उल्टी नहीं करेगा आपका बच्चा बस दूध पिलाते समय करें यह काम

छोटे बच्चों की देखभाल करना बहुत कठिन होता है क्योंकि उन्हें दूध पिलाते समय, सुलाते समय, नहलाते समय यदि थोड़ी भी लापरवाही की जाये तो इसकी वजह से शिशु को नुकसान पहुँच सकता है। इसीलिए बच्चे के जन्म के बाद महिला शिशु की केयर करते समय बहुत ही सावधानी बरतती है ताकि शिशु स्वस्थ रहे। साथ ही कई बार आपने देखा होगा की बच्चा दूध पीने के तुरंत बाद उल्टी कर देता है। और ऐसा होने के कारण जो महिलाएं पहली बार माँ बनी होती है घबरा जाती है।

जबकि कई बार ऐसा हो जाता है की दूध पीने के तुरंत बाद बच्चा दूध उलट देता है। हमेशा बच्चा उल्टी ही करता है ऐसा जरुरी नहीं होता है। और एक दो बार बच्चे का ऐसा करना बहुत ही सामान्य बात होती है लेकिन यदि बच्चा बार बार ऐसा करता है तो महिला के लिए इस लक्षण पर ध्यान देना जरुरी होता है। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स या काम बताने जा रहे हैं जो यदि महिला शिशु को दूध पिलाते समय करती है तो इससे शिशु की उल्टी की समस्या को कम करने में मदद मिलता है।

शिशु के उल्टी करने के कारण

  • कई बार जब शिशु को महिला थोड़ी थोड़ी देर में दूध पिलाती है और बच्चे को भूख नहीं होती है तो इसके कारण बच्चा दूध पीने के बाद ऐसा करता है।
  • दूध पीते समय यदि बच्चा रोने लगता है या खांसने लगता है तो इस कारण भी बच्चे को उल्टी आने लगती है।
  • नवजात शिशु को यदि पेट में गैस की समस्या होती है या बच्चे का पेट यदि अच्छे से साफ़ नहीं होता है तो इस कारण भी शिशु उल्टी कर सकता है।
  • बच्चे को दूध पिलाने के बाद यदि डकार नहीं दिलवाई जाती है है तो इसके कारण भी बच्चा उल्टी कर देता है।
  • बच्चे की जीभ पर दूध जम जाता है ऐसे में बच्चे की जीभ की साफ़ सफाई करते रहना चाहिए लेकिन यदि बच्चे की जीभ गन्दी होती है तो इसके कारण भी कभी कभार शिशु दूध पीने के बाद उल्टी कर देता है।
  • कई बार दूध पिलाते समय बच्चे की नाक पर दबाव पड़ता है जिसकी वजह से शिशु को सांस लेने में तकलीफ होती है और एक दम से बच्चा दूध पीना छोड़ देता है और कई बार दूध बाहर भी निकाल देता है।

छोटे बच्चे उल्टी नहीं करें इसके लिए दूध पिलाते समय इन बातों का ध्यान रखें

यदि आपका बच्चा छोटा है और दूध पीते समय उल्टी कर देता है तो महिला को बच्चे को दूध पिलाते समय कुछ टिप्स का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि उन टिप्स का ध्यान रखने से बच्चे को दूध पीते समय या दूध पीने के बाद उल्टी नहीं आती है।

बच्चे का सिर थोड़ा ऊपर रखें

छोटे बच्चे को दूध पिलाते समय सिर थोड़ा ऊपर की तरफ रखना चाहिए ऐसा करने से बच्चा आराम से दूध भी पी लेता है और बच्चे के गले में दूध अटकने की समस्या नहीं होती है। जिससे बच्चा दूध बाहर की और नहीं उलटता है। इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें की बच्चे की नाक पर भी किसी तरह का दबाव नहीं पड़े और बच्चा आराम से सांस ले सके।

दूध पिलाने के बाद दिलाएं डकार

छोटे बच्चे को दूध पिलाने के बाद डकार जरूर दिलवानी चाहिए, क्योंकि डकार दिलवाने से बच्चा का दूध हज़म हो जाता है। जिससे बच्चा न तो दूध पीने के बाद दूध उलटता है और न ही उल्टी करता है।

जबरदस्ती नहीं करें

यदि आपके बच्चे ने दूध पीने के बाद स्तन या दूध की बोतल को छोड़ दिया है तो आप बच्चे के साथ जबरदस्ती नहीं करें। क्योंकि यदि आप बच्चे के साथ जबरदस्ती करते हैं तो इसके कारण बच्चा दूध बाहर निकाल देता है या फिर उल्टी कर देता है। यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपका बच्चा उल्टी नहीं करेगा।

दूध पिलाने वाली महिला ले सही आहार

स्तनपान करवाने वाली महिला को अपनी डाइट का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए और ऐसी किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए जिसे खाने से या तो गैस बनती हो या फिर एलर्जी की समस्या हो। क्योंकि ऐसी चीजों को खाने के बाद जब महिला बच्चे को दूध पिलाती है। तो बच्चे के पेट में भी गैस बनती है जिसके कारण बाद में बच्चा उल्टी करता है। ऐसे में महिला को अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए।

बच्चे की जीभ साफ़ रखें

बच्चे को दूध पीते समय उल्टी की समस्या अधिक नहीं हो इसके लिए बच्चे की जीभ को भी साफ़ रखना चाहिए ऐसा करने से भी बच्चे को होने वाली इस परेशानी को दूर करने में मदद मिलती है।

खांसी आने पर दूध पिलाना बंद करें

यदि बच्चा रो रहा है या खांसी कर रहा है तो भी बच्चे को दूध पिलाना बंद कर दें। और उसके बाद थोड़ी देर रुकें और बच्चे को दूध पिलायें। ऐसा करने से भी बच्चे को उल्टी की समस्या से निजात पाने में मदद मिलती है।

तो यह हैं कुछ टिप्स जिनका ध्यान बच्चे को दूध पिलाते समय रखने से बच्चा दूध पीते समय न तो उल्टी करता है और न ही दूध उलटता है। इसके अलावा बच्चे को यदि उल्टी की समस्या अधिक हो तो इसे अनदेखा न करते हुए डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए इसके अलावा उल्टी के साथ बच्चे में यदि चिड़चिड़ापन, बुखार आदि महसूस हो तो भी डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

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