प्रेगनेंसी का नौवां महिला बहुत ही खास होता है क्योंकि अब कुछ ही दिनों के बाद आपका शिशु आपके हाथों में आने वाला होता है। लेकिन यह पल जितना ख़ुशी का होता है उतना ही इस दौरान महिला को कुछ दिक्कतें भी आ सकती है। और इस दौरान महिला को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो उससे बचने के लिए महिला को अपना पहले से भी ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि इस समय महिला यदि किसी तरह की लापरवाही करती है तो इससे डिलीवरी में दिक्कत आने के साथ शिशु को परेशानी होने का भी खतरा होता है, क्योंकि शिशु का विकास भी इस समय पूरी तरह हो चूका होता है।
प्रेगनेंसी के नौवें महीने में महिला को कौन सी दिक्कतें हो सकती है
गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के नौवें महीने में तरह तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी के नौवें महीने में महिला को कौन कौन सी दिक्कतें आ सकती है।
वजन
प्रेगनेंसी के नौवें महीने महिला का वजन ग्यारह से सोलह किलोग्राम तक बढ़ सकता है, और साथ ही महिला का पेट भी बाहर की तरफ निकल जाता है। ऐसे में वजन के बढ़ने के कारण प्रेगनेंसी के नौवें महीने में महिला को उठने, बैठने, सोने, आदि में दिक़्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इस कारण कोई दिक्कत न हो इसके लिए महिला को अपने उठने बैठने का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए।
ब्रेस्ट में रिसाव
गर्भावस्था के नौवें महीने में कुछ महिलाओं को ब्रेस्ट से कुछ तरल पदार्थ निकलता हुआ महसूस हो सकता है। जो की कोलोस्ट्रोम होता है, इसके कारण महिला को गीलापन महसूस हो सकता है जिसके कारण महिला थोड़ी दिक्कत का अनुभव कर सकती है।
यूरिन
पेट का आकार बढ़ने के कारण पेट के निचले दबाव ज्यादा महसूस हो सकता है, जिसके कारण बार बार यूरिन आने की समस्या हो सकती है। और बार बार बाथरूम में जाने के कारण महिला को बहुत ज्यादा परेशानी का अनुभव हो सकता है।
कब्ज़
प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सी गर्भवती महिलाएं कब्ज़ की समस्या से परेशान रहती है। लेकिन प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में वजन बढ़ने के कारण पाचन क्रिया बहुत धीमी पड़ सकती है जिसके कारण कब्ज़ की समस्या की अधिक परेशानी हो सकती है।
रक्त स्त्राव
कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी के नौवें महीने में प्राइवेट पार्ट से हल्का फुल्का स्त्राव हो सकता है और इसके साथ कई बार महिला को रक्त के धब्बे भी दिखाई दे सकते हैं। ऐसा होना बहुत ही सामान्य बात होती है लेकिन यदि महिला को डिस्चार्ज के साथ बदबू भी महसूस हो तो महिला को इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह इन्फेक्शन का लक्षण हो सकता है।
पीठ में दर्द
वजन बढ़ने के कारण पेट के भार को सँभालने के लिए रीढ़ की हड्डी का सपोर्ट लगता है। ऐसे में इस कारण मांसपेशियों में खिंचाव भी अधिक महसूस हो सकता है। जिसके कारण प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में पीठ में दर्द की समस्या हो सकती है।
पेट में दर्द
गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण पेट के आस पास की और पेल्विक एरिया की मांसपेशियों में खिंचाव होने के कारण महिला को पेट में हल्के फुल्के दर्द का अहसास होता है। लेकिन यदि दर्द का अनुभव अधिक हो या तेजी से हो तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए क्योंकि यह प्रसव का लक्षण हो सकता है।
सूजन
वजन बढ़ने के कारण सिर से पैरों तक ब्लड फ्लो बेहतर तरीके से न होने के कारण बहुत सी गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में पैरों में सूजन की समस्या से भी परेशान हो सकती है। कुछ महिलाओं के हाथों और मुँह पर भी सूजन की समस्या हो सकती है।
सोने में दिक्कत
प्रेगनेंसी के नौवें महीने में गर्भवती महिला को सोने में भी दिक्कत का अनुभव हो सकता है। वजन बढ़ने के कारण महिला न तो सीधा सो सकती है क्योंकि इससे गर्भ में शिशु को दिक्कत हो सकती है, साथ ही करवट लेकर सोने में भी महिला को कई बार परेशानी का अनुभव हो सकता है।
तो यह हैं कुछ समस्या जो गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के नौवें महीने में हो सकती है, ऐसे में महिला को ज्यादा दिक्कत न हो इसके लिए अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा यदि महिला को प्रेगनेंसी के नौवें महीने में असहज लक्षण महसूस होता है तो इसे अनदेखा न करते हुए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।