डिलीवरी के बाद क्या-क्या समस्या आती हैं? और क्या हैं उपाय जानिए

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प्रसव के बाद महिला की बॉडी में बहुत से बदलाव आते है जिसके कारण महिला को बहुत परेशानी भी होती हैं, जैसे की बहुत ज्यादा रक्तस्त्राव, कमजोरी, ब्रेस्ट में सूजन व् दर्द, यूरिन इन्फेक्शन, उठने बैठने में परेशानी, तनाव आदि। ऐसे में इन परेशानियों से बचाव करने और महिला को वापिस से फिट होने में डिलीवरी के बाद थोड़ा समय लगता हैं। और यदि महिला अपनी अच्छे से केयर करती हैं साथ ही अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखती हैं तो धीरे धीरे महिला फिट होने लगती हैं। तो आइये अब विस्तार से जानते है की प्रसव के बाद महिला को कौन कौन सी समस्या आती है और आप किस प्रकार उनसे निजात पा सकते है।

अधिक रक्तस्त्राव

डिलीवरी के बाद रक्तस्त्राव का होना आम बात होता हैं, और यह माहवारी से अधिक होता हैं और ज्यादा दिनों के लिए होता हैं। ऐसे में यदि आप हर दो घंटे में पैड बदलने की जरुरत पड़े और रक्तस्त्राव दो हफ्ते बाद तक भी बहुत ज्यादा हो तो इसका कारण गर्भशय में संक्रमण हो सकता हैं। और इसे आपको नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और एक बार डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए।

यूरिन इन्फेक्शन

कई महिलाओं को यूरिन में इन्फेक्शन की समस्या का भी डिलीवरी के बाद सामना करना पड़ता हैं, और इसके होने के कारण यूरिन करते समय जलन व् दर्द का अनुभव होने के साथ कई बार एक दम से यूरिन पास करने की तीव्र इच्छा होती हैं, जिसके कारण महिला को प्रसव के बाद परेशानी होती हैं। और इस परेशानी से बचने का सबसे आसान तरीका होता हैं की पानी का सेवन भरपूर मात्रा में करें। और यदि पेट के निहले हिस्से में दर्द आदि की भी अधिक परेशानी हो तो एक बार डॉक्टर को भी जरूर दिखाना चाहिए।

वजाइनल डिस्चार्ज

कई महिलाओं को रक्त के साथ सफ़ेद पानी भी अधिक गिरने लगता हैं, ऐसा थोड़ा बहुत होना डिलीवरी के बाद जहां सामान्य होता हैं, वहीँ इसका अधिक आना महिला को शारीरिक रूप से और कमजोर बना देता हैं। इसके लिए आपको डॉक्टर से चेक जरूर करवाना चाहिए।

ब्रेस्ट में सूजन या दर्द

प्रसव के तुरंत बाद महिला के ब्रेस्ट में दूध उतरने लगता हैं, और यदि शिशु उस दूध को पूरा नहीं पीता हैं, तो ब्रेस्ट में दर्द, सूजन, लालिमा आदि आने लगती हैं। या फिर यदि महिला के ब्रेस्ट में दूध नहीं उतरता हैं और आप दूध निकालने के लिए ब्रेस्ट पर दबाव डालती हैं तो भी ऐसा हो सकता हैं। ऐसे में यदि ब्रेस्ट में दूध ज्यादा आता हैं तो आपको उसे दबाकर निकाल देना चाहिए, और यदि नहीं आता हैं तो घरेलू तरीको का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे दुग्ध नलिकाएं खुल जाएँ, ऐसा करने से आपको डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट से जुडी परेशानी से निजात पाने में मदद मिल सकती हैं।

ब्रेस्ट साइज में बदलाव

शिशु के लिए दूध जब ब्रेस्ट में उतरता हैं तो ब्रेस्ट साइज बढ़ जाता हैं, ऐसे में महिला अपने फिगर को लेकर थोड़ा परेशान हो जाती हैं। लेकिन इसमें परेशानी की कोई बात नहीं होती हैं। क्योंकि जैसे शिशु दूध पीना बंद करता हैं उसके बाद धीरे धीरे ब्रेस्ट शेप में आ जाता हैं, और साथ ही आपको एक बात का खास ध्यान रखना चाहिए की ब्रा हमेशा अपने साइज का ही पहनना चाहिए।

कमजोरी व् दर्द की समस्या

शिशु के जन्म के बाद महिला के शरीर में कमजोरी आना आम बात होती हैं, साथ ही महिला को पेट व् कमर के साथ सिर में दर्द की समस्या भी हो सकती हैं। और ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए महिला को पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना चाहिए और बॉडी को आराम देना चाहिए जिससे कमजोरी व् दर्द से आपको राहत मिल सके।

