जुड़वां बच्चे पैदा होने के क्या कारण होते हैं?

एक ही प्रेगनेंसी के दौरान जन्म लेने वाले दो भ्रूण को हम जुड़वां कहते है, और ये भी दो तरह के होते है या तो वो एक जैसे होते हैं, या वो एक दूसरे से अलग होते है, जो बच्चे एक जैसे होते है, उन्हें वैज्ञानिक भाषा में “एकयुग्मनज/मोनोज़ाईगोटिक” जिसका मतलब होता है की वो एक ही युग्मनज से हुए है जो की विभाजित होकर दो भ्रूणों का रूप ले लेता है, या जो एक दूसरे से नहीं मिलते हैं जिन्हे वैज्ञानिक भाषा में “द्वियुग्मनज/डाईज़ाईगोटिक” आप कह सकते हैं, क्योंकि वो दोनों एक गर्भाशय में दो अलग अलग अंडो में और दो विभिन्न शुक्राणुओं द्वारा निषेचित होते हैं।

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जुड़वां बच्चे होने के चांस केवल तीन प्रतिशत महिलाओ को होता है, लेकिन ऐसा नहीं है की यदि आप चाहते है तो आप भी ट्विन्स को जन्म दे सकते है, परन्तु उसके लिए कुछ बातों का होना जरुरी होता है, जैसे की यदि महिला की उम्र अधिक हो, तो उसके जुडवा बच्चों को जन्म देने के चांस बढ़ जाते है, जो महिलाएं स्वास्थ्य रूप से अधिक वजन की होती है, फोलिक एसिड का सेवन करने से, महिलाओ के गर्भनिरोधक दवाइयों के सेवन से आदि, यदि आपकी भी इनमे से कोई स्थिति है तो आपके जुड़वां बच्चे को जन्म देने के चांस बढ़ जाते है, तो आइये जानते है, की जुडवा बच्चे होने के शुरुआती लक्षण क्या है।

जुड़वां बच्चे होने के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं:-

जुड़वां बच्चे होने की स्थिति एक बच्चे के जन्म से थोड़ी अलग होती है, और इसमें महिला को कई बार अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है, चेहाहे वो महिला के प्रेगनेंसी में वजन बढ़ने को लेकर हो या फिर डिलीवरी के समय आइये जानते है जुड़वां बच्चे गर्भ में होने पर क्या क्या लक्षण होते है।

सुबह के समय परेशानी:-

जुड़वां बच्चों के गर्भ में होने पर महिला को बहुत ज्यादा मोर्निंग सिकनेस होती है, ज्यादातर महिलायें प्रेगनेंसी के पहले चरण में उलटी, जी मचलाना जैसी समस्या का सामना करती है, परन्तु जुड़वां बच्चे के समय ये परेशानी महिला को ज्यादा उठानी पड़ती है।

वजन का बढ़ना:-

इस दौरान महिला का वजन भी अधिक बढ़ता है,क्योंकि गर्भ में एक शिशु का नहीं बल्कि दो शिशु का वजन होता है, साथ ही महिला का पेट भी बड़ा होता है, और कई बार डिलीवरी के बाद ट्विन्स के केस में ऐसा देखा जाता है, की उन बच्चों का वजन कम होता है।

ब्लीडिंग और स्पोटिंग का खतरा:-

कई बार महिलाओ को प्रेगनेंसी में देखा जाता है, की उन्हें ब्लीडिंग या स्पोटिंग होने लगती है, ऐसा ही जुड़वां बच्चों के केस में भी होता है, यदि आप भूरे रंग के धब्बे लगते है, तो ऐसा होना काफी सामान्य बात है, लेकिन पेट में दर्द या ब्लीडिंग अधिक होने लगती है, तो आपको डॉक्टर को जरुर दिखाना चाहिए, लेकिन जुड़वां बच्चों के केस में ऐसा कई बार हो जाता है।

जल्दी डिलीवरी और सिजेरियन के चांस ज्यादा होते है:-

जुडवा बच्चों के केस में ज्यादातर देखा जाता है, की महिला की डिलीवरी समय से पहले हो जाती है, और वो भी सिजेरियन तरीके से, क्योंकि कई बार शिशु का वजन अधिक होने के कारण या किसी और ने कारण की वजह से ऐसा हो जाता है।

भूख अधिक लगती है:-

जुड़वां बच्चों के समय आपको बहुत अधिक भूख लगती है, क्योंकि वो दोनों शिशु भी अपने पालन पोषण के लिए आप पर ही निर्भर करते है, जिसके लिए महिला को कभी भी अपने आहार में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए, और कभी भी आपको अपनी भूख को अनदेखा नहीं करना चाहिए और कुछ न कुछ जरुर खाते रहना चाहिए।

