बच्चे को गोरा करने के उपाय

How To Fair Baby Skin Color?

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दुनिया की हर माँ चाहती है की उसका बच्चा गोरा, सुंदर और आकर्षक बने। जिसके लिए वे क्या कुछ नहीं करती। बच्चे की साफ़ सफाई करती है, उसकी नियमित देखभाल करती है, प्रसव से पूर्व बच्चे का रंग निखारने वाले खाद्य पदार्थों का भी सेवन करती है। लेकिन कई बार इतना सब करने के बाद भी बच्चे के रंग दबा हुआ होता है।

ऐसे में माँ समझ ही नहीं पाती की करें तो क्या? क्योंकि उसके जन्म से पूर्व उसने जितने भी उपाय किये थे उनका बच्चे की स्किन पर कोई प्रभाव नहीं आया। ऐसे में महिलाएं काफी निराश भी हो जाती है। जबकि उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि बच्चे का रंग 6 महीने तक बदलता रहता है यानी इस बीच बच्चे के रंग कभी डार्क हो जाता है तो कभी लाइट हो जाता है।बच्चे गोरा करने के उपाय

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और ये भी सच है की अक्सर जन्म के बाद बच्चे का रंग थोड़ा दब जाता है जो बाद में अपने आप उम्र बढ़ने के साथ-साथ ठीक हो जाता है। वास्तव में इसका कारण त्वचा में मौजूद milanin pigement होता है जिसके अधिक होने पर त्वचा का रंग दबा हुआ होता है। इसके अतिरिक्त अनुवांशिक कारणों यानी माँ बाप के रंग की वजह से भी कई बार बच्चे का रंग दबा हुआ हो जाता है। ऐसे में परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि सही समय आने पर बच्चे का रंग अपने आप ही साफ़ हो जाता है।

इसके अलावा भी कुछ तरीके और उपाय है जिनकी मदद से आप अपने बच्चे के रंग को साफ़ कर सकती है। इन उपायों से आपका बच्चा और बच्चों की तरह बिलकुल गोरा तो नहीं होगा लेकिन हां, उसकी त्वचा के रंग में कुछ फर्क जरूर आएगा। और अगर आप सोच रही है की मालिश करने से आपका बच्चा गोरा हो जाएगा तो समझ लें की मालिश करने से बच्चा गोरा नहीं होता बल्कि उसकी हड्डियां और मासपेशियां मजबूत होती है। यहाँ हम आपको उन्ही कुछ उपायों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे है। तो आइये जानते है क्या है वे उपाय।

बच्चे का रंग गोरा करने की टिप्स :-

1. गर्म तेल की मालिश :child

दुनिया की हर माँ जानती है की गर्म तेल की मालिश बच्चे के लिए बहुत लाभकारी होती है। ये न केवल उसकी हड्डियों को मजबूत बनाती है बल्कि मुलायम मांसपेशियों को भी नयी ताकत प्रदान करती है जिससे वे अन्य क्रियायों में भाग लेने के सक्षम हो पाते है। नवजात शिशु को नियमित रूप से मालिश की आवश्यकता होती है। जिससे उसकी स्किन पर एक नमी की परत बनी रहती है जो उसकी स्किन को ड्राई और रुखा नहीं होने देती। हां, ये बच्चे का रंग गोरा तो नहीं कर सकती लेकिन उसकी देखभाल करने के लिए इससे बेहतर और कोई उपाय नहीं है।

2. रोजाना स्नान :

छोटे बच्चों को नहलाने के लिए न बहुत ज्यादा ठंडे और न बहुत ज्यादा गर्म पानी की आवश्यकता है। क्योंकि उनकी त्वचा बहुत संवेदनशील होती है। ऐसे में अगर आप बहुत ठंडे या बहुत गर्म पानी का प्रयोग करेंगे तो दुष्परिणाम सामने आ सकते है। जिससे उसकी त्वचा का रंग और सांवला हो सकता है। इसीलिए छोटे बच्चों को हमेशा गुनगुने पानी से ही नहलाना चाहिए।

3. बेबी के लिए उबटन :