उठने बैठने में परेशानी

नोर्मल से ज्यादा सिजेरियन डिलीवरी वाली महिलाओं को उठने बैठने में अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता हैं, ऐसे में आप पेट के बेल्ट का इस्तेमाल कर सकती है इससे आपको इस परेशानी से बचाने में मदद मिलती हैं। साथ ही आप सीधा न उठें बल्कि उठने के लिए पहले करवट लें, और आराम से उठें इससे आपको दर्द से राहत पाने में मदद मिलेगी।

बवासीर

प्रसव के दौरान पेट के निचले हिस्से की कोशिकाओं पर अधिक दबाव पड़ता हैं जिसके कारण आपको बवासीर जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता हैं, इस दौरान कब्ज़ की समस्या भी अधिक होती हैं, जिसके कारण भी आपको यह परेशानी हो सकती हैं। ऐसे में आपको जितना हो सके तरल पदार्थो का अधिक सेवन करना चाहिए, इससे आपको कब्ज़ और प्रसव के बाद होने वाली परेशानी से निजात पाने में मदद मिलती हैं।

स्ट्रेचमार्क्स की परेशानी

हार्मोनल बदलाव और स्किन में खिंचाव होने के कारण कुछ महिलाओं को पेट, जांघ, कूल्हे, और ब्रेस्ट पर स्ट्रेचमार्क्स जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता हैं। जिसके कारण महिला की ख़ूबसूरती कम हो सकती हैं, ऐसे में आप वैसे तो प्रेगनेंसी के तीसरे महीने से ही पेट के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं, और यदि आपको डिलीवरी के बाद स्ट्रेचमार्क्स हो गए है तो आप क्रीम, लोशन, या तेल आदि का इस्तेमाल करके इससे निजात पा सकते है।

तनाव

शिशु की जिम्मेवारी, बॉडी में आए परिवर्तन, को लेकर कई बार महिला को प्रसव के बाद तनाव जैसी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता हैं। ऐसे में इससे बचने के लिए आपको अपनी परेशानियों को शेयर करना चाहिए, परिवार के किसी न किसी एक सदस्य को हमेशा अपने पास रखना चाहिए, खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए, एक बार डॉक्टर से राय लेनी चाहिए, ऐसा करने से आपको इस परेशानी से निजात पाने में मदद मिलती हैं।

बाल झड़ने की समस्या

डिलीवरी के बाद महिला को बाल झड़ने जैसी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता हैं। ऐसे में महिला को अपने बालों की मसाज आदि करवानी चाहिए, जिससे बालों को मजबूती मिलें।

सम्बन्ध बनाने में परेशानी

डिलीवरी के बाद सम्बन्ध बनाने के दौरान भी आपको परेशानी हो सकती हैं, ऐसे में कम से कम दो से तीन महीने तक आपको इससे परहेज करना चाहिए। और इस परेशानी से निजात पाने के लिए आपको अपने पार्टनर का भरपूर सहयोग लेना चाहिए ताकि आपको जल्दी से जल्दी शारीरिक व् मानसिक रूप से फिट होने में मदद मिल सकें।

मोटापा

प्रसव के बाद ज्यादातर महिलाएं पेट के बाहर आने और वजन बढ़ने की समस्या से परेशान रहती हैं। ऐसे में शुरुआत में आपको अपने खान पान में लापरवाही नहीं करनी चाहिए, क्योंकि शिशु का खान पान आप पर ही निर्भर करता हैं, और यदि आप किसी तरह की लापरवाही करती है तो इसके कारण शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ता है। लेकिन एक महीने बाद आप हल्का फुल्का व्यायाम आदि शुरू कर सकती हैं, जिससे आपको फिट होने में मदद मिल सकें। लेकिन उसके बाद भी वॉक ही करें ज्यादा कड़ा व्यायाम न करें क्योंकि इसके कारण आपको परेशानी हो सकती हैं।

तो यह है कुछ परेशानियां जो महिला को प्रसव के बाद होती हैं, ऐसे में महिला को इन परेशानियों से बचने के लिए अपने खान पान का बेहतर तरीके से ध्यान देना चाहिए, भरपूर आराम करना चाहिए, पानी का भरपूर सेवन करना चाहिए, और खुश रहना चाहिए और अपने शिशु के साथ उसके बचपन को एन्जॉय करना चाहिए। ऐसा करने से आपको डिलीवरी के बाद होने वाली परेशानियों से बचाव करने के साथ जल्दी रिकवर होने में मदद मिलती हैं।

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डिलीवरी के बाद क्या-क्या समस्याएं आती हैं?

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