प्रेगनेंसी में किसी महिला का पेट बड़ा और किसी महिला का छोटा क्यों होता है

प्रेगनेंसी में महिला का पेट छोटा या बड़ा होने के कारण, प्रेगनेंसी से जुड़े मिथ, गर्भावस्था में पेट के आकार से जुडी बातें, प्रेगनेंसी में पेट बड़ा या छोटा क्यों होता है

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में बहुत से शारीरिक बदलाव देखने को मिलते हैं, जैसे की ब्रेस्ट साइज में बदलाव, वजन का बढ़ना, स्किन में बदलाव, पेट का आकार आदि। लेकिन सभी महिलाओं में एक जैसे बदलाव हो ऐसा कोई जरुरी नहीं होता है। जैसे की कुछ महिलाओं का पेट बड़ा होता है और कुछ महिलाओं का छोटा। और इसका कारण एक नहीं होता है बल्कि बहुत से ऐसे कारण होते हैं जिसके कारण महिला का पेट बड़ा या छोटा हो सकता है। अधिकतर महिलाएं इस बारे में सोचती भी होंगी? तो लीजिये आज हम आपके इस सवाल का जवाब देने जा रहे हैं की प्रेगनेंसी में किसी महिला का पेट बड़ा और किसी महिला का छोटा क्यों होता है।

महिला की लम्बाई पर करता है निर्भर

जिन महिलाओं का कद लम्बा होता है उनका पेट ज्यादा दिखाई नहीं देता है, क्योंकि लम्बाई अधिक होने के कारण शिशु को गर्भ में काफी जगह मिल जाती है, और महिला का पेट बाहर अधिक निकलने की बजाय ऊपर की और अधिक बढ़ता है। जबकि जिन महिलाओं का कद छोटा होता है प्रेगनेंसी के दौरान उनका पेट ज्यादा बाहर दिखाई देता है।

दूसरी प्रेगनेंसी के कारण

जो महिलाएं पहली बार माँ बनती है उनकी मांसपशियों में उस दौरान खिंचाव आता है जिसके कारण पेट बाहर की और आता है, लेकिन जो महिलाएं दूसरी बार माँ बन रही होती है उनकी स्किन और मांसपेशियों में ढीलापन होता है जिसके कारण पहली बार माँ बनने पर पेट बाहर की और कम दिखाई देता है जबकि दूसरी बार पेट ज्यादा बाहर महसूस होता है।

गर्भ में शिशु पर करता है निर्भर

यदि गर्भ में एक शिशु है तो महिला पेट थोड़ा कम बाहर होता है जबकि यदि गर्भ में दो या तीन शिशु हो तो उससे महिला के पेट का आकार ज्यादा बड़ा होता है।

शिशु के वजन

हर महिला चाहती है की उसके गर्भ में पल रहा शिशु स्वस्थ हो यदि गर्भ में पल रहे शिशु का वजन अधिक होता है तो भी महिला का पेट ज्यादा बाहर की तरफ महसूस होता है, और यदि शिशु कमजोर होता है तो हो सकता है की महिला का पेट ज्यादा बाहर की तरफ न महसूस हो।

एमनियोटिक फ्लूइड अधिक होने के कारण

शिशु गर्भ में एमनियोटिक फ्लूइड की मदद से ही गर्भ में घूमता है और यह गर्भ में एक लीटर के आस पास शिशु के चारों और मौजूद होता है, यदि यह फ्लूइड अधिक हो जाये तो इसके कारण भी महिला का पेट बाहर आ सकता है। और यदि यह नियमित मात्रा में होता है तो पेट का आकार सामान्य होता है।

महिला द्वारा की गई गलतियों के कारण

प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अपनी अच्छे से केयर करनी पड़ती है, यदि महिला अपने उठने, बैठने, सोने आदि के तरीको में लापरवाही करती है। तो इसके कारण मांसपेशियों में ढीलापन आने लगता है। जिसके कारण महिला का पेट ज्यादा बाहर आ सकता है। और यदि महिला पूरी सावधानी बरतती है तो महिला को ऐसी परेशानी नहीं होती है।

मेडिकल कंडीशन पर करता है निर्भर

जिन महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान शुगर जैसी समस्या हो जाती है, उन महिलाओं का पेट भी ज्यादा बाहर की तरफ ज्यादा आने लगता है। और जो महिलाएं स्वस्थ रहती है उनके पेट का आकार भी सामान्य तरीके से ही बढ़ता है, और यदि ऐसी कोई परेशानी महसूस भी हो तो गर्भवती महिला को इस समस्या से बचने के लिए समय समय पर डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।

लड़का या लड़की होने का लक्षण

यदि किसी महिला के पेट का आकार गोल होता है, और छोटा पेट होता है तो यह गर्भ में लड़का होने का लक्षण होता है। जबकि गर्भ में लड़की होने पर महिला का पेट बाहर की और अधिक निकला हुआ होता है।

तो यह हैं कुछ कारण जिनकी वजह से प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला के पेट का आकार छोटा या बड़ा हो सकता है। ऐसे में इस बात को लेकर महिला को परेशान नहीं होना चाहिए, बल्कि प्रेगनेंसी के दौरान अपना बेहतर तरीके से ध्यान रखना चाहिए। ताकि गर्भ में पल रहे शिशु और गर्भवती महिला दोनों को ही प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।

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गर्भावस्था के दौरान किसी महिला का पेट बड़ा और किसी का पेट छोटा क्यों होता है? गर्भावस्था में पेट का बड़ा या छोटा होना खतरे की निशानी तो नहीं है?

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