डिलीवरी के पंद्रह दिनों तक क्या-क्या समस्या होती है?

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प्रेगनेंसी के दौरान महिला को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। और ऐसा भी नहीं होता है की महिला की डिलीवरी हुई तो महिला फ्री हो जाती है। बल्कि डिलीवरी के बाद भी कम से कम पद्रह से बीस दिन तक महिला को बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्योंकि ऐसा कहा जाता है की डिलीवरी के बाद महिला का भी एक नया जन्म होता है, ऐसे में उसका शरीर बहुत कमजोर हो जाता है। और उसे अच्छे से रिकवर होने में समय लगता है। नोर्मल डिलीवरी के बाद महिला को फिट होने में सिजेरियन डिलीवरी के मुकाबले कम समय लगता है।

डिलीवरी के बाद होने वाली परेशानियां

डिलीवरी के बाद महिला को अपने साथ साथ शिशु का भी अच्छे से ध्यान रखना पड़ता है, ऐसे में महिला के शारीरिक रूप से पूरी तरह फिट न होने के कारण उसे बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की डिलीवरी के पंद्रह दिनों तक महिला को कौन कौन सी परेशानियां होती है

ब्लीडिंग यानी रक्त स्त्राव

डिलीवरी के बाद महिला को कम से कम तीन हफ्ते तक रक्तस्त्राव होता है। और यह ब्लीडिंग पीरियड्स के मुकाबले बहुत अधिक होती है। और दिन में चार से पांच बार पैड बदलने की जरुरत पड़ती है। ऐसे में ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण महिला को बहुत परेशानी का अनुभव करना पड़ता है।

पेट व् कमर में दर्द

इस दौरान ब्लीडिंग ज्यादा होने के कारण महिला के पेट और कमर की मांसपेशियों में तेजी से खिंचाव उत्पन्न होता है। जिसके कारण महिला को पेट व् कमर में दर्द की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। और जैसे जैसे ब्लीडिंग कम होने लगती है तो आपको इस परेशानी से राहत मिलने लगती है।

उठने बैठने में परेशानी का अनुभव

टाँके लगे होने के कारण महिला को उठने बैठने में भी परेशानी का अनुभव करना पड़ता है। और इस समय सिजेरियन डिलीवरी वाली महिला को ज्यादा परेशानी होती है, लेकिन यदि नोर्मल डिलीवरी में भी महिला को टाँके लगते हैं तो टांको के सूखने तक महिला को परेशानी का अनुभव करना पड़ सकता है।

स्तनपान में दिक्कत

कुछ महिलाओं का दूध अच्छे से उतर नहीं पाता है जिसके कारण शुरुआत में महिला को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि ब्रेस्ट में सूजन जैसी समस्या हो सकती है। साथ ही इस दौरान शिशु को स्तनपान करवाने में भी परेशानी हो सकती है। लेकिन धीरे धीरे इसकी आदत हो जाती है। कुछ महिलाओं के ब्रेस्ट से अपने आप दूध रिसता रहता है इसके कारण भी कपडे गीले होने की परेशानी का सामना महिला को करना पड़ सकता है।

नींद की कमी

शुरुआत में शिशु की भूख का अंदाजा न होने के कारण व् शिशु की देखभाल के कारण महिला नींद नहीं ले पाती है। जिसके कारण उसे परेशानी होती है ऐसे में कई बारे महिलाएं तनाव में भी आ जाती है। लेकिन धीरे धीरे उन्हें शिशु की भूख और उसके बारे में पता चल जाता है। जिसके कारण रूटीन सेट होने लग जाता है।

कमजोरी

डिलीवरी के बाद महिला का शरीर बहुत कमजोर हो जाता है, जिसके कारण उसके बहुत कमजोरी का अहसास होता है। लेकिन जैसे- जैसे महिला डिलीवरी के बाद अपने आहार में भरपूर पोषक तत्वों का सेवन करने लगती है वैसे वैसे महिला फिट होने लगती है।

तो यह हैं कुछ परेशानियां जो महिला को डिलीवरी के पंद्रह दिनों तक बहुत परेशान करती है लेकिन जैसे जैसे महिला फिट होने लगती है वैसे वैसे महिला को इन सभी परेशानियों से निजात मिलने लग जाता है। और इनसे निजात पाने के लिए और जल्दी रिकवर होने के लिए महिला को अपने खान पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि शिशु का विकास बेहतर तरीके से हो सके।

विडिओ डिलीवरी के बाद क्या-क्या समस्या आती हैं?

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