Hindi Video

Tomato Ketchup During Pregnancy, टोमेटो केचप खाने से क्या होता है गर्भ में शिशु को

Tomato Ketchup During Pregnancy, टोमेटो केचप खाने से क्या होता है गर्भ में शिशु को

Is it safe to eat tomato ketchup? Tomato Ketchup During Pregnancy, टोमेटो केचप खाने से क्या होता है गर्भ में शिशु को Pregnancy Health Advice क्या टमाटर केचप खाना सुरक्षित है? Can you eat ketchup during early pregnancy? How can ketchup be a problem during pregnancy? Can I eat tomato ketchup?

Is it safe to eat tomato ketchup during pregnancy watch Hindi Video.

Tomato Ketchup During Pregnancy, टोमेटो केचप खाने से क्या होता है गर्भ में शिशु को

Baby Development from First Week till Birth

Baby Development in womb

पहले हप्ते से जन्म तक शिशु का विकास ऐसे होता है, गर्भ में शिशु का विकास, पहले हफ्ते से शिशु के जन्म तक का सफर वीडियो

From the first week till delivery, following your baby’s growth is an emotional adventure that makes you wonder and feel eager. Your child starts a magnificent journey of growth and development from the moment of conception, going from a small collection of cells to a fully developed human being.

You get to see the amazing developments occurring within your womb every week, from the formation of tiny fingers and toes to the growth of crucial organs like the heart and brain. Observing your baby’s development can make you cry and fill you with an uncontrollable amount of love and awe for the life that is developing inside of you.

Watch the live video of Baby Development from First Week till Birth, पहले हप्ते से जन्म तक शिशु का विकास ऐसे होता है

चंद्रग्रहण नवंबर 2022 में कब से कब तक है?

Chandra Grahan November 2022 : चंद्रग्रहण कब से कब तक है। चंद्रग्रहण का समय क्या है। भारत में ये ग्रहण कहा कहाँ दिखाई देगा। चंद्रग्रहण के बारे में पूरी जानकारी चंद्रग्रहण 2022 वीडियो हिंदी में देखिये।

आयुर्वेद के अनुसार 1 से 9 महीने तक गर्भवती महिला क्या खाएं

प्रेगनेंसी वीडियोस

गर्भावस्था के दौरान खानपान का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। अगर आप अपना अच्छे से ख्याल रखेंगे अच्छा खाना खाएंगे पौष्टिक आहार लेंगे, तो आपके शिशु के लिए आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा। आइए जानते हैं इस हिंदी वीडियो के माध्यम से एक प्रेग्नेंट महिला को हर 1 महीने यानी कि गर्भावस्था के 1 से 9 महीने तक क्या क्या खाने चाहिए।

अगर आप भी चाहते हैं गर्भ में शिशु का विकास हो सही तरीके से हो। और आपको भी पूरे 9 महीने तक कोई परेशानी नहीं हो। तो आपको अपना खुद से ख्याल रखना होगा और इस वीडियो में बताई गई बातों का ध्यान रखना होगा। ताकि डिलीवरी तक आपको कोई परेशानी नहीं हो। आइए जानते हैं क्या-क्या खाना सही रहता है एक गर्भवती महिला के लिए।

मूंग दाल और अंकुरित मूंग दाल खाने के फायदे गर्भावस्था में

Moong Daal During Pregnancy

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Which dal is best during pregnancy?

Eating moong dal during pregnancy is very beneficial for a pregnant woman. It is very beneficial for the unborn baby. It contains many minerals and vitamins which are beneficial for the pregnant woman and the unborn child.

मूंग दाल क्यों फायदेमंद है गर्भावस्था में

आयरन रेड ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन के लिए जरूरी है. प्रेग्नेंसी के दौरान आयरन की कमी से एनीमिया की बीमारी यानी शरीर में खून की कमी हो सकती है. इसके प्रभाव से महिलाएं थकान, कमजोरी और बाकी स्वास्थ्य समस्याएं महसूस कर सकती हैं.

