प्रेगनेंसी का चौथा महीना

गर्भावस्था का चौथा महीना

पहली तिमाही में बाद प्रेगनेंसी का चौथा महीना महिला के लिए थोड़ा राहत भरा हो सकता है। क्योंकि इस दौरान महिला की शारीरिक परेशानियां कम हो सकती है। जैसे की उल्टियां, जी मिचलाना, थकावट व् कमजोरी का अधिक अनुभव होना, खाने का मन नहीं करना आदि। लेकिन फिर भी सीने में जलन, गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण कब्ज़ की समस्या, आदि हो सकती है। इस समय कुछ महिलाओं को भूख भी बढ़ सकती है लेकिन महिला को अपनी डाइट का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि खाना अधिक खाने के कारण वजन बढ़ने जैसी समस्या भी हो सकती है। लेकिन फिर भी इस महीने में महिला थोड़ा एक्टिव रहती है, बॉडी में एनर्जी बनी रहती है आदि। साथ ही इस महीने में महिला का बेबी बंप भी थोड़ा नज़र आ सकता है, जिसे लेकर कुछ महिलालाएँ बहुत उत्साहित भी रहती है।

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में शिशु का विकास

गर्भावस्था के चौथे महीने में शिशु की हड्डियों में मजबूती आनी शुरू होने लगती है, साथ ही इस समय शिशु का आकार लगभग एक बड़े संतरे जितना हो जाता है। शिशु की त्वचा भी धीरे धीरे कठोर होनी शुरू हो जाती है। साथ ही जो महिलाएं दूसरी बार माँ बनने का अनुभव ले रही होती हैं वो इस महीने के आखिर में शिशु की थोड़ी बहुत हलचल महसूस कर सकती है। जबकि पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं के लिए इसे समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में शिशु का वजन

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में शिशु का वजन 120 ग्राम से 140 ग्राम तक हो सकता है और छठे महीने के आखिर तक शिशु की लम्बाई लगभग एक केले जितनी हो सकती है। जो की तीसरे महीने की अपेक्षा बहुत अधिक होता है ऐसे में शिशु के विकास को बढ़ाने के लिए महिला को अपना अच्छे से ख्याल रखना चाहिए और भरपूर मात्रा में पोषक तत्वों का सेवन करना चाहिए।

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में क्या खाएं क्या नहीं

तीसरे महीने के बाद गर्भ में शिशु की ग्रोथ बहुत तेजी से बढ़ने लगती है, ऐसे में गर्भवती महिला को अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। तो लीजिये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी के चौथे महीने में गर्भवती महिला को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में क्या खाना चाहिए

नॉन वेज: जो महिलाएं नॉन वेज का सेवन कर लेती है उन महिलाओं को इस महीने में नॉन वेज का सेवन कर लेना चाहिए। क्योंकि नॉन वेज में भरपूर मात्रा में आयरन, फोलेट, जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो गर्भ में शिशु के बेहतर विकास में मदद करते हैं।

अंडे: चौथे महीने से महिला को अंडो का सेवन भी भरपूर मात्रा में करना चाहिए। क्योंकि नदी में मौजूद cholin शिशु के बेहतर मानसिक विकास में मदद करता है। साथ ही कैल्शियम, प्रोटीन, फैट की मात्रा प्रचुर होने के कारण यह शिशु के शारीरिक विकास में भी मदद करता है। इसके अलाव अंडे का सेवन करने का सबसे बेहतरीन समय सुबह का नाश्ता होता है।

फाइबर: गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण पेट के निचले हिस्से पर दबाव पड़ने लगता है जिसके कारण कुछ गर्भवती महिला कब्ज़ की समस्या से परेशान होने के साथ बवासीर से भी परेशान हो सकती है। ऐसे में महिला को अपने आहार में फाइबर युक्त आहार जैसे संतरा, ओट्स, साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियों, का भरपूर सेवन करना चाहिए ताकि पाचन क्रिया को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिल सके।

फल: ताजे फलों का सेवन भी इस दौरान महिला को भरपूर मात्रा में करना चाहिए क्योंकि इसमें विटामिन्स व् अन्य मिनरल्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। साथ ही इससे गर्भवती महिला को हाइड्रेट रहने में भी मदद मिलती है।

