यह 10 काम डिलीवरी डेट आने से पहले ही कर लें

डिलीवरी डेट आने से पहले कौन से काम कर लेने चाहिए, प्रेगनेंसी के दौरान महिला अपने अच्छे से ध्यान रखती है। ताकि गर्भवती महिला को सेहत सम्बन्धी समस्या से बचे रहने के साथ भ्रूण के बेहतर विकास में भी मदद मिल सके। लेकिन कुछ तैयारियां प्रेग्नेंट महिला को प्रसव से पहले भी कर लेनी चाहिए। ताकि डिलीवरी के दौरान आपको किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो। क्योंकि ऐसा जरुरी नहीं होता है की जो तिथि आपको डॉक्टर ने दी उसी दिन शिशु का जन्म होगा। बल्कि नौवें महीना लगने के बाद शिशु का जन्म कभी हो सकता है। ऐसे में आपको उसकी तैयारी पहले से ही कर लेनी चाहिए। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको वह 10 काम बताने जा रहे हैं जो डिलीवरी डेट आने से पहले ही गर्भवती महिला को कर लेने चाहिए।

एक लिस्ट बनाएं

  • डिलीवरी डेट के आने से पहले महिला को सबसे पहले एक लिस्ट तैयार करनी चाहिए।
  • जिसमे प्रेग्नेंट महिला को सभी जरुरी कामों को एक एक करके लिखना चाहिए।
  • और जैसे जैसे आप काम करते जाएँ वैसे वैसे उन्हें टिक करते जाएँ।
  • ऐसा करने से आपके सभी काम भी हो जायेंगे और कुछ मिस भी नहीं होगा।

अल्ट्रासॉउन्ड व् अन्य जांच करवाएं

  • नौवें महीने की शुरुआत में डॉक्टर आपको अल्ट्रासॉउन्ड या कुछ जांच करवाने के लिए बोल सकते हैं।
  • ताकि गर्भ में शिशु की सही पोजीशन के बारे में जानने में मदद मिल सकें।
  • तो ऐसे में बिना देरी किए आपको समय से अल्ट्रासॉउन्ड व् जांच करवानी चाहिए।

प्रसव की जानकारी इकट्ठी करें

  • कुछ महिलाएं डिलीवरी का समय पास आने पर डरने लग जाती हैं व् तनाव लेने लगती है।
  • इसका कारण महिला का डिलीवरी को लेकर परेशान होना हो सकता है।
  • लेकिन इस दौरान तनाव व् डर प्रेग्नेंट महिला की दिक्कत को बढ़ा सकता है।
  • ऐसे में महिला को इस डर को कम करने के लिए प्रसव से जुडी जानकारी इक्कठी करनी चाहिए।
  • ताकि प्रसव को आसान बनाने में मदद मिल सकें।
  • प्रसव से जुडी जानकारी के लिए महिला अपने घर के किसी बड़े की राय, किताबे, इंटरनेट आदि का इस्तेमाल कर सकती है।

डिलीवरी डेट आने से पहले अपनी रिपोर्ट्स एक साथ रखें

  • डिलीवरी से पहले महिला को अपनी सभी रिपोर्ट्स को एक साथ रख लेना चाहिए।
  • चाहे फिर वो महिला की एक से नौ महीने की प्रेगनेंसी की हो या किसी पुरानी मेडिकल हिस्ट्री से जुडी हो।
  • ताकि प्रसव के दौरान आपको और डॉक्टर दोनों को आसानी हो सके।

डिलीवरी डेट आने से पहले अपने लिए शॉपिंग करें

  • प्रसव से पहले महिला को अपने लिए शॉपिंग भी करनी चाहिए।
  • जैसे की अपने लिए दो तीन खुली नाइटी, खुली ब्रा, पैंटी, सेनेटरी पैड, व् अन्य जरुरी सामान खरीदना चाहिए।
  • यदि ठण्ड का मौसम है तो महिला को टोपी, रुमाल, जुराब, आदि भी खरीदनी चाहिए।
  • आप चाहे तो कुछ छोटे कपडे भी जो शिशु के लिए जरुरी हैं वो भी खरीद सकते हैं।

इंशोरेंस व् जरुरी कागज़ का ध्यान रखें

  • उसके बाद महिला को को यदि कोई इंशोरेंस है उसके कागज़ आदि सभी एक साथ रखने चाहिए।
  • हॉस्पिटल में किसी आइडेंटिटी प्रूफ की जरुरत भी पड़ सकती है।
  • महिला उसे भी निकाल कर एक साथ रख लें, ताकि हॉस्पिटल में इन चीजों के कारण महिला को कोई परेशानी न हो।

डिलीवरी डेट आने से पहले डिलीवरी बैग तैयार करें

  • प्रसव के पहले महिला को अपने एक डिलीवरी बैग तैयार करना चाहिए जिसमे महिला को वो सभी जरुरी सामान रखना चाहिए जिसकी महिला को हॉस्पिटल में जरुरत पड़ सकती है।
  • जैसे की महिला को अपने कपडे, शिशु के कपडे, कम्बल, चादर, जरुरी कागज़, थोड़ा कैश, आदि सभी सामान डिलीवरी बैग में रख लेना चाहिए।

घर में अकेले न रहें

  • प्रसव का समय पास आने पर प्रेग्नेंट महिला को घर में अकेले नहीं रहना चाहिए।
  • बल्कि घर में हमेशा किसी न किसी को अपने पास रखना चाहिए।
  • क्योंकि डिलीवरी पेन आपको कब शुरू हो जाए इसके बारे में बताना थोड़ा मुश्किल होता है।
  • ऐसे में प्रेग्नेंट महिला व् शिशु को कोई दिक्कत न हो इसके लिए हमेशा किसी के साथ ही रहना चाहिए।

शिशु के लिए जरुरी सामान घर में मँगवालें

  • प्रसव से पहले ही आपको घर में वो जरुरी सामान मंगवा लेना चाहिए जिसकी जरुरत आपको शिशु के घर में आते ही पड़ने वाली है।
  • ताकि डिलीवरी के बाद भी आपको किसी तरह का तनाव न हो और आपको और शिशु को कोई दिक्कत न हो।

डॉक्टर से बात कर लें

  • प्रसव का समय पास आने से पहले लगातार प्रेग्नेंट महिला को डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए।
  • डॉक्टर से राय लेते रहना चाहिए और हर चार से पांच दिन में अपनी जांच करवानी चाहिए।
  • किसी भी दिक्कत के होने पर डॉक्टर के पास जल्दी से जल्दी जाना चाहिए।

तो यह हैं वो काम जो प्रेग्नेंट महिला को प्रसव का समय आने से पहले ही कर लेने चाहिए। ताकि गर्भवती महिलाको प्रसव के दौरान होने वाले तनाव से बचाव करने में मदद मिल सके। साथ ही डिलीवरी के बाद भी महिला को किसी भी तरह की दिक्कत न हो।

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