डिलीवरी के बाद चालीस दिन तक क्या-क्या ख्याल रखना जरुरी होता है?

डिलीवरी के बाद महिला की देखभाल

शिशु को स्वस्थ जन्म देने के लिए प्रेग्नेंट महिला नौ महीने तक बहुत सी जटिलताओं का सामना करती है। और जैसे ही वो नन्हा मेहमान इस दुनिया में आता है महिला उसे देखकर अपनी सभी दिक्कतों को भूल जाती है। लेकिन सच तो यह हैं की प्रेगनेंसी के नौ महीने ही नहीं बल्कि डिलीवरी के बाद भी महिला को अपना अच्छे से ध्यान रखने की जरुरत होती है। क्योंकि डिलीवरी के बाद महिला के शरीर में काफी कमजोरी आ जाती है, महिला को टाँके भी लग सकते है, और शिशु को स्तनपान करवाने के साथ शिशु की बेहतर केयर की जिम्मेवारी भी महिला पर ही होती है। इसके अलावा महिला की डिलीवरी नोर्मल तरीके से होती है या सिजेरियन इसका ध्यान रखना भी जरुरी होता है। क्योंकि नोर्मल डिलीवरी वाली महिलाओं को जहां जल्दी रिकवर होने में मदद मिलती है वहीँ सिजेरियन डिलीवरी वाली महिला को रिकवर होने में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है।

डिलीवरी के बाद महिला ऐसे रखे अपना ख्याल

शिशु को जन्म देने के बाद भी महिला को अपने साथ शिशु का भी अच्छे से ध्यान रखना पड़ता है। ऐसे में डिलीवरी के बाद यदि महिला अपना अच्छे से ध्यान रखेगी तभी महिला को जल्दी स्वस्थ होने के साथ शिशु के विकास को भी बेहतर तरीके से होने में मदद मिलेगी। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की डिलीवरी के बाद किस तरह महिला को अपना ध्यान रखना चाहिए।

खान पान का ध्यान रखें

महिला को डिलीवरी के बाद जल्दी फिट होने के लिए सबसे पहले अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि महिला अपने आहार में जितने अधिक पोषक तत्वों को शामिल करती है उतना ही ज्यादा महिला के शरीर को पोषण मिलता है और महिला को तेजी से फिट होने में मदद मिलती है। इसके लिए महिला को हरी सब्जियां, फल, सलाद, फलों का रस, दालें, दलिया, घी, ड्राई फ्रूट, दूध व् दूध से बनी चीजें, आदि का भरपूर सेवन करना चाहिए। लेकिन सिजेरियन डिलीवरी वाली महिलाओं को घी व् अधिक वसा युक्त चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि इनके कारण टांकों को सेट होने में ज्यादा समय लग सकता है। और इसके लिए आप चाहे तो एक बार डॉक्टर से राय भी ले सकती है।

आराम करें

डिलीवरी के बाद कम से कम चालीस दिन तक महिला को भरपूर आराम करना चाहिए, और किसी भी तरह का काम नहीं करना चाहिए, चाहे वो घर का काम ही क्यों न हो। घर के कामो को करने के लिए आपको किसी की मदद लेनी चाहिए, न ही ज्यादा बोलना चाहिए, न ज्यादा देर बैठना चाहिए, बस जितना हो सके आराम करना चाहिए। और इन दिनों में महिला जितना अच्छे से आराम करती है उतना ही ज्यादा महिला को तेजी से रिकवर होने में मदद मिलती है।

साफ़ सफाई

प्रेगनेंसी के नौ महीने तक महिला को ब्लीडिंग नहीं होती है, लेकिन डिलीवरी के बाद महिला को हैवी ब्लीडिंग हो सकती है। ऐसे में महिला को अपने प्राइवेट पार्ट की साफ़ सफाई का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि यदि महिला साफ़ सफाई का अच्छे से ध्यान नहीं रखती है तो इसके कारण महिला को संक्रमण की समस्या हो सकती है। साथ ही सिजेरियन डिलीवरी वाली महिला को टांको के आस पास की सफाई का भी अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। और यदि नोर्मल डिलीवरी वाली महिला को भी टांके लगे है तो उन्हें भी टांको के आस पास सफाई का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि साफ़ सफाई न रखने के कारण महिला को इन्फेक्शन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

