चूड़ियाँ पहनने से एलर्जी होती है?

चूड़ियाँ पहनने से एलर्जी

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आभूषणों और ज्वैलरी को महिलाओं की सबसे प्रिय वस्तु माना जाता है। क्योंकि यही एकमात्र ऐसी वस्तु है जिसे पाकर वे बेहद प्रसन्न होती है। भारतीय परंपरा में भी गहनों और ज्वैलरी का बेहद खास महत्व है। शादी का दिन हो या घर का कोई छोटा-मोटा फंक्शन सभी महिलाएं अलग अलग तरह से आभूषणों से आभूषित दिखाई पड़ती है।

और हो भी क्यों न, गहनों का महिलाओं के सोलह श्रृंगार में महत्वपूर्ण रोल होता है। फिर चाहे वो गले का हार हो या मंगलसूत्र, कान की झूमकिया हो या बालिया, हाथों की चुडिया हो या कंगन। कुछ महिलाएं इन्हे अपने दैनिक जीवन में पहनना अधिक पसंद करती है जबकि कुछ इन्हे केवल उत्सवों और त्योहारों पर निकालती है।

लेकिन कई बार महिलाओं को आभूषण पहनने से एलर्जी होने लगती है। जिसके कारण त्वचा में जलन, रैशेस, खुजली और दर्द आदि की समस्या होने लगती है। वैसे तो ये अधिकतर आर्टिफीसियल ज्वैलरी पहनने के कारण होती है लेकिन कई बार ओरिजिनल ज्वैलरी के कारण भी ये एलर्जी देखने को मिलती है।

जिसका मुख्य कारण “निकेल” नामक धातु होती है। बहुत से लोगों को गोल्ड और सिल्वर से भी एलर्जी की परेशानी होती है। ऐसा नहीं है की ये केवल बड़ी उम्र की महिलाओं को होती है क्योंकि यह एक सामान्य समस्या है जो किसी को भी हो सकती है।

कारण :-

इसके पीछे एक मुख्य कारण है, आर्टिफीसियल ज्वैलरी तो आर्टिफीसियल ही होती है लेकिन सोने व् चांदी की ज्वैलरी के कारण होने वाली परेशानी के पीछे निकेल नामक धातु का योगदान है। दरअसल प्योर सोना और चांदी बहुत सॉफ्ट होती है जिसके कारण उन्हें गहने की आकृति देने में मुश्किलें आती है। इसीलिए इसमें निकेल, जिंक और कॉपर धातु को मिलाया जाता है ताकि वह कठोर हो जाए और उसे मनचाहा आकार दिया जा सके।

जिंक और कॉपर तो हानिकारक नहीं होते लेकिन निकेल के प्रति त्वचा काफी संवेदनशील होती है। जिसके कारण एलर्जी की समस्या होती है और हम समझते है की आभूषणों से हो रही है जबकि वह तो उसमे मौजूद निकेल धातु के कारण होती है।

इसके अतिरिक्त लंबे समय तक पसीना आना भी एलर्जी का एक कारण होता है। अधिक समय तक आभूषण पहनने से पसीना गहनों में मौजूद निकेल के सम्पर्क में आता है और निकेल साल्ट का निर्माण होता है। और जब यह साल्ट स्किन के सम्पर्क में आता है तो एलर्जी होने लगती है।

नहाते समय या किसी अन्य कार्य को करते समय यदि साबुन या पानी का कुछ अंश गहनों में रह जाए विशेषकर कानो की बाली और अंगूठी में, तो यह त्वचा को बहुत नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में निकेल सीधे स्किन के सम्पर्क में आ जाता है। इसलिए गहने पहनते समय ध्यान रखें की आपका शरीर अच्छी तरह सूखा रहे।

उपाय :-

इस समस्या से बचाने के लिए ज्वैलरी पहनने से पूर्व टेलकम पाउडर लगा लें ताकि वह नमि को सोख लें। बहुत अधिक टाइट ज्वैलरी न पहनें ताकि हवा का प्रवाह होता रहे। समय समय पर अपने आभूषणों को बदलते रहे और उन्हें साफ़ व् सूखा रखें।

गहनों के पिछले हिस्से पर ट्रांसपेरेंट नेल पेंट की कई परतों को लगाकर भी एलर्जी की समस्या से बचा जा सकता है। आप चाहे तो अपने आभूषणों पर पैलेडियम धातु की कोटिंग करवाकर भी त्वचा को निकेल धातु से दुषप्रभाव से बचा सकती है।

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