प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द से बचाव के टिप्स

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गर्भवती महिला के लिए प्रेगनेंसी के दौरान पेट से जुडी कोई भी समस्या गर्भवती महिला को बहुत ज्यादा परेशान कर देती है। लेकिन पेट में दर्द रहने का मतलब केवल लेबर पेन ही नहीं होता है, क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान पेट में हल्के फुल्के दर्द का अनुभव होना आम बात होती है। लेकिन यदि पेट दर्द अधिक हो या असहनीय हो तो ऐसे में इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। बल्कि इसके लिए तुरंत डॉक्टर से राय लेनी चाहिए। तो आइये अब जानते हैं की गर्भावस्था के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द का क्या कारण होता है और आप किस तरह इस परेशानी से निजात पा सकते है।

प्रेगनेंसी के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द का कारण

  • यदि प्रेगनेंसी की शुरुआत में आपको पेट के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव होता है तो यह गर्भपात का लक्षण हो सकता है, इसके साथ प्राइवेट पार्ट से रक्तस्त्राव की समस्या भी हो सकती है।
  • एक्टोपिक प्रेगनेंसी होने के कारण भी महिला को प्रेगनेंसी की शुरुआत में इस दर्द का अनुभव अधिक हो सकता है, ऐसे में डॉक्टर से एक बार जरूर बात करनी चाहिए।
  • जैसे जैसे महिला के पेट का आकार बढ़ता है, वैसे वैसे मांसपेशियों में खिंचाव अधिक होने लगता है, जिसके कारण पेट के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव हो सकता है।
  • गर्भवती महिला के गर्भाशय का आकार बढ़ने लगता है, ऐसे में महिला को पेट के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव हो सकता है।
  • गैस, एसिडिटी की समस्या होने के कारण भी ऐसा हो सकता है।
  • यूरिन इन्फेक्शन की समस्या होने पर भी पेट के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव हो सकता है।
  • साथ ही गर्भ में शिशु का वजन बढ़ने के कारण भी आपको कई बार पेट में निचले हिस्से पर दबाव पड़ने के कारण भी महिला को हल्का दर्द हो सकता है।
  • लेकिन यदि गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के आखिरी दिनों में ऐसे दर्द का अनुभव हो, या फिर साथ ही प्राइवेट पार्ट से गाढ़ा चिपचिपा सफ़ेद पानी सा निकले तो यह लेबर पेन का लक्षण हो सकता है।

प्रेगनेंसी के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द से बचने के टिप्स

क्या आप भी गर्भवती है? और आपको भी प्रेगनेंसी के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव हो रहा है। तो लीजिये आज हम आपको प्रेगनेंसी में होने वाली इस परेशानी से बचाव के लिए कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं तो आइये जानते हैं की वो टिप्स कौन से हैं।

सिकाई करें

दर्द का अनुभव होने पर आपको गर्म पानी से सिकाई करनी चाहिए इससे आपको आराम मिलता है। लेकिन ध्यान रखे की ज्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल नहीं करें।

पेट पर जोर न डालें

गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए जिससे गर्भवती महिला के पेट पर जोर पड़े। क्योंकि ऐसा करने के कारण गर्भवती महिला की परेशानी बढ़ सकती है।

पानी का भरपूर सेवन करें

तरल पदार्थो का सेवन करने से गैस, एसिडिटी जैसी समस्या का समाधान होने के साथ, बॉडी को हाइड्रेट रहने में मदद मिलती है। जिससे महिला को पेट के निचले हिस्से में दर्द से जुडी इस परेशानी से निजात मिलता है, साथ ही बॉडी में पानी की भरपूर मात्रा यूरिन इन्फेक्शन जैसी परेशानी से भी आराम दिलाने में मदद करता है।

आराम करें

गर्भवती महिला के शरीर को भरपूर आराम की जरुरत होती है, ऐसे में यदि महिला आराम नहीं करती है, तो भी महिला की परेशानी बढ़ सकती है। ऐसे में महिला यदि आराम करती है तो उसे राहत मिलती है, जिससे उसकी इस परेशानी को कम करने में मदद मिलती है।

व्यायाम करें

प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा नहीं लेकिन महिला को हल्का फुल्का व्यायाम जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। साथ ही मांसपेशियों को भी आराम मिलता है, ऐसा करने से आपको इस परेशानी से निजात पाने में मदद मिलती है।

डॉक्टर से संपर्क करें

यदि गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान बहुत अधिक पेट के निचले हिस्से में दर्द हो, स्पॉटिंग हो, या प्राइवेट पार्ट से सफ़ेद पानी ज्यादा आये तो ऐसे में आपको इस समस्या से निजात पाने के लिए एक बारे डॉक्टर से रे लेनी चाहिए।

तो आप इन टिप्स का इस्तेमाल करके इस समस्या से निजात पा सकते हैं। इसके अलावा यदि दर्द ज्यादा हो या कोई अन्य परेशानी हो तो इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। और जितना हो सके जल्दी से जल्दी डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।

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