उठने, बैठने, लेटने का ध्यान रखें

डिलीवरी के बाद महिला का शरीर काफी कमजोर हो जाता है, साथ ही हैवी ब्लीडिंग, टांको के कारण महिला को उठते, बैठते, लेटते समय परेशानी का अनुभव हो सकता है। ऐसे में महिला को बहुत संभलकर उठना बैठना चाहिए और यदि आप चाहे तो उठने बैठने के लिए किसी की मदद भी ले सकते हैं, या फिर आराम से पूरी सावधानी के साथ किसी चीज का सहारा लें। ताकि महिला को उठते, बैठते, लेटते समय किसी भी तरह की परेशानी का अनुभव न हो।

तनाव न लें

शिशु के जन्म के बाद बॉडी में आये बदलाव, प्रसव के बाद होने वाली परेशानी, शिशु की जिम्मेवारी और शिशु की बेहतर केयर किस तरह की जाये इसे लेकर महिला परेशान हो सकती है। जिसके कारण महिला तनाव में आ सकती है। ऐसे में महिला को तनाव लेने से बचना चाहिए क्योंकि तनाव लेने के कारण महिला की परेशानी कम नहीं होती है बल्कि महिला को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। और महिला ठीक होने की जगह बीमार हो सकती है।

स्तनपान

प्रसव के बाद महिला को शिशु को स्तनपान जरूर करवाना चाहिए, क्योंकि इसके कारण डिलीवरी के बाद महिला को जल्दी फिट होने में मदद मिलती है। साथ ही स्तनपान करवाने से शिशु के बेहतर विकास में ही नहीं बल्कि महिला को डिलीवरी के बाद बढ़े हुए वजन को कम करने, ब्रेस्ट कैंसर की समस्या से बचे रहने, गर्भाशय को तेजी से अपने आकार में वापिस आने में मदद मिलती है। इसीलिए महिला को बेबी को डिलीवरी के बाद फीड जरूर करवाना चाहिए।

मेटरनिटी बेल्ट

डिलीवरी के बाद महिला को उठने, बैठने में परेशानी होने के साथ कमर में दर्द की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में इस परेशानी से बचने के लिए महिला को मेटरनिटी बेल्ट का इस्तेमाल करना चाहिए। इस बेल्ट को पेट पर बांधने से न केवल महिला को उठने बैठने में आसानी होती है बल्कि पेट, पीठ, कमर में होने वाले दर्द की समस्या से राहत पाने में भी मदद मिलती है।

मालिश करवाएं

शरीर में आई कमजोरी को दूर करने के लिए, तनाव से राहत के लिए, स्किन के ढीलेपन को दूर करने के लिए महिला को मालिश जरूर करवानी चाहिए चाहिए। नोर्मल डिलीवरी वाली महिलाएं जहां डिलीवरी के एक हफ्ते के भीतर ही मालिश करवाना शुरू करवा सकती हैं, वहीँ सिजेरियन डिलीवरी वाली महिलाओं को मालिश करवाने के लिए थोड़ा इंतज़ार करना चाहिए, और टांको के अच्छे से सेट होने के बाद मालिश करवानी चाहिए।

दवाइयों का सेवन

डिलीवरी के बाद महिला को जल्दी फिट होने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई सभी दवाइयों का सेवन करना चाहिए। लेकिन महिला को इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए की डॉक्टर से बिना पूछे अन्य किसी और दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसके कारण महिला को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

तो यह हैं कुछ टिप्स जिनका ध्यान गर्भवती महिला को जरूर रखना चाहिए। ताकि डिलीवरी के बाद महिला को अच्छे से फिट होने में मदद मिल सके। साथ ही महिला स्वस्थ होने के बाद अपने शिशु के बेहतर विकास के लिए भी अच्छे से ध्यान रख सके।

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