प्रेगनेंसी में चिल्ला खाने के फायदे

गर्भावस्था के दौरान प्रेग्नेंट महिला की कुछ न कुछ अलग खाने की इच्छा होती रहती है। जिससे महिला के मुँह का स्वाद भी अच्छा हो जाये और उस चीज को खाने से महिला को फायदा भी हो। और ऐसा ही एक खाद्य पदार्थ है बेसन और आटे का चिल्ला, जो न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि प्रेग्नेंट महिला के लिए फायदेमंद भी होता है।

इसके स्वाद को बढ़ाने के लिए आप इसमें प्याज़, हरी मिर्च, धनिया, व् अन्य सब्जियों को भी छोटा छोटा काटकर मिक्स कर सकते हैं। ऐसा करने से न केवल चिल्ले का स्वाद बढ़ता है बल्कि इससे चिल्ले में पोषक तत्व भी बढ़ जाते हैं। जो गर्भवती महिला व् बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी में चिल्ला का सेवन करने से कौन से फायदे मिलते हैं।

बेहतरीन नाश्ता है

प्रेग्नेंट महिला के लिए सुबह का नाश्ता ऐसा होना चाहिए जो महिला को पूरा दिन एनर्जी से भरपूर रखे। ऐसे में आटे और बेसन से बना चिल्ला पोषक तत्वों से भरपूर होता है। जो न केवल प्रेग्नेंट महिला के शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है। बल्कि इससे प्रेग्नेंट महिला को ऊर्जा से भरपूर रहने में भी मदद मिलती है। इसीलिए चिल्ला गर्भवती महिला के लिए चिल्ला एक बेहतरीन नाश्ता है। और इसे बनाने के लिए यदि आप इसमें सब्जियां भी मिला देते हैं तो इसका फायदा और भी ज्यादा बढ़ जाता है।

मुँह के स्वाद को बढ़ाता है

बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण कुछ महिलाओं के जीभ का स्वाद भी बिगड़ जाता है। लेकिन चिल्ले के सेवन करने से महिला के जीभ के स्वाद को सही करने में भी मदद मिलती है। जिससे महिला की खाने की इच्छा बढ़ने के साथ भूख बढ़ाने में भी मदद मिलती है।

पाचन तंत्र रहता है दुरुस्त

बेसन, आटे से बने चिल्ले में फाइबर प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। ऐसे में यदि गर्भवती महिला चिल्ले का सेवन करती है तो इससे गर्भवती महिला को पाचन तंत्र को दुरुस्त रहने में मदद मिलती है। जिससे पाचन क्रिया से सम्बंधित समस्या जैसे की कब्ज़, पेट में गैस, एसिडिटी, पेट में जलन आदि परेशानियों से प्रेग्नेंट महिला को बचे रहने में मदद मिलती है।

खून की कमी होती है पूरी

शरीर में खून की कमी का होना गर्भवती महिला के लिए बहुत बड़ी परेशानी होती है। लेकिन यदि प्रेग्नेंट महिला चिल्ले का सेवन करती है तो इससे महिला को भरपूर मात्रा में आयरन मिलता है क्योंकि आटे और बेसन दोनों में आयरन की मात्रा मौजूद होती है। जिससे प्रेग्नेंट महिला को खून की कमी के कारण होने वाली परेशानी से बचे रहने में मदद मिलती है।

शुगर रहती है नियंत्रित

चिल्ले का सेवन करने से ब्लड में ग्लूकोज़ के स्तर को सामान्य बनाएं रखने में मदद मिलती है। जिससे प्रेग्नेंट महिला को गेस्टेशनल शुगर जैसी समस्या से प्रेगनेंसी में बचे रहने में मदद मिलती है। और यदि किसी महिला को शुगर है तो उनके लिए चिल्ले का सेवन फायदेमंद होता है।

दर्द से मिलता है आराम

चिल्ले में प्रोटीन व् कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। ऐसे में चिल्ले का सेवन करने से गर्भवती महिला की हड्डियों व् मांसपेशियों को मजबूती मिलती है जिससे प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली बॉडी पेन की समस्या से महिला को बचे रहने में मदद मिलती है।

हदय रहता है स्वस्थ

यदि प्रेग्नेंट महिला चिल्ले का सेवन करती है तो इसमें आटे और बेसन की मौजूदगी के कारण घुलनशील फाइबर, पोटैशियम आदि भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। जो कोलेस्ट्रॉल को कण्ट्रोल करने के साथ गर्भवती महिला के हदय को स्वस्थ रखने में भी मदद करते हैं। साथ ही इससे प्रेग्नेंट महिला के ब्लड प्रैशर को भी नियंत्रित रहने में मदद मिलती है।

ब्रेस्ट कैंसर से बचाव

चिल्ले में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स गर्भवती महिला की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं जिससे प्रेगनेंसी के दौरान महिला को संक्रमण से बचे रहने में मदद मिलती है। साथ ही चिल्ले का सेवन करने से गर्भवती महिला को ब्रेस्ट कैंसर जैसी समस्या से भी सुरक्षित रहने में मदद मिलती है।

तो यह हैं कुछ फायदे जो प्रेग्नेंट महिला को चिल्ले का सेवन करने से मिलते हैं। ऐसे में यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं तो इन बेहतरीन फायदों और अपने मुँह के स्वाद को सही करने में लिए चिल्ले का सेवन जरूर करना चाहिए।

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