फैटी एसिड: फैटी एसिड का बॉडी में भरपूर मात्रा में होना महिला को समय पूर्व प्रसव जैसी परेशानी से बचाए रखने में मदद करता है। ऐसे में महिला को हरी सब्जियों, फलों, दालों, नॉन वेज, आदि का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए। साथ ही इनमे आयरन की मात्रा भी भरपूर होती है जो बॉडी में हीमोग्लोबिन की मात्रा पर्याप्त होती है जो गर्भवती महिला और शिशु दोनों को स्वस्थ रखने में मदद करती है।

डेयरी प्रोडक्ट्स: शिशु की हड्डियों के बेहतर विकास के लिए और महिला की हड्डियों की मजबूती के लिए बॉडी में कैल्शियम का पर्याप्त मात्रा में होना बहुत जरुरी होता है। ऐसे में महिला को डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही, पनीर का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए।

तरल पदार्थ: इस दौरान महिला को तरल पदार्थो का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए। ताकि बॉडी को एनर्जी से भरपूर रहने, शिशु के बेहतर विकास, एमनियोटिक फ्लूड की मात्रा को सही रहने में मदद मिल सके।

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में क्या नहीं खाएं

सॉफ्ट चीजें: क्रीम से बनी सॉफ्ट चीजों का सेवन महिला को नहीं करना चाहिए क्योंकि इनमे मौजूद बैक्टेरिया के कारण महिला और शिशु दोनों इन्फेक्शन का खतरा रहता है।

मर्क्युरी: चाइनीज़ फ़ूड में इस्तेमाल की जाने वाली सोया सॉस, समुंद्री भोजन, आदि में मर्क्युरी की मात्रा अधिक होती है। और यह गर्भ में पल रहे शिशु के शारीरिक व् मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न कर सकती है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान इनसे भी गर्भवती महिला को परहेज रखना चाहिए।

बाहर का खाना: क्रेविंग होने के कारण महिला का बाहर का खाना खाने की इच्छा हो सकती है, लेकिन महिला को इससे परहेज रखना चाहिए। क्योंकि इनमे अधिक मसालों, तेल आदि का इस्तेमाल होने के साथ पता नहीं यह साफ़ सफाई से बनाए भी जाते हैं या नहीं। ऐसे में यह नुकसानदायक हो सकते है इसीलिए गर्भवती महिला को इनका सेवन करने से बचना चाहिए।

मुलहठी: इस दौरान महिला को मुलहठी का सेवन भी किसी चीज में नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके कारण शिशु के मानसिक विकास पर बुरा असर पड़ सकता है।

मैदा: प्रेगनेंसी के चौथे महीने में पाचन क्रिया से जुडी परेशानी बढ़ सकती है। ऐसे में महिला को मैदे से बनी किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके कारण पचन क्रिया से जुडी समस्या बढ़ सकती है।

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में क्या करे क्या नहीं

गर्भ में शिशु का विकास पूरी तरह से अपनी माँ पर निर्भर करता है ऐसे में महिला क्या करती है और क्या नहीं इसका असर भी शिशु पर देखने को मिलता है। इसीलिए प्रेगनेंसी के चौथे महीने में भी महिला को किसी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी के चौथे महीने में महिला को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में क्या करना चाहिए

  • हल्का फुल्का व्यायाम व् योगासन जरूर करें ताकि बॉडी में ब्लड फ्लो को बेहतर होने में मदद मिल सके, लेकिन ध्यान रखें की ऐसा कोई भी व्यायाम न करें जिसके कारण पेट पर किसी भी तरह का दबाव पड़े।
  • थोड़ी देर वॉक जरूर करें।
  • मैडिटेशन करें इससे आपके मस्तिष्क को रिलैक्स रहने में मदद मिलती है।
  • वजन व् ब्लड प्रैशर की जांच करवाएं।
  • आयरन, कैल्शियम की दवाइयों का सेवन समय से करें।
  • समय पर डॉक्टर से जांच करवाना न भूलें।

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में क्या नहीं करें

  • पेट के बल किसी भी काम को न करें।
  • थकावट महसूस होने पर बॉडी को आराम दें।
  • एक बार में ही अधिक भोजन का सेवन न करें थोड़ी थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाएं ताकि खाने को आसानी से पचने में मदद मिल सके।
  • ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगह पर जाएँ और प्रदूषण वाली जगह पर न रहें।

तो यह हैं प्रेगनेंसी के चौथे महीने से जुडी सम्पूर्ण जानकारी ऐसे में गर्भवती महिला को इन सभी बातों का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। ताकि गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने और गर्भ में पल रहे शिशु के विकास को बेहतर तरीके से होने में मदद मिल सके।

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