एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्या होती है?

प्रेगनेंसी किसी भी महिला के लिए इस दुनिया के सबसे बेहतरीन लम्हो में से एक होता है, क्योकि इसके कारण महिला एक नयी जान को इस दुनिया में लाने में सक्षम होती है। लेकिन कई बार प्रेगनेंसी एक जटिल रूप में उभरकर सामने आती है, जिसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी के नाम से जाना जाता है। और प्रेगनेंसी की इस अवस्था के कारण महिला को बहुत ज्यादा परेशानी का अनुभव करना पड़ सकता है। क्योंकि इस अवस्था में शिशु गर्भ में बाहर ही विकसित होना शुरू कर देता है, जिसके कारण महिला को रक्तस्त्राव और पेट में दर्द जैसी परेशानियों का अनुभव करना पड़ सकता है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्या होती है, और इसके होने के क्या कारण हो सकते हैं।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्या होती है?

अंडाणु निषेचन की क्रिया के बाद जब अपने आप को गर्भाशय से जोड़ता तो गर्भ में भ्रूण प्रत्यारोपित होता है, जिससे महिला का गर्भ ठहर जाता है। लेकिन कई बार अंडाणु गर्भ तक नहीं पहुँचता है बल्कि निषेचन के बाद गर्भाशय के बाहर ही जुड़ जाता है और ऐसी प्रेगनेंसी को ही एक्टोपिक प्रेगनेंसी कहा जाता है। ज्यादातर मामलो में अंडाणु फैलोपियन ट्यूब में ही विकसित होने लग जाता है। इसीलिए इस प्रेगनेंसी को ट्यूबल प्रेगनेंसी के नाम से भी जाना जाता है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी होने पर क्या करें

भ्रूण के विकसित होने की सही जगह गर्भाशय ही होती है क्योंकि गर्भाशय में भ्रूण को पूरा सपोर्ट मिलता है। और फैलोपियन ट्यूब में यदि शिशु विकसित होना शुरू करता है तो फैलोपियन ट्यूब का शेप वैसा नहीं होता है की वो भ्रूण को सपोर्ट कर सके। ऐसे में इस पर ध्यान देने के साथ इसका इलाज जरुरी होता है, इसीलिए यदि आपको प्रेगनेंसी की शुरुआत में कोई भी असामान्य लक्षण दिखाई दे तो, तुरंत डॉक्टर से राय लेनी चाहिए। आइये अब जानते हैं की एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षण और कारण क्या होते हैं।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षण

  • पेट में बहुत तेज दर्द का अनुभव होना और फिर बंद हो जाना, बार बार प्रेगनेंसी में इस तरह के दर्द का अनुभव महसूस होना। पेट के साथ कंधे, गर्दन आदि में भी दर्द का अहसास होना भी एक्टोपिक प्रेगनेंसी का लक्षण होता है। इस दौरान पेल्विक एरिया में सबसे ज्यादा दर्द का अहसास हो सकता है।
  • प्राइवेट पार्ट से ब्लीडिंग होना, और ब्लीडिंग भी बहुत ज्यादा होना भी एक्टोपिक प्रेगनेंसी का लक्षण हो सकता है।
  • बहुत ज्यादा कमजोरी, थकान, चक्कर आदि का अनुभव होना।
  • गैस सम्बन्धी समस्या बहुत ज्यादा रहना।
  • शरीर में पीलापन महसूस होना।
  • ब्लड प्रैशर का हमेशा कम रहना।
  • यूरिन पास करते समय पेट के निचले हिस्से में दर्द होने के साथ यूरिन पास करने में भी दिक्कत होना।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कारण

  • यदि प्रेगनेंसी से कभी पहले महिला की फैलोपियन ट्यूब की सर्जरी हुई है, तो यह अंडाणु के मूवमेंट में बाधा डाल सकती है जिसके कारण महिला को एक्टोपिक प्रेगनेंसी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
  • फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज होने के कारण भी ऐसा हो सकता है।
  • यदि महिला की फैलोपियन ट्यूब का आकार असामान्य होता है तो इसके कारण भी एक्टोपिक प्रेगनेंसी के चांस होते हैं।
  • एक बार यदि कोई कोई एक्टोपिक प्रेगनेंसी की समस्या से जूझ रही होती है, तो ऐसे में दुबारा भी महिला को एक्टोपिक प्रेगनेंसी का सामना करना पड़ सकता है।
  • फैलोपियन ट्यूब में या पेल्विक में सूजन, संक्रमण आदि की समस्या होने के कारण भी ऐसा हो सकता है।
  • बार बार गर्भपात का होना भी इसका एक कारण हो सकता है।
  • अधिक उम्र में माँ बनने वाली महिलाओं को भी इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
  • जो महिलाएं अधिक धूम्रपान करती है उन्हें भी इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
  • प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाली दवाइयों का सेवन अधिक मात्रा में करने के कारण भी इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
  • सम्बन्ध बनाने के बाद तुरंत गर्भनिरोधक दवाइयों का सेवन करने से भी इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

तो यह हैं एक्टोपिक प्रेगनेंसी से जुडी कुछ बातें, ऐसे में प्रेगनेंसी में यदि कोई भी लक्षण असामान्य महसूस हो तो उसे अनदेखा नहीं करना चाहिए क्योंकि बाद में वह परेशानी का कारण बन सकता है। इसीलिए समय पर डॉक्टर से जांच करवाने के साथ राय लेते रहना चाहिए, और किसी भी असहज लक्षण के महसूस होने पर उसकी जांच जरूर करवानी चाहिए।

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