गर्भ में पल रहे शिशु की सुंदरता

हर महिला चाहती है की उसके गर्भ में पल रहा शिशु सूंदर, गोरा व् खूबसूरत हो। और इसके लिए गर्भवती महिला को जो कुछ भी करने के लिए कहता है महिला उसे करने लगती है। जैसे की ऐसा माना जाता है की कुछ ऐसी चीजें है जिन्हे यदि महिला अपनी डाइट में शामिल करती है तो उससे शिशु की स्किन में निखार आने लगता है, और शिशु गोरा व् सूंदर पैदा होता है। और इसके लिए महिला नारियल, नारियल पानी, सेब, गाजर, संतरा आदि का सेवन कर सकती है, तो प्रेगनेंसी के दौरान महिला इन चीजों का सेवन शुरू कर देती है। वैसे ही पुराने समय से ही लोग ऐसा मानते हैं की गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के दौरान जिसे सबसे ज्यादा देखती है शिशु की आकृति उसी पर जाने लगती है, जैसे की अधिकतर गर्भवती महिला प्रेगनेंसी की खबर सुनते ही सबसे पहले अपने कमरे में सूंदर, गोरे व् प्यारे प्यारे शिशु की तस्वीर लगाना शुरू कर देती है। लेकिन क्या यह सच है इसके बारे में आइये कुछ बातें जानते हैं।

क्या सूंदर शिशु को देखने से शिशु बिल्कुल वैसा ही होता है?

गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के दौरान जिन चीजों का सेवन करती है, जो भी काम करती है उसका सीधा असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है यह बात बिल्कुल सच है। इसीलिए प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अपना अच्छे से ध्यान रखने की सलाह दी जाती है ताकि गर्भ में पल रहे शिशु को किसी भी तरह का नुकसान न हो। लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान महिला यदि सूंदर शिशु को निहारती है तो शिशु बिल्कुल वैसा ही हो, ऐसा बिल्कुल भी जरुरी नहीं होता है। क्योंकि गर्भ में आने से लेकर जन्म तक और उसके आगे शिशु का विकास बढ़ने तक शिशु बहुत से बदलाव से गुजरता है, और यह बदलाव केवल शारीरिक रूप से ही नहीं बल्कि शिशु की आकृति से जुड़े भी हो सकते हैं।

और जहां तक बात आती है की गर्भ में पल रहा शिशु किसी सूंदर शिशु को निहारने से बिल्कुल वैसा ही हो जाता है यह बात सही नहीं है। बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के नाक नक़्शे, रंग, शिशु की स्किन, बाल, शिशु का कद आदि सभी वंशाणु यानी की जीन्स तय करते हैं। जो की माँ बाप द्वारा शिशु को मिलते हैं, बचपन में शिशु को देखकर बहुत से लोग ऐसा कह सकते हैं की यह मां पर गया है या पिता पर गया है, तो कोई उसे दादा या दादी की तरह भी बोल सकता है। ऐसे में जिस तरह आपको अपने माँ और पिता के जीन्स मिले हैं, उसी तरह शिशु को भी अपने माँ और पिता के जीन्स मिले हैं। ऐसे में शिशु थोड़ा माँ या थोड़ा पिता पर जा सकता है। लेकिन वो किसी सूंदर फोटो वाले शिशु जैसा हो ऐसा मानना बिल्कुल गलत होता है।

गर्भावस्था के दौरान यदि महिला अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखती है, तनाव नहीं लेती है, अच्छे अच्छे विचारों को अपने मन में रखती है, अपनी देखभाल में किसी तरह की कमी नहीं करती है, शिशु के विकास के लिए सभी जरुरी पोषक तत्वों को भरपूर मात्रा में लेती है, आदि। तो इससे शिशु को भरपूर पोषण मिलता है जिससे शिशु को गोरा,म सूंदर व् खूबसूरत बनाने में मदद मिलती है। लेकिन आप सोचें की आप कुछ खाएं गई पीयेंगी नहीं केवल सारा दिन केवल एक सूंदर शिशु को निहारती रहेंगी तो शिशु सूंदर होगा ऐसा नहीं होता है। बल्कि यदि आप अपने अच्छे से ध्यान नहीं रखती है तो इससे गर्भ में शिशु के विकास पर बुरा असर पड़ने के सजातरः आपको भी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या हो सकती है। ऐसे में यदि आप सूंदर शिशु की चाह रखती है तो कमरे में लगी किसी फोटो को निहारने की बजाय प्रेगनेंसी में अपना अच्छे से ध्यान रखें ताकि शिशु का विकास अच्छे से हो सके।

तो यह है गर्भ में पल रहे शिशु की शक्ल किस पर जाती है इससे जुड़े कुछ टिप्स, साथ ही यदि प्रेगनेंसी के दौरान और शिशु के जन्म के बाद आप शिशु की अच्छे से केयर करती है। तो शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने के साथ शिशु को खूबसूरत बनाने और उसकी स्किन को निखारने में भी मदद मिलती है।

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