गर्भधारण के पहले महीने में क्या होता है

गर्भधारण के पहले महीने में क्या होता है, प्रेगनेंसी के पहले महीने शरीर में आते हैं यह बदलाव, प्रेगनेंसी का पहला महीना, प्रेगनेंसी के पहले महीने में बॉडी में दिखाई देने लगते हैं ये लक्षण

गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए बेहद ही खास और अनोखा अनुभव होता है। लेकिन इस दौरान आने वाले शरीर में बदलाव, हार्मोनल बदलाव के कारण होने वाली परेशानी के कारण महिला तनाव में आ सकती है। ऐसे में आज हम आपको प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या होता है इस बारे में कुछ बातें बताने जा रहें हैं। जैसे ही गर्भाशय में निषेचन की प्रक्रिया पूरी होती है और महिला का गर्भ ठहर जाता हैं, वैसे ही महिला का शरीर बहुत से संकेत देने लगता है। हर महिला के शरीर में एक ही तरह के बदलाव हो ऐसा कोई जरुरी नहीं होता है, क्योंकि यह हर महिला के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव पर निर्भर करता है। यह बदलाव शारीरिक होने के साथ आपके स्वाद, मूड से जुड़े भी हो सकते है। शुरुआत में किसी भी महिला के यह समझ पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन जैसे ही महिला के पीरियड्स मिस होते हैं उसके एक हफ्ते बाद घर पर या डॉक्टर केपास जाकर चेक करवा सकती हैं की कहीं आप गर्भवती तो नहीं है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या होता है।

मॉर्निंग सिकनेस

प्रेगनेंसी के दौरान सुबह उठने में दिक्कत का होना, उल्टी, जी मिचलाना आदि महसूस होना, सिर का भारी महसूस होना, चक्कर आना, अदि प्रेगनेंसी के शुरुआत होने का लक्षण हो सकता है।

थकान व् कमजोरी का अनुभव होना

हो सकता है की बिना कुछ काम किये ही आपको थकान व् कमजोरी का अनुभव हो, इसका कारण बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं।

ब्रेस्ट में बदलाव

ब्रेस्ट का कड़ा महसूस होना, निप्पल के रंग में बदलाव आना, सूजन महसूस होना भी भी आपके प्रेग्नेंट होने के लक्षण होता है जो की प्रेगनेंसी के पहले महीने में आपको महसूस हो सकता है।

मूड में बदलाव

व्यवहार में बदलाव, मूड का बदलना, कभी रोने का मन करना, तो कभी बहुत गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन महसूस होना, आदि, भी प्रेगनेंसी के पहले महीने में होने वाला एक आम बदलाव है। इसका कारण बॉडी में लगातार और तेजी से हो रहे हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं।

रक्तस्राव और ऐंठन

यदि आपका गर्भ ठहर गया है तो अंडे के निषेचित होने के बाद आपको अगले पीरियड्स के आने से पहले रक्त का धब्बा लगना या ऐंठन का अधिक महसूस होना आम बात होती है। इसे लेकर महिला को ज्यादा घबराना नहीं चाहिए।

बार बार यूरिन पास करने की इच्छा होना

गर्भवती महिला को इस दौरान बार बारे यूरिन पास करने की इच्छा भी हो सकती है, इसका कारण शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ना हो सकता है।

पसंद में बदलाव

कई बार महिलाओं को खाने में अलग अलग चीजे खाने का मन करने लगता है, जो चीजे महिला को पसंद नहीं होती है महिला उनकी तरफ आकर्षित होने लगती है, ऐसा होना प्रेगनेंसी के दौरान बहुत ही आम बात होती है।

कब्ज़ और सीने में जलन

बॉडी में हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण कब्ज़ की समस्या का होना, और साथ ही सीने में जलन महसूस होना बहुत ही आम बात होती है। लेकिन यदि सीने में अधिक जलन महसूस हो तो इसके लिए एक बार डॉक्टर से जरूर राय लेनी चाहिए।

सूंघने की क्षमता बढ़ना

इस दौरान कुछ महिलाओं की सूंघने की क्षमता में भी वृद्धि हो जाती है, और उनके कई चीजों की सुगंध बहुत ज्यादा अच्छी लगने लगती है।

पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस होना

भ्रूण के गर्भाशय में प्रत्यारोपित होने के कारण महिला को पेट के निचले हिस्से में दर्द भी महसूस हो सकता है, साथ ही कुछ महिलाओं को पीठ में दर्द की समस्या हो सकती है। इस दौरान ऐसा होना आम बात होती है।

तो यह हैं कुछ लक्षण जो आपको प्रेगनेंसी के पहले महीने में बॉडी में दीकही देने लगते हैं, और पीरियड्स के मिस होने के बाद आप घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट किट लाकर चेक कर सकते हैं की कहीं आप गर्भवती तो नहीं है। यदि ऐसा होता है तो उसके बाद आप बिना देरी किये एक अच्छे से डॉक्टर का चुनाव करें और उसके बाद सभी टेस्ट करवाएं, और प्रेगनेंसी के इस खास लम्हे को भरपूर तरीके से एन्जॉय करें।

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