Corona marizon ko vaccin nahi lagaane ka karan

Corona marizon ko vaccin nahi lagaane ka karan


कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए भारत में वैक्सीन लगाने की शुरुआत हो चुकी है। और लोग वैक्सीन लगवा भी रहे हैं ताकि उन्हें इस समस्या से बचे रहने में मदद मिल सके। यह वैक्सीन दो तरह की है एक है कोविशील्ड और दूसरी है कोवैक्सीन। यह दोनों ही वैक्सीन कोरोना संक्रमण से बचाव में मदद करती है। साथ ही इन दोनों वैक्सीन की दो दो डोज़ सभी को लगाईं जाएँगी।

जिस कंपनी की पहली डोज़ आपको लगी है उसी कम्पनी की दूसरी डोज़ ही आपको लगवानी है। इसके अलावा पहली और दूसरी डोज़ में चार से आठ हफ्ते तक का अंतराल जरूर होना चाहिए। आज इस आर्टिकल में हम कोरोना वैक्सीन को लेकर एक सवाल का जवाब जो की अधिकतर लोग जानना चाहते हैं की आख़िरकार कोरोना मरीज़ को वैक्सीन क्यों नहीं लगाई जा रही है उसके बारे में बताने जा रहे हैं।

क्यों नहीं लगाईं जा रही है कोरोना मरीज़ों को वैक्सीन?

यदि किसी व्यक्ति को कोरोना हो गया है और वो उससे ठीक हो रहा है या फिर किसी व्यक्ति को कोरोना है, तो उस व्यक्ति को वैक्सीन न लगवाने की सलाह दी जाती है। अब आप सोच रहे होंगे की वैक्सीन तो बहुत ज्यादा जरुरी है? जी हाँ आप बिल्कुल सही सोच रहे हैं की वैक्सीन लगवाना बहुत जरुरी है। लेकिन जिन लोगो को कोरोना हुआ है और वो उससे ठीक हो रहे हैं तो उसके बाद उनके शरीर में अपने आप ही एंटीबाडी बननी शुरू हो जाती है जिससे उनकी इम्युनिटी को मजबूत रखने में मदद मिलती है।

और वैक्सीन भी शरीर में एंटीबाडी बनाने के लिए ही लगाईं जा रही है। ऐसे में जब कोरोना से ठीक हुए मरीज़ों के शरीर में एंटीबाडी बन रही है तो उन कर वैक्सीन उतनी प्रभावी नहीं होगी। इसीलिए कोरोना से ठीक होने वाले लोगो को तीन से चार महीने तक वैक्सीन न लगवाने की सलाह दी जाती है। लेकिन तीन चार महीने के बाद वो वैक्सीन लगवा सकते हैं। इसके अलावा WHO का कहना है कि नेचुरल कोरोना इंफेक्शन के बाद वैक्सीनेशन को 6 महीने तक टाल देना चाहिए क्योंकि इंफेक्शन से बनी नेचुरल एंटी बॉडीज शरीर में इतने समय तक बनी रहती है।

तो यह हैं कोरोना के मरीज़ को वैक्सीन क्यों नहीं लगाईं जा रही है उससे जुडी जानकारी, यदि आपने भी वैक्सीन नहीं लगवाई है तो आप भी इसे समय से लगवाएं। साथ ही यदि आपको कोरोना हुआ है तो आप ऊपर बताये गए समय तक रुकने के बाद वैक्सीन लगवा सकते हैं।

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