नींद में बड़बड़ाने का क्या मतलब होता है?

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रात की नींद सभी के लिए बेहद जरुरी होती है। क्योंकि दिन भर की थकवाट के बाद एक वही समय होता है जब आप आराम करके अपने शरीर को रिलैक्स करते है। लेकिन बहुत से लोग अपनी इस नींद का पूर्ण फायदा नहीं उठा पाते। क्योंकि उन्हें या तो नींद में डरावने सपने आने लगते है या वे नींद में चौंक जाते है। लेकिन इसके अलावा भी कुछ है जिसकी वजह से अक्सर लोगों की नींद खराब होती है।

और वो है नींद में बड़बड़ाना। बहुत से लोगों को नींद में बड़बड़ाने की आदत होती है जिसके कारण अक्सर उनकी नींद टूट जाती है और साथ ही कमरे में मौजूद अन्य लोगों को भी परेशानी होती है। अक्सर लोग इस समस्या से परेशान रहते है। कुछ की माने तो यह सपना होता है जो उन्हें सच लगता है जबकि कुछ कहते है की हमें गंभीर बिमारी है।

बता दें, नींद में बड़बड़ाना कोई बिमारी नहीं है बल्कि एक आम समस्या है जो किसी के साथ भी हो सकती है। इसलिए आज हम आपको नींद में बड़बड़ाने से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातें और उपाय बताने जा रहे है। जिनके बाद भी इस समस्या के बारे में पूर्ण रूप से जान जाएंगे।

नींद में ही क्यों बड़बड़ाते है लोग?

नींद में बातें करना या बोलने को ही बड़बड़ाना कहते है क्योंकि जब आप बड़बड़ाते है तो आपके वाक्य आधे अधूरे और स्पष्ट नहीं होते। यह एक प्रकार का पैरासोम्निया है जिसका अर्थ है सोते समय स्वाभाविक व्यवहार करना। लेकिन साइंस की भाषा में इसे बिमारी नहीं कहा जा सकता। रात में बड़बड़ाते हुए आप कभी कभी अपने आप से ही बातें करने लगते है ऐसे में सुनने वाले को थोड़ा भद्दा लग सकता है। बता दें, नींद में बड़बड़ाने वाले लोग एक समय में 30 सेकंड से अधिक देर तक नहीं बोलते।

कौन बड़बड़ाते है नींद में?

10 वर्ष से छोटी आयु के 50 % से अधिक बच्चे निंग में बड़बड़ाकर अपनी बात पूरी करते है। इसी प्रकार 5 फीसदी बड़े भी नींद में बड़बड़ाते है। कई बार कारण होता है की जो लोग बातें करते करते सो जाते है, वे उसी बात को करने करने के लिए नींद में बोलने लगते है। ये केवल एक रात या कई बार हो सकता है। एक अध्यन के अनुसार हर 10 में से एक बच्चा सप्ताह में कई बार नींद में बड़बड़ाते है। विशेषज्ञों की माने तो यह अनुवांशिक भी हो सकता है।

क्या है नींद में बड़बड़ाने के कारण?

कई बार बुरे और डरावने सपने भी नींद में बड़बड़ाने का कारण होते है। क्योंकि कई बार जिस बारे में हम सोच रहे होते है वही चीज हमारे सपनो में दिखने लगती है। हालांकि इस बात की पुष्टि डॉक्टर्स नहीं करते है। नींद में बड़बड़ाने से कोई नुकसान तो नहीं होता लेकिन नींद में बड़बड़ाना किसी विकार या स्वास्थ्य संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है।

नींद में बड़बड़ाने का इलाज :-

आमतौर पर इस समस्या का कोई इलाज आवश्यक नहीं होता। लेकिन अगर आपको आरईएम या नींद में बहुत अधिक बातें करने की समस्या है तो आप किसी साइको थेरेपिस्ट से मिलें। क्योंकि कई बार नींद में बड़बड़ाने के कारण नींद विकार, दुर्बलता, चिंता या तनाव हो सकता है।

इन डॉक्टर्स से मिलकर इस समस्या को कम किया जा सकता है। इसके अलावा आप अपने साथी से कहें की जब भी आप नींद में बड़बड़ायें तो वह आपको तुरंत जगा दें। इससे आपको नींद आने में मदद मिलेगी।

नींद में बड़बड़ाना कम करने के उपाय :-

ऐसे तो इसके लिए कोई ख़ास इलाज नहीं है लेकिन आप निम्नलिखित के द्वारा इस समस्या से छुटकारा पा सकते है :

  • तनाव कम लेकर।
  • योग करके मन को शांत करें।
  • अपनी स्लीप डायरी बनाए।
  • उसमे दो सप्ताह का टेबल लिखे। जैसे आप कितने बजे सोने गए, जब सोये, कब जागे, कब बड़बड़ाये, और कौन सी दवा खाई थी आदि नोट करें।
  • अपने डॉक्टर को सभी बातें खुलकर बताएं, कुछ छुपाएं नहीं।
  • इसके लिए आप अपने दोस्तों या घरवालों की भी मदद ले सकते है।
  • रात को सोते समय चाय, कॉफ़ी आदि के सेवन से बचें।
  • रात को कभी भी डरावनी मूवी या सीरियल नहीं देखें।
  • सोते समय अपने मन में अच्छे विचार लाएं।
  • मन में किसी प्रकार की चिंता या तनाव लेकर नहीं सोएं।
  • और खास बात रोजाना सोने से पहले अपने हाथ, मुंह और पैर ठंडे पानी से धोकर सोएं।
  • इससे अच्छी नींद आने में मदद मिलेगी और आप चैन से सो पाएंगे।

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