प्रेगनेंसी में ज्यादा सोना कैसा होता है

प्रेगनेंसी में ज्यादा सोना कैसा होता है, प्रेगनेंसी में ज्यादा सोने से हो सकते है ये नुकसान, गर्भवती महिला को कितना सोना चाहिए, गर्भधारण के बाद ज्यादा सोना कैसा होता है

गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत जरुरी होता है। भरपूर नींद प्रेगनेंसी के दौरान महिला को कमजोरी, थकान, तनाव, मूड स्विंग्स, जैसी परेशानी से निजात दिलाने में मदद करती है। साथ ही इससे गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर विकास में भी मदद मिलती है। इसीलिए डॉक्टर भी प्रेग्नेंट महिला को नींद के प्रति लारपरवाही न करने की सलाह देते हैं, लेकिन पूरा समय सोते रहना भी अच्छी बात नहीं होती है, क्योंकि इसके कारण आपको परेशानी हो सकती है। तो लीजिये आज हम आपको गर्भवती महिला को दिन में कितनी देर सोना चाहिए, और ज्यादा सोने से क्या होता है इस बारे में बताने जा रहे हैं।

गर्भवती महिला को दिन में कितनी देर सोना चाहिए

प्रेगनेंसी के दौरान महिला रात के समय आठ से नौ घंटे जरूर सोना चाहिए, साथ ही दिन में भी एक या डेढ़ घंटा आराम करना चाहिए। इससे आपको फ्रैश महसूस होता है। साथ ही बॉडी को एनर्जी से भरपूर रहने में मदद मिलती है, और आपको थकान व् कमजोरी जैसी समस्या से भी निजात पाने में मदद मिलती है। कुछ महिलाओं को बॉडी में हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण रात को नींद न आने की समस्या हो सकती है, ऐसे में अपनी नींद को दिन में सोकर जरूर पूरा करना चाहिए, और नींद न आने की समस्या से निजात पाने के लिए योगासन आदि करना चाहिए।

प्रेगनेंसी में ज्यादा सोना कैसा होता है

किसी भी चीज की मात्रा यदि जरुरत से ज्यादा हो जाए तो ऐसा होने के कारण वो आपको फायदा कम और नुकसान ज्यादा पहुंचाती है। ऐसे में आपको इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए की नींद भी आप ज्यादा न लें, बल्कि जितनी जरुरत है उतनी ही लें, क्योंकि प्रेगनेंसी में भी ज्यादा सोना आपकी परेशानी को बढ़ा देता है।

वजन बढ़ जाता है

गर्भवती महिला का वजन बढ़ना जरुरी होता है, लेकिन यदि वजन ज्यादा बढ़ने लग जाए तो इसके कारण आपको परेशानी हो सकती है। ऐसे ही गर्भवती महिला यदि सारा दिन सोती है तो इससे बॉडी पर चर्बी जमने लगती है, और वजन बढ़ने के कारण आपको बहुत सी शारीरिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।

हाई ब्लड प्रैशर

वजन बढ़ने के कारण प्रेगनेंसी के दौरान महिला को हाई ब्लड प्रैशर की समस्या भी हो सकती है। और यदि महिला को यह समस्या हो जाती है तो यह केवल गर्भवती महिला को ही नहीं बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु को भी नुकसान पहुंचाती है।

आलस बढ़ता है

ज्यादा सोना प्रेगनेंसी के दौरान आलस को भी बढ़ाता है, ऐसे में किसी काम को करने का मन नहीं करता है, यहां तक की जो गर्भवती महिला और शिशु के लिए जरुरी है महिला उससे भी परहेज कर सकती है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान आलस आपकी परेशानी को बढ़ा सकता है।

थकान

अधिक सोने से शरीर के अंगो में दर्द महसूस होता है, जिसके कारण बॉडी को बिना कुछ किये ही हमेशा थका हुआ सा महसूस होता है। ऐसे में कमजोरी महसूस होना भी आम बात होती है।

पीठ दर्द

शिशु का गर्भ में वजन बढ़ने के कारण पीठ में हल्के फुल्के दर्द का रहना आम बात होती है, लेकिन यदि महिला सारा दिन सोती रहती है तो पीठ में बहुत ज्यादा दर्द की समस्या हो सकती है, जिसके कारण महिला को उठने बैठने, यहां तक की सोने में भी परेशानी हो सकती है।

तनाव

अधिक सोने के लिए मस्तिष्क पर भी बुरा असर पड़ता है, जिसके कारण तनाव महसूस होने लगता है, और गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए ही तनाव बहुत ज्यादा नुकसानदायक होता है।

तो यह हैं कुछ नुकसान जो गर्भवती महिला को ज्यादा सोने से होते हैं, ऐसे में गर्भवती महिला को ज्यादा सोने से परहेज करना चाहिए। यदि कोई शारीरिक समस्या होती है तो अलग बात है, नहीं तो जितनी नींद पर्याप्त होती है उतनी नींद ही लेनी चाहिए।

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