दो दिल की धड़कन:-

जन्म से पहले ही बच्चे के दिल की धड़कन को सुनना किसी भी माँ बाप के लिए सबसे यादगार लम्हा होता है, जन्म से पहले शिशु के दिल की धड़कन को सुनने के लिए डोपलर प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है, और अप नौवे हफ्ते में शिशु के दिल की धड़कन को साफ़ साफ़ सुन सकते है, और जुड़वां बच्चों की और वो भी अलग अलग, लेकिन आप गर्भ में इनकी पहचान को अलग अलग नहीं कर पाते है।

अनुवांशिक होने के कारण:-

जुडवा बच्चे के होने का कारण अनुवांशिक भी हो सकता है, इसका मतलब होता है की यदि आपके घर में पहले किसी के जुड़वां बच्चे हुए हो, या फिर आपने ही पहले जुड़वां बच्चों को जन्म दिया हो तो इसके चांस बढ़ जाते है।

जुड़वां बच्चों की चाह रखने वालो के लिए कुछ टिप्स:-

अधिक उम्र होने पर:-

जुड़वां बच्चे होने के चांस बढ़ जाते है, यदि आपकी उम्र तीस से चालीस के बीच में होती है तो, इसका कारण होता है जैसे आपकी उम्र बढती है, आपके ओवुलेटरी चक्र की सघनता कम होती है, जिसके कारण एक ही समय में दो बच्चे गर्भ में आने के चांस बढ़ जाते है, और आपकी जुड़वां बच्चों की चाह पूरी हो सकती है।

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन की मदद से:-

यह एक ऐसी तकनीक है जिसमे अंडे को बाहर निकालकर निषेचित किया जाता है, तो यदि आप भी इस तकनीक का सहारा माँ बनने के लिए ले रही है तो आप भी जुड़वां बच्चे यदि चाहती है, तो अपनी इस इच्छा को पूरा कर सकती है।

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विटामिन लें:-

वैसे तो सभी विटामिन आपको भरौर पोषण देने में मदद करते है, लेकिन यदि आप जुड़वां बच्चों की चाह रखती है, तो आपको फोलिक एसिड का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए, और यह सभी प्रेग्नेंट महिलाओ को दिया जाता है, परन्तु इसका सेवन एक दिन में 1000 मि.ग्रा से अद्गिक नहीं लेना चाहिए।

अपने वजन को बढ़ाएं:-

जिन लोगो का वजन स्वस्थ तरीके से बढ़ा हुआ होता है, उनके भी जुड़वां बच्चों को जन्म देने के चांस होते है, और अपने वजन को सही रखने के लिए आपको सभी मिनरल्स युक्त आहार का सेवन करना चाहिए, और आप यदि अपने वजन को स्वस्थ तरीके से बढ़ाना चाहती है, तो इस बारे में आप अपने डॉक्टर से भी राय ले सकती है।

बर्थ कण्ट्रोल पिल्स का सेवन करने से:-

कई महिलायें कुछ समय तक बच्चे को जन्म न देने के चक्कर से इन पिल्स का सेवन करती है, जिसके कारण जब वो इसे लेना बंद करती है, तो इसके कारण उनके ओवुलेशन पीरियड पर भी प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण कई बार गर्भ में दो अंडे निषेचन की क्रिया में भाग लेते है, और महिला के जुड़वां बच्चे के होने के चांस बढ़ जाते है।

डेरी प्रोडक्ट और रतालू का सेवन करने से:-

एक अध्यन के अनुसार जो महिलाएं अपनी प्रेगनेंसी से पहले डेरी उत्पादों का सेवन भरपूर करती है, उनके जुड़वां बच्चों को जन्म देने के चांस पांच प्रतिशत तक बढ़ जाते है, क्योंकि गाय के दूध में एक ऐसा तत्व पाया जाता है जो की गाय के लीवर में उत्पादित होता है, जिससे इसके चांस बढ़ जाते है, और यदि आप जुड़वां बच्चे चाहती है तो आपको rBGH हार्मोन वाली गायों के दूध का सेवन करना चाहिए, इसके अलावा रतालू का सेवन करने से भी ऐसा माना जाता है की आपको जुड़वां बच्चे होने की संभावना बढ़ जाती है।

तो ये हैं कुछ टिप्स जिनका इस्तेमाल करके आप जुड़वां बच्चों को जन्म दे सकती है, और साथ ही यदि आप चाहती है की आपके बच्चे जुड़वां हो तो ऊपर दिए गये टिप्स का इस्तेमाल कर सकती है, साथ ही इसके बारे में अप एक बार चाहे तो डॉक्टर से भी राय ले सकती है, और यदि आप जुड़वां बच्चे चाहती है, तो आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए की आप शारीरिक रूप से बिलकुल फिट हो।

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