नोर्मल डिलीवरी के लिए गर्भवती महिला को क्या-क्या करना चाहिए

नोर्मल डिलीवरी

प्रेगनेंसी का समय जैसे जैसे आगे बढ़ता है वैसे हर महिला चाहे वो पहली बार माँ बनने का अनुभव ले रही हो या दूसरी बार लेकिन उसके मन में एक सवाल जरूर आता है की उसकी डिलीवरी नोर्मल होगी या सिजेरियन। ज्यादातर महिलाएं और यहां तक की डॉक्टर्स भी यही कोशिश करते हैं की प्रेगनेंसी में किसी भी तरह की समस्या न हो जिससे गर्भवती महिला की नोर्मल डिलीवरी के होने के चांस को बढ़ाने में मदद मिल सके। लेकिन यदि प्रेगनेंसी में महिला को किसी तरह की परेशानी हो या गर्भ में शिशु को कोई भी दिक्कत हो तो डॉक्टर्स भी सिजेरियन डिलीवरी की सलाह देते हैं। ऐसे में प्रेगनेंसी की शुरुआत में यह सोच लेना की डिलीवरी किस तरीके से होगी यह बता पाना थोड़ा मुश्किल होता है।

नोर्मल डिलीवरी के लिए आसान टिप्स

यदि महिला चाहती है की वो नोर्मल डिलीवरी की मदद से शिशु को जन्म दे तो पूरे नौ महीने तक महिला को अपनी केयर में थोड़ी सी भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। जिससे गर्भवती महिला और शिशु दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके और नोर्मल डिलीवरी के चांस बढ़ाने में मदद मिल सके। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की नोर्मल डिलीवरी के लिए महिला को प्रेगनेंसी के दौरान किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

डॉक्टर का चुनाव

प्रेगनेंसी के दौरान किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए सबसे पहले महिला को एक अच्छे से डॉक्टर का चुनाव करना चाहिए। जो गर्भवती महिला की प्रेगनेंसी की स्थिति के बारे में अच्छे से समझ सके और आपको सही राय दे सके। इसीलिए यदि आप नोर्मल डिलीवरी चाहती है तो एक अनुभवी डॉक्टर को चुने।

डिलीवरी की जानकारी

डिलीवरी को लेकर प्रेग्नेंट महिला के मन में आ रहे प्रश्नों को लेकर महिला परेशान हो सकती है। ऐसे में परेशान होने की बजाय आपको किताबो से, अपने घर के बड़े सदस्यों से, सहेलियों से, इंटरनेट से डिलीवरी से जुडी सारी जानकारी इक्कठी करनी चाहिए। ताकि प्रसव से जुड़े जितने भी सवाल आपको परेशान कर रहे है आपको उनका जवाब मिल सके और डिलीवरी के दौरान आने वाली परेशानियों को कम करने में मदद मिल सके।

खान पान

पोषक तत्वों जैसे की आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर आदि से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए। क्योंकि बॉडी में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा गर्भवती महिला को स्वस्थ रखने में मदद करती है। जिससे नोर्मल डिलीवरी के चांस को बढ़ाने में मदद मिलती है। खासकर महिला को आयरन की कमी को बॉडी में नहीं होने देना चाहिए क्योंकि इसके कारण डिलीवरी के दौरान मुश्किलें बढ़ सकती है। और डिलीवरी का समय पास आने पर महिला को ड्राई फ्रूट, देसी घी आदि का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए क्योंकि यह गर्भाशय में संकुचन को बढ़ाने में मदद करते हैं जिससे नोर्मल डिलीवरी के चांस को बढ़ाने में मदद मिलती है।

तरल पदार्थ

नोर्मल डिलीवरी के लिए बॉडी का हाइड्रेट रहना भी बहुत जरुरी होता है। ऐसे में इसके लिए गर्भवती महिला को भरपूर मात्रा में पानी, जूस, नारियल पानी आदि का भरपूर सेवन करना चाहिए।

व्यायाम

प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में गर्भवती महिला को हल्का फुल्का व्यायाम आदि भी करते रहना चाहिए। क्योंकि इससे बॉडी में ब्लड फ्लो को बेहतर होने, महिला को ऊर्जा से भरपूर रहने, तनाव मुक्त रहने में मदद मिलती है, मांसपेशियों को आराम मिलता है, आदि। और यह सब लक्षण महिला की नोर्मल डिलीवरी के चांस को बढ़ाने में मदद करते हैं।

पेट के निचले हिस्से की मालिश

गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में पेट के निचले हिस्से की हल्के हाथों से मालिश करनी चाहिए। क्योंकि इसे प्रसव को आसानी से होने में मदद मिलती है।

तनाव

प्रेग्नेंट महिला को डिलीवरी के बारे में सोच सोच कर मानसिक रूप से परेशानी नहीं होना चाहिए, अपने दिमाग में नकारात्मक सोच नहीं लानी चाहिए, क्योंकि यह आपकी डिलीवरी के दौरान आने वाली परेशानियों को कम करने की बजाय बढ़ा सकता है।

वजन

वजन पर नियंत्रण रखना भी गर्भवती महिला के लिए बहुत जरुरी होता है ऐसे में गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी की आखिरी तिमाही में वजन को अधिक नहीं बढ़ाना चाहिए। क्योंकि यदि महिला का वजन जरुरत से ज्यादा हो जाता है तो इससे भी नोर्मल डिलीवरी में समस्या आ सकती है। और यदि महिला का वजन सही रहता है तो नोर्मल डिलीवरी के चांस को बढ़ाने में मदद मिलती है।

डॉक्टर के संपर्क में रहे

प्रेगनेंसी की आखिरी महीने में लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए, और इस दौरान कोई भी असहज लक्षण महसूस हो या किसी भी तरह की परेशानी हो तो डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए। ताकि डिलीवरी के दौरान आने वाली हर परेशानी से बचाव करने में मदद मिल सके।

अपना ध्यान रखें

प्रेग्नेंट महिला को अपने उठने, बैठने, सोने, खाने, घूमने आदि का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए ताकि किसी भी तरह की समस्या से महिला को बचने में मदद मिल सके। और डिलीवरी में किसी भी तरह की परेशानी न हो। साथ ही इस दौरान महिला को भावनात्मक रूप से मजबूत रहने के लिए अकेले नहीं रहना चाहिए बल्कि घर वालों के साथ रहना चाहिए, और घर का कोई एक सदस्य हमेशा आपके पास जरूर होना चाहिए।

तो यह हैं कुछ टिप्स जो गर्भवती महिला के नोर्मल डिलीवरी के चांस को बढ़ाने में मदद करता है। तो यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं और चाहती है की आपकी नोर्मल डिलीवरी हो तो आपको इन टिप्स का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही नोर्मल डिलीवरी के लिए बॉडी पर अधिक जोर नहीं डालना चाहिए क्योंकि इसके कारण हो सकता है की आपकी परेशानी घटने की बजाय बढ़ जाए, ऐसे में अपने स्वास्थ्य का जितना बेहतर तरीके से आप ध्यान रख सकती है उतना रखे क्योंकि गर्भवती महिला और गर्भ में शिशु जितना स्वस्थ रहते हैं उतना ही नोर्मल डिलीवरी के चांस को बढ़ाने में मदद मिलती है।

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