Baby-heartbeat

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प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला बहुत सी शारीरिक परेशानियों से गुजरती है। साथ ही कुछ महिलाएं मानसिक रूप से भी परेशानी का सामना करती है जिसकी वजह से महिला को तनाव होना, मूड सम्बन्धी बदलाव जैसे की चिड़चिड़ाहट होना, गुस्सा आना, उदास रहना जैसी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। जो महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान तनाव का सामना करती है या उदास रहती है।

उन महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे पर तनाव का बुरा असर पड़ता है। और यह असर बच्चे के ऊपर शारीरिक व् मानसिक रूप से पड़ सकता है साथ ही इससे बच्चे की हार्टबीट पर भी असर पड़ता है। आज इस आर्टिकल में हम आपसे गर्भवती महिला के तनाव लेने या उदास रहने पर बच्चे की हार्टबीट पर क्या प्रभाव पड़ता है उसके बारे में बताने जा रहे हैं।

गर्भ में शिशु की हार्टबीट कब आती है?

गर्भावस्था कन्फर्म होने के बाद पांचवें या छठे हफ्ते में महिला को अल्ट्रासॉउन्ड करवाने की सलाह दी जाती है। जिसमे शिशु की हार्टबीट का पता लगाया जाता है। ज्यादातर शिशु की छटवें हफ्ते में हार्टबीट आ जाती है और यदि कुछ बच्चों की हार्टबीट नहीं आती है। तो सातवें हफ्ते तक बच्चे की हार्टबीट जरूर आ जाती है।

माँ के तनाव लेने या उदास रहने पर बच्चे पर क्या असर पड़ता है?

प्रेगनेंसी के दौरान महिला बहुत से शारीरिक बदलाव, शारीरिक परेशानियां, मानसिक परेशानियां आदि से गुजरती है। जिसकी वजह से कुछ महिलाएं तनाव में आ जाती है और तनाव के कारण महिला उदास रहने लगती है कुछ महिलाएं तो बच्चे के जन्म के बाद भी तनाव का शिकार हो सकती है। ऐसे में जब प्रेग्नेंट महिला तनाव का शिकार होती है तो इससे महिला की स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियां बढ़ सकती है और मानसिक रूप से तो महिला ज्यादा परेशान हो जाती है।

साथ ही इसके कारण गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास भी इससे प्रभावित होता है। जिसकी वजह से बच्चा शारीरिक रूप से कमजोर होने के साथ दिमागी रूप से भी कमजोर हो सकता है साथ ही ऐसे बच्चों की हार्टबीट भी स्वस्थ बच्चों की अपेक्षा ज्यादा बढ़ जाती है। और यह समस्या बच्चों को गर्भ में होने के साथ जन्म के साथ भी हो सकती है। इसके अलावा जो महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद भी तनाव की समस्या से जूझ रही होती है।

उन महिलाओं के बच्चे स्वस्थ माओं के बच्चों की अपेक्षा ज्यादा चिड़चिड़े, ज्यादा रोने वाले, गुस्से वाले भी हो जाते हैं। ऐसे में गर्भवती महिला यदि चाहती है की उसके बच्चे को ऐसी कोई दिक्कत नहीं हो तो महिला को प्रेगनेंसी के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद अपने आप को खुश रखने की कोशिश करनी चाहिए। ताकि माँ और बच्चा दोनों ही स्वस्थ रहें।

तो यह हैं गर्भवती महिला के उदास रहने पर बच्चे की हार्टबीट पर क्या असर पड़ता है उससे जुडी जानकारी। यदि आप भी माँ बनने वाली है तो आप भी इन बातों का ध्यान रखें ताकि आपके बच्चे को इस परेशानी से बचे रहने में मदद मिल सके और उसका विकास प्रेगनेंसी के दौरान और जन्म के बाद अच्छे से हो।

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