गोद भराई की रस्म से क्या प्रेग्नेंट महिला और गर्भ को फायदे होते हैं?

प्रेगनेंसी की खबर केवल गर्भवती महिला के लिए ही नहीं बल्कि पूरे परिवार में खुशियाँ बिखेर देती है। और जिस दिन घर के सदस्यों के प्रेगनेंसी की खबर मिलती है उस दिन से लेकर शिशु के जन्म तक हर कोई आने वाले शिशु के लिए दुआ करता है, अपना आशीर्वाद देता है, ताकि गर्भ में शिशु स्वस्थ रहे और एक हष्ट पुष्ट शिशु का जन्म हो। ऐसे में घर में आने वाले नन्हे मेहमान के स्वागत और गर्भवती महिला को ढेरो आशीर्वाद देने के लिए एक रस्म निभाई जाती है जिसे गोद भराई रस्म कहा जाता है। जिसमे घर के सदस्य और रिश्तेदार आकर अपने आशीष गर्भवती महिला को देते हैं। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की गोद भराई की रस्म क्या होती है, और इसके क्या फायदे होते हैं।

गोद भराई की रस्म क्या होती है

गोद भराई की रस्म प्रेगनेंसी के सातवे या आठवे महीने के पूरे होने के बाद करते हैं। यह हर किसी के अपने रीती रिवाज़ के अनुसार की जाती है। इसमें एक विशेष प्रकार की पूजा रखी जाती है, जिसमे बहुत से लोगो को आमंत्रित किया जाता है। और महिला की गोद भरी जाती है गोद भरने के साथ हर कोई गर्भवती महिला को आशीर्वाद देता है ताकि गर्भ में शिशु और गर्भवती महिला दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके। और यह परम्परा बहुत समय पहले से हर गर्भवती महिला के लिए की जाती है। तो आइये अब जानते हैं की क्या गोद भराई की रस्म से गर्भ में पल रहे शिशु को क्या फायदे होते है।

गोद भराई की रस्म के फायदे

गोद भराई की रस्म रीती रिवाज़ो को पूरा करने के साथ बहुत से वैज्ञानिक कारणो की वजह से भी की जाती है। क्योंकि ऐसा माना जाता है की गोद भराई की रस्म करने से गर्भ में पल रहे शिशु को बहुत फायदा मिलता है। तो आइये अब जानते हैं की गोद भराई की रस्म करने के क्या फायदे होते हैं।

प्रोटीन मिलता है

जब गोद भराई की रस्म की जाती है तो गर्भवती महिला को गोद में सूखे मेवे यानी ड्राई फ्रूट्स डाले जाते हैं और प्रेग्नेंट महिला की गोद भरी जाती है। जो प्रोटीन व् अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जिनका सेवन करने से गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने और गर्भ में शिशु के बेहतर विकास में मदद मिलती है।

स्वस्थ रहने में मिलती है मदद

ड्राई फ्रूट्स के साथ महिला की गोद को फलों से भी भरा जाता है और फल भी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। ऐसे में भरपूर मात्रा में पोषक तत्वों का सेवन करने से गर्भवती महिला और गर्भ शिशु दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।

बुरी नज़र से होता है बचाव

गोद भराई की रस्म के दौरान विशेष तरह की पूजा की जाती है जिसमे गर्भवती महिला और शिशु के ऊपर होने वाली सभी बुरे दोषो को दूर करने में मदद मिलती है। इस पूजा में गर्भवती महिला और शिशु के स्वस्थ रहने की कामना की जाती है जिससे गर्भ में शिशु को और गर्भवती महिला को सकारात्मक बने रहने में मदद मिलती है।

प्रसव पीड़ा के दौरान परेशानी होती है कम

ड्राई फ्रूट्स तेलीय गुणों से भरपूर होते हैं, ऐसे में यदि गर्भवती महिला यदि इनका सेवन करती है तो इससे बॉडी में चिकनाहट बढ़ती है, जिससे प्रसव पीड़ा को कम करने और डिलीवरी के दौरान होने वाली परेशानियों को कम करने में मदद मिलती है।

तो यह हैं प्रेगनेंसी के दौरान गोद भराई की रस्म से जुडी कुछ बातें, ऐसे में हर किसी को गर्भवती महिला और गर्भ में शिशु को स्वस्थ रहने की प्रार्थना करने के लिए पूरे उत्साह के दिन इस रस्म को निभाना चाहिए।

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