अंकुरित मूंग खाने के क्या फायदे हैं

अंकुरित मूंग दाल प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए एक पौष्टिक आहार है. इसमें प्रोटीन, आयरन के साथ-साथ कई जरूरी विटामिन और मिनरल्स की मौजूदगी होती है. आप अंकुरित मूंग दाल को सैंडविच, सलाद आदि में मिलाकर खा सकते हैं

गर्भावस्था में मूंग दाल खाने के क्या-क्या फायदे होते हैं? गर्भवती महिला को मूंग दाल क्यों खाना जरूरी है ? स्प्राउट खाने के क्या-क्या फायदे हैं प्रेग्नेंट महिला के लिए यह सारी बातें आपको इस वीडियो के माध्यम से पता चलेगा।

गर्भ के बेहतर विकास के लिए, और प्रेगनेंसी में गर्भ में पल रहे शिशु के लिए अच्छे खान-पान के रूप में मूंग दाल को भी अपने दायित्व में शामिल करना बहुत जरूरी है। मूंग दाल से ना केवल गर्भवती महिला को बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु को भी कई सारे फायदे मिलते हैं।

गर्मियों में इन चीजों को खाने से बचे गर्भवती महिला

गर्भावस्था का समय हर महिला के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह कहना बेहतर होगा के प्रेगनेंसी का समय सिर्फ महिला के लिए ही नहीं बल्कि पुरे परिवार के लिए भी अनमोल होता है। इस समय में गर्भवती महिला को क्या खाना है और क्या नहीं खाना है इन बातो के बारे में समय समय पर सभी सलाह देते रहते है।

प्रेगनेंसी में हमे बहुत सी पसंदीदा चीजों को छोड़ना पड़ता है। क्योंकि हम जो चीज भी अपने मुँह में डालते है उसी प्रदार्थ के गुण और अवगुण हम अपने शिशु के साथ साँझा करते है। इन्ही बातो को ध्यान में रखते हुए हमे हर चीज का सेवन अपने शिशु की सेहत को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए।

बहुत बार ऐसा होता है के कुछ चीजों का सेवन हमे गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में छोड़ना पड़ता है और प्रेगनेंसी में अंतिम शरण में उन्हीं प्रदार्थो का सेवन शुरू करना होता है। यह सब बाते गर्भावस्था के पूरी प्रक्रिया पर निर्भर करती है। पर फिर भी गर्भावस्था के साथ जब गर्मियों का मौसम भी आ जाये तो उस समय में अपने डाइट का विशेष ध्यान रखने की जरुरत पड़ती है। आज हम आपको बताएंगे की गर्मियों में गर्भवती महिला को भूल कर भी किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

कैफीन युक्त प्रदार्थ

कैफीन युक्त प्रदार्थ यानी की चाय, कॉफ़ी, कोल्ड ड्रिंक्स, सोडा आदि। गर्भावस्था में इन सभी चीजों का सेवन छोड़ देना चाहिए। कैफीन एक प्रकार का नशीला प्रदार्थ होता है जिसके सेवन के बाद हम और ज्यादा एक्टिव हो जाते है। गर्भावस्था के दौरान कैफीन युक्त प्रदार्थो के सेवन से शुगर, ब्लड प्रेशर, डिज़्ज़िनेस, पेट दर्द, हार्ट बीट का बढ़ना आदि गंभीर समस्याएं हो सकती है। इसीलिए गर्भावस्था में डॉक्टर भी चाय, कॉफ़ी और कोल्ड ड्रिंक्स के सेवन को मना करते है।

गर्मियों की अगर बात की जाए तो चाय और कॉफ़ी तो हम एक बार फिर छोड़ सकते है लेकि कोल्ड ड्रिंक्स और सोडा ड्रिंक्स छोड़ना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। पर हम आपको बता दे की इन चीजों के सेवन से ना तो आपकी ढंग से प्यास बुझेगी और और साथ ही मिसकैरिज और जन्म के समय शिशु के कम वेट की समस्या की संभावना बढ़ जाती है। तो किसी प्रदार्थ का सेवन करना हमे कितना ही पसंद क्यों ना हो लेकिन हमारे शिशु से ऊपर नहीं हो सकता है। गर्भावस्था के समय में इन सभी चीजों के सेवन को ना कहे।

कच्ची अंकुरित दाल

कच्ची अंकुरित दाल और बीन्स वैसे तो बहुत ही पौष्टिक होती है। इनमे बहुत से मिनरल्स, विटामिन्स और सबसे ज्यादा मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। पर फिर भी अंकुरित की गयी दाल और बीन्स में नमी के कारण कुछ बैक्टीरिया आ जाते है। नमी के कारण पैदा हुए बैक्टीरिया पाने से धोने से भी ख़त्म नहीं होते है। यह बैक्टीरिया गर्भवती महिला के लिए हानिकारक हो सकते है।