यह उबटन केवल नवजात शिशुओं के लिए बनाया जाता है जिससे उनकी स्किन को कोई नुकसान भी नहीं होता और उनके रंग में भी फर्क आ जाता है। इसके लिए आप बेसन, पानी, दूध और बेबी आयल को बराबर मात्रा में एक साथ मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट से बच्चे के शरीर को हलके हाथों से रगड़ें। इसके प्रयोग से बच्चे की स्किन में चमक भी आएगी और रक्त परिसंचरण भी बेहतर होगा।

4. मॉइस्चराइज़र :

बच्चों की त्वचा की अतिरिक्त देखभाल करने की आवश्यकता होती है। जिसके लिए आप मॉइस्चराइज़र का प्रयोग कर सकते है। इसके लिए हमेशा अच्छे और बेस्ट क्वालिटी और ब्रांड वाले मॉइस्चराइज़र का ही प्रयोग करें। बच्चे की स्किन को रुखा होने से बचाने के लिए 4 घंट के अंतराल में उसकी त्वचा पर मॉइस्चराइज़र लगाते रहे। ऐसा करने से बच्चों का रंग तो साफ होगा ही साथ-साथ त्वचा का रूखापन भी दूर हो जाएगा।

5. साबुन का इस्तेमाल नहीं :

छोटे बच्चों की स्किन पर कभी भी साबुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि साबुन बच्चों की त्वचा की बाहरी परत को हटा देता है जिससे वे रूखी और बेजान हो जाती है। इसकी बजाय आप दूध, क्रीम (मलाई) या गुलाबजल से बच्चे की स्किन साफ़ कर सकती है। चाहे तो ग्लिसरीन और क्रीम से बने बेबी वाश का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

6. बच्चे को धुप दिखाए:

धुप बच्चों के लिए बहुत अच्छी होती है। ये न केवल उनके शरीर में रक्त संचार को बढ़ाती है बल्कि उसके शरीर को खोलने में भी मदद करती है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है की आप उसे रोजाना धुप में ले जाएँ। क्योंकि लम्बे समय तक धुप के सम्पर्क में रहने से बच्चे का रंग दब सकता है। जबकि अल्प समय की धुप उसको बहुत से फायदे प्रदान करती है।

7. पानी :

पानी बच्चे ही नहीं बलकि बड़ों की स्किन को साफ़ करने के लिए भी बेहतर उपाय है। ये बच्चे में dehydration की समस्या को नहीं बढ़ने देता। पानी न केवल एक अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करता है बल्कि साफ़ सुथरी त्वचा भी देता है। इसीलिए अगर आपके बच्चे की उम्र कुछ ज्यादा है तो उसे पानी का खूब सेवन कराएं।

8. फलो का रस :

6 महीने के बाद के बच्चों का रंग साफ़ करने के लिए फलों का रस वाकई एक जादुई उपाय है। अंगूर का रस पिलाने से बच्चे की त्वचा का रंग अच्छा होने लगता है। सेब और नारंगी जैसे फलों का रस भी उसका रंग निखारने में मदद कर सकते है।

9. चंदन :

आप अपने बच्चे के चंदन से स्नान करवा कर भी गोरा बना सकती है। इसके लिए चन्दन पाउडर में दूध मिलाकर पेस्ट को बच्चे के शरीर पर लगाएं और हलके हाथों से सफाई करें। इससे बच्चे के शरीर पर मौजूद दाग भी खत्म हो जाएंगे और उसकी त्वचा का रंग भी बेहतर होगा।

10. साफ़ सफाई :

बच्चों की त्वचा को निखारने का एक तरीका उसकी साफ़ सफाई रखना भी है। क्योंकि अगर आपका बच्चा यु ही गन्दा संदा घूमता रहेगा तो उसकी स्किन का डार्क होना तय है। ऐसे में आपकी जिम्मेदारी है की उसे अच्छे से नहला धुलाकर साफ़ कपड़े पहनकर रखें। और अगर वे गंदगी या धूल मिटटी में खेलता है तो उसे वहां खेलने से रोके।

ये थे कुछ तरीके जिनकी मदद से आप अपने बच्चों के रंग को डार्क होने से बचा भी सकती है और उसे कुछ कम भी कर सकती है। लेकिन ध्यान रहे छोटे बच्चे की स्किन बहुत नाजुक होती है। उसपर किसी भी चीज का अधिक इस्तेमाल हानिकारक होता है जो बच्चों के लिए ठीक नहीं। इसीलिए तरीकों का प्रयोग ध्यान से ही करें।

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