आठवें महीने यदि शिशु की हलचल कम हो गई है तो यह करें

गर्भ में शिशु का हलचल करना महिला के लिए प्रेगनेंसी का सबसे अनोखा और खास अनुभव होता है। शुरुआत में शिशु का विकास जब पूरा नहीं होता है तो शिशु कम हलचल करता है लेकिन जैसे जैसे शिशु का विकास बढ़ता है वैसे वैसे शिशु की हलचल बढ़ने लग जाती है।

परन्तु फिर भी शिशु के हलचल करने का कोई तय समय नहीं होता है और न हो शिशु दिन में कितनी बार हलचल करेगा इसका कोई हिसाब होता है। परन्तु प्रेग्नेंट महिला को शिशु की हलचल से जुडी कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है जैसे की शिशु ने कितने समय से हलचल नहीं की है, पहले शिशु ज्यादा हलचल करता था लेकिन अब कम कर रहा है, आदि।

क्योंकि गर्भ में शिशु का हलचल करना शिशु के स्वस्थ होने की और इशारा करता है लेकिन यदि शिशु हलचल कम करें या कभी कभार लम्बे समय तक शिशु की हलचल महसूस न हो तो यह गंभीर समस्या हो सकती है। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको गर्भ में शिशु की हलचल से जुडी जानकारी व् शिशु की हलचल कम होने पर क्या करना चाहिए उसके बारे में बताने जा रहे हैं।

गर्भ में शिशु कब ज्यादा हलचल करता है?

कई बार ऐसा हो सकता है की जब आप काम कर रही हो या किसी काम में ज्यादा बिज़ी हो तब गर्भ में शिशु हलचल करें और आपको इसका पता भी न चले। और उसके बाद जब आप आराम से बैठ जाये तो शिशु हलचल न करें लेकिन इसका उल्टा भी हो सकता है की जब आप काम करें तो शिशु हलचल कम करें लेकिन जैसे ही आप बैठें तो गर्भ में शिशु जाग जाये और ज्यादा हलचल करें।

साथ ही जब गर्भ में शिशु का विकास बढ़ता है तो शिशु के सुनने की क्षमता में भी वृद्धि होती है। और ऐसे में जब भी शिशु बाहर से आने वाली कोई भी तेज आवाज़ सुनता है तो शिशु उस पर प्रक्रिया देता है। और हलचल करता है, कई बारे शिशु गर्भ पर तेज रौशनी पड़ने, आस पास आने वाली आवाज़ों को सुनकर, माँ के गर्भ पर हाथ फेरने आदि प्रक्रियाओं पर अधिक हलचल करता है।

गर्भ में शिशु की हलचल कम होने के कारण

  • यदि गर्भ में पल रहे शिशु की हलचल कम हो गई है तो इसका मतलब होता है की गर्भ में शिशु के विकास में कोई दिक्कत है यानी की शिशु स्वस्थ नहीं है।
  • आठवें महीने में गर्भ में शिशु का विकास सम्पूर्ण हो चूका होता है ऐसे में शिशु को गर्भ में घूमने की जगह कम मिलती है जिसकी वजह से शिशु की हलचल में कमी महसूस हो सकती है।
  • यदि गर्भ में शिशु को कोई गंभीर दिक्कत हो जाये तो इसकी वजह से भी शिशु की हलचल में कमी आ सकती है।

शिशु की हलचल महसूस कम होने पर क्या करें?

यदि आपको ऐसा लग रहा है की शिशु ने बहुत देर तक हलचल नहीं की है तो इसे अनदेखा नहीं करें और कुछ न कुछ घरेलू नुस्खें जरूर ट्राई करें जिससे शिशु की हलचल को महसूस करने में मदद मिल सकें। जैसे की:

ठंडा पानी पीएं

सबसे पहले ठंडा पानी पीएं इससे शरीर के तापमान में एक दम से बदलाव आएगा जिसकी वजह से शिशु को अलग महसूस होगा। और इसकी वजह से शिशु हलचल करना शुरू कर देगा।

पेट पर हाथ फिराएं

ऐसा माना जाता है की यदि गर्भ पर कोई हाथ फेरता है तो शिशु इसे भी महसूस करता है और अपनी प्रतिक्रिया देता हैं। ऐसे में आप भी ऐसा दो से चार मिनट तक जरूर करें। ऐसा करने से हो सकता है की गर्भ में शिशु हलचल करना शुरू कर दे।

तेज आवाज़ करें

गर्भ में शिशु के बढ़ते विकास के साथ शिशु की सुनने की क्षमता में भी इजाफा होता है। ऐसे में आप तेज आवाज़ में गाना चलाएं हो सकता है की तेज आवाज़ सुनकर गर्भ में शिशु अपनी प्रतिक्रिया दे और हलचल करना शुरू कर दें।

आराम से बैठ जाएँ

अधिकतर शिशु हलचल तब करते हैं जब महिला आराम करने के लिए जाती है ऐसे में आप एक जगह शांत बैठ जाये या फिर करवट लेकर लेट जाएँ। और फिर देखें की गर्भ में शिशु हलचल करता है या नहीं करता है।

डॉक्टर से मिलें

यदि ऊपर दिए गए टिप्स को ट्राई करने के बाद भी गर्भ में शिशु हलचल नहीं करें तो आपको इसे अनदेखा न करते हुए तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। यदि आधी रात को भी आपको कुछ ऐसा महसूस हो तो भी आपको इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए क्योंकि कई बार शिशु के हलचल न करने का कारण गंभीर होता है। ऐसे में आपको डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए।

तो यह हैं कुछ टिप्स जो आपको शिशु की हलचल न महसूस होने पर ट्राई करना चाहिए। यदि आप भी माँ बनने वाली है तो आपको भी इन सभी टिप्स की जानकारी जरूर होनी चाहिए। क्योंकि यदि आप इस जानकारी को अपने पास रखती है तो इससे गर्भ में पल रहे शिशु को स्वस्थ रखने में आपको मदद मिलती है।

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