लेकिन फिर भी अगर आप अंकुरित दाल और बीन्स का सेवन करना चाहते है तो ध्यान रखिये उन्हें कच्चा ना खाये। इनका प्रोटीन पाने के लिए इन्हे पकाकर या उबालकर इनका सेवन करना हानिकारक नहीं होगा।

जंक फ़ूड या स्ट्रीट फ़ूड

गर्मियां आते ही हमारा सारा ध्यान रोटी और सब्जी से हटकर स्ट्रीट फ़ूड और जंक फ़ूड पर चला जाता है। गर्भावस्था में खासतौर पर जब हमारे टेस्टबड्स बदल जाते है तब हमारा सारा ध्यान स्ट्रीट फ़ूड और जंक फ़ूड पर लग जाता है जैसे की गोल गप्पे, बर्गर, टिक्की, समोसा और चाट आदि। परन्तु इन सभी चीजों का सेवन गर्भावस्था के दौरान हानिकारक होता है। इन सभी खाद्य प्रदार्थो में नमक और मिर्च मसालों का अत्यधिक इस्तेमाल किया जाता है।

ज्यादा नमक और मसालों का सेवन हमारे ब्लड प्रेशर को बड़ा सकता है और मसालों का अत्यधिक सेवन पाचन क्रिया को कमजोर बनता है जिससे खाना पचने में परेशानी होने लगती है। इन सभी बातो के अतिरिक्त जंक फ़ूड और स्ट्रीट फ़ूड बनाते समय साफ़ सफाई का बिलकुल ध्यान नही रखा जाता है। इसीलिए गर्भावस्था के दौरान इस तरह के भोजन के सेवन से माँ और शिशु दोनों को ही इन्फेक्शन और कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अपने और शिशु के अच्छी सेहत के लिए जरुरी है के आप घर पर बने भोजन का ही सेवन करें।

मेथी दाना

मेथी दाना हमारे इंडियन मसालों में बहुत ही प्रसिद्ध है और कई व्यंजन तो इसके प्रयोग के बिना स्वादिष्ट ही नहीं लगते है। लकिन क्या आप जानते है गर्भावस्था में मेथी दाने के प्रयोग से मिसकैरिज का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपकी गर्भावस्था के अंतिम भाग में है कहने का मतलब जल्द ही डिलीवरी का समय आने वाला है तो आप मेथी दाने का सेवन कर सकते है। परन्तु यदि आप गर्भवस्था के शुरुआती समय में ही खड़े है तो मेथी कर प्रयोग आपके लिए पूर्णतः निषेध है क्योंकि इसके सेवन से ना सिर्फ गर्भपात बल्कि समय से पहले भी डिलीवरी होने का खतरा बना रहता है।

इसके अतिरिक्त जो लोग मेथी का सेवन करते है उन्हें कुछ दवाइयाँ से भी एलर्जी हो सकती है। इसीलिए अपने डॉक्टर से मिलने पर मेथी के सेवन के बारे में जरूर बताये।

अंडे और मीट

अगर आप अंडे और मीट का सेवन करती है तो गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में इन चीजों का सेवन बंद कर दे। अंडरकुक्ड मीट और अंडो में बैक्टीरिया होता है जो आपको और शिशु को कई तरह की बीमारियों और इन्फेक्शन से ग्रसित कर सकता है। गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में तो अंडे और मिट का सेवन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। अगर हम ऐसा ना करे तो अजन्मे शिशु में जन्म के समय कई प्रकार की विकलांगता हो सकती है जैसे की अंधापन, न्यूरोलॉजिकल प्रोब्लेम्स, अन्य डिसेबिलिटी आदि।

गर्भावस्था के पहले महीने से लेकर चौथे महीने तक मीट और अंडो का सेवन नहीं करना चाहिए। उसके बाद भी यदि गर्मियों के दिन है तो भी इनके सेवन से जहां तक हो बचना चाहिए। फिर भी अगर आप चाहें तो गर्भावस्था में अंतिम तीन महीनो में अच्छे से पके हुए मीट और अंडो का सेवन कर सकती है।

गर्मियों में गर्भावस्था के दौरान अच्छे से पके हुए भोजन का इस्तेमाल करना चाहिए। घर पर साफ़ सफाई से बना हुआ भोजन माँ और शिशु दोनों के लिए सेहतमंद होता है। इसके अतिरिक्त गर्मियों में प्यास बुझाने के लिए तरल प्रदार्थो में छाछ, दूध, दही, ग्रीन टी, फलो का रस व अन्य शरबत जो घर में बने हो उनका इस्तेमाल करें।