पेट में शिशु का हलचल कब से शुरू होता है

पेट में शिशु का हलचल कब से शुरू होता है, गर्भ में शिशु कब मूवमेंट करने लगता है, गर्भ में शिशु की हलचल कब महसूस होती है, गर्भावस्था के दौरान शिशु की हलचल, Fetus movement in mothers’s womb 

प्रेगनेंसी किसी भी महिला के लिए बहुत ही खास और बेहतरीन समय होता है क्योंकि इस दौरान महिला बहुत से नए अनुभव लेती है, और साथ ही महिला को अपनी बॉडी में बहुत से बदलाव भी देखने को मिलते हैं। ऐसा ही एक खास अनुभव जो की एक गर्भवस्था महिला ही महसूस कर सकती है वो होता है गर्भ में शिशु की हलचल, जब शिशु गर्भ में घूमता है, लात मारता है तो प्रेग्नेंट महिला को इसका अहसास होता है, और यह महिला के लिए सबसे खूबसूरत लम्हा होता है। वैसे तो शिशु गर्भ में उसके अंगो का विकास होने के बाद कुछ न कुछ करता रहता है जैसे, की सिर घूमना, हिचकी लेना, अंगूठा चूसना आदि लेकिन आप इसे महसूस नहीं कर सकते हैं, बल्कि शिशु के शरीर के विकास जैसे जैसे बढ़ता है वैसे वैसे आप इसका अनुभव ले सकते हैं। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की शिशु की गर्भ में हलचल को महिला कौन से महीने में महसूस कर सकती है।

गर्भ में शिशु कब हलचल करता है

पहली बार माँ बन रही महिला के लिए यह प्रेगनेंसी का सबसे खूबसूरत लम्हा होता है। शिशु की गर्भ में हलचल महिला बीसवें हफ्ते में महसूस कर सकती है, शुरुआत में यह आपको थोड़ा कम महसूस होती है, लेकिन जैसे जैसे शिशु का विकास बढ़ता है वैसे वैसे आप हलचल ज्यादा समय और पहले से अधिक महसूस कर सकते हैं। दूसरी बार माँ बन रही महिला को शिशु की हलचल के बारे में चौथे महीने में ही पता चल जाता है, जबकि यदि महिला पहली बार महिला माँ बन रही हो तो इसे समझने में थोड़ा देर भी हो सकता है, लेकिन पांचवें महीने के खत्म होते होते आप इसे अच्छे तरीके से महसूस कर सकती हैं।

शिशु गर्भ में किस समय हलचल करता है

ऐसा कोई समय नहीं होता है जिस समय शिशु जरूर हलचल करें, लेकिन प्रेगनेंसी के पांचवें महीने में आपको ज्यादातर सुबह और शाम के सा,आय शिशु की हलचल का अहसास होता है। और उसके बाद जैसे जैसे शिशु का विकास बढ़ता है तो आपको दिन में किसी समय भी शिशु की हलचल को महसूस करने लगते है।

तो यह हैं प्रेगनेंसी में गर्भ में शिशु की हलचल से जुडी कुछ बातें, इसके अलावा यदि पांचवें महीने के बाद भी आपको ऐसा कुछ महसूस न हो या फिर आठवे या नौवें महीने में शिशु की हलचल ज्यादा देर तक महसूस न हो तो इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। और जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से चेक करवाना चाहिए।

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