गर्भावस्था में तनाव कितना नुकसानदेह होता है?

प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं, महिला के शरीर में लगातार हार्मोनल बदलाव होते हैं, बहुत सी शारीरिक परेशानियों का सामना महिला को करना पड़ता है, आदि। साथ ही महिला के मन में प्रेगनेंसी को लेकर बहुत से सवाल आते हैं, शरीर में होने वाले बदलाव के कारण महिला को दिक्कत होती है, आदि। और इन्ही सब के कारण गर्भवती महिला मानसिक रूप से परेशानी का अनुभव करती है।

जिसके कारण महिला तनाव से ग्रसित हो जाती है। और ऐसा नहीं है की पहली प्रेगनेंसी में ही ऐसा होता है बल्कि कई महिलाएं दूसरी बार माँ बनने वाली होती है और वो भी इस समस्या से ग्रसित हो जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं की प्रेगनेंसी के दौरान इस समस्या का होना कितना नुकसानदायक हो सकता है। यदि नहीं, तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं की प्रेगनेंसी के दौरान तनाव कितना नुकसानदायक हो सकता है।

प्रेगनेंसी में तनाव होने के कारण

  • प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली परेशानियों को लेकर महिला तनाव ले लेती है।
  • नींद पूरी नहीं होने के कारण भी स्ट्रेस हो जाता है।
  • धूम्रपान, कैफीन, अल्कोहल आदि का सेवन करने के कारण भी यह समस्या हो सकती है।
  • शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण आई कमजोरी व् थकान अधिक होने के कारण भी यह समस्या हो जाती है।
  • सारा दिन एक ही बात के बारे में सोचते रहने के कारण भी स्ट्रेस की समस्या हो जाती है।
  • जो महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान नेगेटिव सोच रखती है उन्हें भी तनाव का सामना करना पड़ सकता है।

गर्भावस्था में तनाव के कारण होने वाले नुकसान

यदि गर्भावस्था के दौरान कोई महिला तनाव से ग्रसित हो जाती है तो इसका असर महिला की सेहत पर पड़ने के साथ शिशु पर भी पड़ता है और दोनों को ही दिक्कत हो सकती है। जैसे की:

गर्भपात का खतरा

तनाव का सीधा असर महिला के गर्भ पर पड़ता है जिसकी वजह से महिला को ब्लीडिंग शुरू हो सकती है और ब्लीडिंग होने के कारण महिला का गर्भ गिर जाता है। और एक रिसर्च के अनुसार अधिकतर महिलाओं के गर्भ गिरने का कारण स्ट्रेस ही होता है।

शिशु के शारीरिक विकास में कमी

प्रेगनेंसी के दौरान स्ट्रेस के कारण महिला की भूख में कमी आ सकती है जिसके कारण महिला अपने खान पान का ध्यान नहीं रखती है। और इस वजह से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। और शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने के कारण शिशु को अपने विकास के लिए भरपूर पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं जिसकी वजह से शिशु का शारीरिक विकास रुक जाता है। और इसी वजह से जन्म के बाद शिशु में वजन की कमी जैसी समस्या देखने को मिलती है।

बच्चे का मानसिक विकास होता है प्रभावित

आपने यह तो सुना ही होगा की प्रेगनेंसी के दौरान माँ जो भी करती है उसका असर बच्चे पर पड़ता है। जी हाँ यह बिल्कुल सच है, इसीलिए तो प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अपना ध्यान अच्छे से रखने की सलाह दी जाती है। क्योंकि यदि महिला अपना ध्यान अच्छे से नहीं रखती है दिमागी रूप से परेशान रहती है तो इसकी वजह से शिशु के शारीरिक के साथ मानसिक विकास पर भी बुरा असर पड़ता है।

समय से पहले डिलीवरी का खतरा

प्रेगनेंसी के दौरान तनाव लेने की वजह से महिला को समय से पहले प्रसव पीड़ा होने का खतरा रहता है। जिसकी वजह से महिला की डिलीवरी समय से पहले हो जाती है और इसकी वजह से शिशु के विकास में कमी, जन्म दोष आदि होने का खतरा होता है।

नींद नहीं आने के कारण बढ़ती है परेशानियां

जो महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान तनाव लेती है उन्हें नींद से जुडी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है। और नींद पूरी नहीं होने के कारण महिला की शारीरिक परेशानियां बढ़ सकती है महिला को थकान, कमजोरी, बॉडी पेन जैसी दिक्कतें होती है जो महिला के लिए बिल्कुल भी सही नहीं होती है।

स्ट्रेस की वजह से बढ़ता है वजन

प्रेगनेंसी के दौरान कई बार स्ट्रेस लेने के कारण महिला का वजन भी ज्यादा बढ़ जाता है और प्रेगनेंसी के दौरान जरुरत से ज्यादा वजन बढ़ना माँ व् बच्चे दोनों के लिए सही नहीं होता है। साथ ही वजन बढ़ने के कारण महिला की बहुत सी शारीरिक परेशानियां भी बढ़ जाती है।

प्रेगनेंसी में स्ट्रेस दूर करने के आसान टिप्स

  • ज्यादा काम करने के कारण भी महिला को स्ट्रेस हो सकता है ऐसे में प्रेगनेंसी में अपनी मदद के लिए किसी न किसी को अपने पास रखें।
  • महिला को थोड़ी देर मैडिटेशन योगा व्यायाम आदि करना चाहिए।
  • किताबों का सहारा लें।
  • प्रेगनेंसी की ज्यादा से ज्यादा जानकारी इक्कठी करें जिससे आपकी प्रेगनेंसी को आसान बनाने में मदद मिल सके।
  • दूसरों की सुनी नेगेटिव बातों को दिल से नहीं लगाएं बल्कि पॉजिटिव रहें क्योंकि जरुरी नहीं है जैसा उनके साथ हुआ है वैसा आपके साथ भी होगा।
  • महिला को अकेले नहीं रहना चाहिए क्योंकि अकेले रहने से मन में बहुत सी बातें चलती रहती है जिसकी वजह से महिला तनाव में आ सकती है।
  • यदि आपको स्विमिंग आती है तो स्विमिंग करें इससे भी स्ट्रेस दूर करने में मदद मिलती है।
  • अपना पसंदीदा काम करें, अपना मनपसंद खाना खाएं, अपने आप को बिज़ी रखें यह तरीका तनाव को दूर करने के लिए सबसे बेस्ट होता है।
  • हेल्दी खाएं ताकि आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद मिलें।
  • अपना एक रूटीन बनाएं जिसमे आप खाने, पीने, सोने का सही समय रखें इससे भी आपको स्ट्रेस से बचे रहने में मदद मिलेगी।
  • यदि आपको तनाव ज्यादा होता है तो आपको इसे अनदेखा भी नहीं करना चाहिए और इसके लिए एक बार अपने डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।

तो यह हैं प्रेगनेंसी के दौरान स्ट्रेस के कारण होने वाली दिक्कतें, व् इस समस्या से बचे रहने के टिप्स, यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं तो आपको भी इन टिप्स का ध्यान रखना चाहिए। ताकि स्ट्रेस के कारण माँ व् बच्चे को होने वाली दिक्कतों से बचे रहने में मदद मिल सकें।

Harmful effects of stress during pregnancy

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