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प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने महिला के लिए बेहत खास होते हैं और इस दौरान महिला को बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है। क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही के कारण आपको मिसकैरिज का सामना करना पड़ सकता है। पहले तीन महीने में होने वाले मिसकैरिज का कारण आपकी लापरवाही होने के साथ किसी न किसी शारीरिक समस्या के होने के कारण भी हो सकती है। ऐसे में महिला को अपना बहुत अच्छे से ध्यान रखना चाहिए ताकि गर्भपात की समस्या न हो। और जैसे ही महिला को पता चलता है की वो प्रेग्नेंट हैं उसके बार तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपनी अच्छे से जांच करवानी चाहिए ताकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला को स्वस्थ रहने के साथ गर्भ में शिशु के बेहतर विकास में मदद मिल सके।
पहले तीन महीनों में गर्भ गिरने के कारण
प्रेगनेंसी के पहले तीन महीनों में गर्भ गिरने के कई कारण हो सकते है, जैसे की फैलोपियन ट्यूब से जुडी समस्या, आपका ज्यादा उछल कूद करना, या किसी ऐसे आहार का सेवन करना जो गर्भपात करता हो, आदि। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की गर्भ गिरने के क्या क्या कारण होते हैं।
बच्चेदानी की समस्या
यदि किसी महिला को बच्चेदानी से जुडी परेशानी होती है, तो ऐसे केस में गर्भ गिरने के चांस बहुत ज्यादा होते है। और ज्यादातर यही कारण होता है की महिला का गर्भ नहीं ठहर पाता है।
संक्रमण
यदि महिला को वजाइना में या बच्चेदानी में किसी तरह का रोग या इन्फेक्शन है, तो इसके कारण भी गर्भाशय बहुत जल्दी प्रभावित होता है जिसके कारण महिला को गर्भपात का सामना करना पड़ सकता है।
पुरुष से जुडी परेशानी
कुछ पुरुषो के शुक्राणु ही बेहतर नहीं होते है, जिसमे बच्चा बनाने वाले जीवाणु नहीं होते हैं। और यदि ऐसी समस्या होती है तो इसके कारण भी महिला का गर्भ ठहरता नहीं है और यदि महिला प्रेग्नेंट हो जाती है तो उसे मिसकैरिज की समस्या झेलनी पड़ सकती है।
नशे का सेवन
जो महिलाएं धूम्रपान, शराब, या अन्य नशीली दवाइयों का सेवन करती है उन्हें भी इस समस्या से जूझना पड़ सकता है। इसके अलावा जो महिलाएं बहुत अधिक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती है उसके कारण उनकी गर्भाशय की झिल्ली पर बुरा असर पड़ता है जिसके कारण उनके गर्भपात होने के चांस ज्यादा होते हैं।
ज्यादा उछल कूद
प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने में महिला को भरपूर आराम करना चाहिए, लेकिन यदि महिला ज्यादा उछल कूद करती है, ज्यादा घूमती है, यात्रा करती है, तो कई बार झटके लगने के कारण भी उसे ब्लीडिंग होने लगती है जिसके कारण बाद में उसका गर्भपात हो जाता है।
शारीरिक रूप से फिट न होने के कारण
यदि कोई महिला शारीरिक रूप से कमजोर होती है, तो ऐसे में उसे भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। कमजोर होने के कारण बच्चा गर्भ में ठहर नहीं पाता है जिसके कारण मिसकैरिज हो जाता है।
किसी बिमारी के कारण
कई बार ऐसा भी होता है की महिला का गर्भ ठहर तो जाता है लेकिन किसी बिमारी जैसे की शुगर, ब्लड प्रैशर से जुडी परेशानी, गुर्दे से जुडी समस्या के कारण प्रेग्नेंट होने के बाद भी, उनका गर्भ गिर जाता है, और उनका मिसकैरिज हो जाता है।
खान पान में लापरवाही
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखना पड़ता है, लेकिन कई बार ऐसा होता है की महिला प्रेग्नेंट होने के बाद ऐसी किसी चीज जैसे की विटामिन सी की अधिकता वाले पदार्थ आदि का सेवन कर लेती है जिसके कारण उसका गर्भ गिर जाता है।
रेडिएशन के कारण
यदि आप किसी जहरीली गैस के संपर्क में आ जाते हैं, किसी रेडिएशन का असर आप पर पड़ता है, या किसी कीटनाशक का असर होता है तो इसके कारण भी गर्भ गिरने के चने बढ़ जाते हैं।
तनाव होने के कारण
मिसकैरिज का एक कारण तनाव भी हो सकता है, यदि आप अपने दिमाग पर ज्यादा जोर डालते है या किसी चीज को लेकर बहुत परेशान होते हैं। तो इसका बुरा असर भी आपकी प्रेगनेंसी पर पड़ता है जिसके कारण आपको गर्भ गिरने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
तो यह हैं कुछ कारण जिनकी वजह से आपको इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में बार बार गर्भपात का होना महिला के लिए बहुत नुकसानदायक होता है इसीलिए गर्भपात के बाद दुबारा ऐसी परेशानी न हो इसके लिए महिला को अच्छे से अपना ध्यान रखना चाहिए। और प्रेगनेंसी के दौरान पूरी सावधानी बरतनी चाहिए।