क्यों होते हैं जुड़वां बच्चे

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जुड़वां बच्चे की चाह बहुत से कपल रखते हैं, लेकिन किसी को शायद यह नहीं पता होता है की जुड़वां बच्चे होने का कारण क्या होता है। बहुत कम चांस होते हैं जब किसी महिला के गर्भ में दो शिशु होते हैं। और आपको यह जानकार भी हैरानी होगी की जुड़वां बच्चे भी दो तरह के होते हैं। एक जुड़वां बच्चे वो होते हैं जो बिल्कुल एक जैसे दिखते हैं और एक जुड़वां बच्चे वो होते हैं जो एक दूसरे से अलग अलग दिखते हैं। तो आज हम आपको जुड़वां बच्चे के होने के क्या क्या कारण होते हैं।

जुड़वां बच्चे

जुड़वां बच्चे दो तरह के होते हैं एक मैनोज़ाइगॉटिक और दूसरे डायज़ाइगॉटिक होते है अब जानते हैं की यह क्या होते हैं। और जुड़वां बच्चे होते कैसे हैं और किस बार पर निर्भर करते हैं।

डायज़ाइगॉटिक क्या होते हैं?

इस तरह के जुड़वां बच्चे एक दूसरे के जैसे बिल्कुल नहीं होते है, और ऐसा तब होता है जब स्पर्म द्वारा महिला के अंडाशय में एक ही समय पर दो अलग अलग अंडो का निषेचन होता है। और यह दोनों बच्चे गर्भशय में दो अलग अलग अंडो में विकसित होते हैं। अलग अलग अंडे में विकसित होने के कारण हो सकता है की दोनों शिशु एक दूसरे से भिन्न दिखते हैं।

मैनोज़ाइगॉटिक क्या होते हैं?

इस तरह के जुड़वां बच्चे बिल्कुल एक जैसे देखते हैं उनकी आदतें भी मिलती है। ऐसे बच्चे तब होते है जब पुरुष के स्पर्म द्वारा एक अंडे का निषेचन किया जाता है लेकिन उसमे एम्ब्रियो दो बनते हैं, और यह यह ही अंडे में रहते हैं इसीलिए एक जैसे होते है। इसीलिए जुड़वां बच्चों का होना पूरी तरह से निषेचन की क्रिया पर निर्भर करता है।

जुड़वां बच्चे होने के कारण

जुड़वां बच्चे होने के कई कारण हो सकते हैं यह आपकी उम्र से लेकर आपके अनुवांशिक लक्षण पर भी निर्भर करते है। साथ ही मेडिकल में आई सुविधाओं का इस्तेमाल करके भी आप चाहे तो जुड़वां बच्चों को जन्म दे सकती हैं। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की जुड़वां बच्चों के होने के क्या क्या कारण होते हैं।

जेनेटिक्स पर निर्भर करता है

जुड़वां बच्चों का होना जेनेटिक्स पर निर्भर करता है, यानी की अनुवांशिक कारण यदि आपके परिवार में पहले भी कोई जुड़वां बच्चा हो, या आप भाई बहन जुड़वां हो, आपकी माता के परिवार में कोई जुड़वां बच्चे हो तो ऐसा होने के कारण जुड़वां बच्चे होने के चांस हो सकते है।

पहले हो चुके हो जुड़वां बच्चे

ऐसा भी हो सकता है की यदि आपकी पहली डिलीवरी के दौरान आपके जुड़वां बच्चे हुए हैं, तो ऐसा होने के कारण यदि आप दूसरी बार प्रेग्नेंट होती है तो इस दौरान भी आपके जुड़वां बच्चे को जन्म देने के चांस अधिक होते हैं।

उम्र अधिक होने के कारण

जैसे जैसे महिला की उम्र बढ़ती है तो उसके जुड़वां बच्चे होने के चांस भी बढ़ते हैं क्योंकि इस दौरान Follicle Stimulating Hormon- FSH के निर्माण में कमी आने लग जाती है। और यह हॉर्मोन इस दौरान ओवरिस में अंडो की संख्या बढ़ने लगती है। जिसके कारण हो सकता है की निषेचन की क्रिया पर भी असर पड़ता है जिसके कारण जुड़वां बच्चों के होने के चांस भी बढ़ जाते हैं।

गर्भनिरोधक गोलियां

जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती है ऐसा करने से उनके शरीर में बहुत से हार्मोनल बदलाव आते हैं। और उसके बाद जब महिला गर्भवती होने का निर्णय लेती है तो ऐसे में उसके जुड़वां बच्चे के गर्भधारण करने के चांस अधिक होते हैं।

आई वी एफ

यह एक मेडिकल द्वारा दी गई एक ऐसी सुविधा है जिसके कारण निसंतान सदंपतियो को भी माँ बाप बनने का सुख मिलता है। ऐसे में यदि आप जुड़वां बच्चों को जन्म देना चाहती है तो आई वी एफ का इस्तेमाल करके आप अपनी इस चाहत को पूरा कर सकती हैं।

महिला की ऊंचाई और वजन पर भी करता है निर्भर

स्टडीज़ के अनुसार यदि किसी महिला की ऊंचाई और वजन अच्छा होता है और उसका बी एम आई 30 या उससे अधिक हो उनमें जुड़वां बच्चों को जन्म देने की क्षमता अधिक होती है। और ऐसी महिलाएं एक जैसे दिखने वाले बच्चों को जन्म देती हैं।

तो यह है जुड़वां बच्चों से जुडी कुछ बातें यदि आप भी जुड़वां बच्चों की चाह रखते हैं तो ऐसा हो सकता है लेकिन इसके लिए सही तरह से निषेचन की क्रिया का होना बहुत जरुरी होता है।

विडिओ जुड़वां बच्चों को प्रेग्नेंसी कैसे होती है?

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