प्रेगनेंसी में नमक से रुक सकता है शिशु का विकास जानिए कैसे?

नमक हमारे डेली रूटीन में खाएं जाने वाले आहार का एक अहम हिस्सा है। साथ ही नमक का सिमित मात्रा में सेवन करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद भी होता है। लेकिन यदि नमक का सेवन जरुरत से ज्यादा किया या कम किया जाएँ तो इसके कारण सेहत सम्बन्धी परेशानियां होने का खतरा बढ़ जाता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको प्रेगनेंसी के दौरान नमक का सेवन कितना जरूरी है और इसकी कमी या अधिकता से बच्चे को क्या नुकसान हो सकता है इस बारे में बताने जा रहे हैं।

गर्भावस्था में नमक कितना जरुरी होता है?

प्रेगनेंसी के दौरान महिला को भरपूर न्यूट्रिशन की जरुरत होती है। और नमक भी प्रेगनेंसी के दौरान लिया जाने वाला एक जरुरी रसायन होता है। क्योंकि नमक का सेवन करने से शरीर में पीएच स्तर, तापमान, तरल पदार्थों के स्तर को सामान्य रहने में मदद मिलते हैं। साथ ही नमक का सेवन सही मात्रा में करने से मांसपेशियां, नसे, शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम करते हैं।

इसके अलावा प्रेगनेंसी में ऐंठन, नस चढ़ना, पेट संबंधित समस्याओं से बचाव के लिए भी नमक का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। गर्भवती महिला के साथ गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए विकास के लिए भी नमक का सेवन बहुत जरुरी होता है। और यदि महिला नमक का सेवन ज्यादा या कम करती है तो इसके कारण गर्भवती महिला के साथ गर्भ में शिशु को दिक्कत हो सकती है।

प्रेगनेंसी में नमक का सेवन कम करने से बच्चे के विकास पर क्या असर पड़ता है?

गर्भावस्था के दौरान यदि महिला नमक का सेवन कम या ज्यादा करती है तो इससे गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास पर बुरा असर पड़ता है। तो आइये अब जानते हैं की प्रेगनेंसी में नमक का सेवन कम करने से बच्चे पर क्या बुरा असर पड़ता है।

बच्चे की हाइट

यदि प्रेग्नेंट महिला नमक का सेवन कम करती है या जन्म के बाद बच्चे को नमक का सेवन करवाती है तो इसके कारण बच्चे की हाइट पर बहुत बुरा असर पड़ता है। जिसके कारण बच्चे की हाइट अच्छे से नहीं बढ़ पात है और बच्चे की हाइट कम रह जाती है।

बच्चे का विकास होता है धीमा

प्रेगनेंसी के दौरान महिला को भरपूर पोषक तत्वों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि यह पोषक तत्व गर्भवती महिला को स्वस्थ रखने के साथ गर्भ में पल रहे बच्चे के बेहतर विकास में भी मदद करते हैं। और कुछ पोषक तत्व ऐसे होते हैं जो बच्चे के विकास को तेजी से करने के लिए बहुत जरुरी होते हैं। जिनमे से एक आयोडीन भी होता है, और यदि गर्भ में पल रहे बच्चे को आयोडीन यानी नमक सही मात्रा में नहीं मिलता है। तो इसके कारण बच्चे का विकास सही नहीं होता है और बहुत धीमा भी होता है।

गॉइटर की समस्या

यदि प्रेग्नेंट महिला नमक का सेवन कम मात्रा में करती है तो इसके कारण होने वाले बच्चे को गॉइटर यानी घेंघा रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।

दिमाग का विकास

प्रेगनेंसी के दौरान महिला यदि नमक का सेवन कम करती है तो इसकी वजह से होने वाले बच्चे के दिमाग के विकास में कमी, तंत्रिका तंत्र के विकास में कमी जैसी परेशानी होने का खतरा अधिक होता है। साथ ही बच्चे को मानसिक रोग होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके अलावा जन्म के बाद भी बच्चे को मानसिक रूप से विकसित होने में समय लगता है।

हाई ब्लड प्रैशर के कारण हो सकती है दिक्कत

गर्भावस्था के दौरान यदि महिला नमक का सेवन ज्यादा करती है तो इसके कारण महिला को हाई ब्लड प्रैशर, हदय से सम्बंधित समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है। और प्रेग्नेंट महिला को होने वाली दिक्कत का असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है।

गर्भ गिरने का खतरा होता है

गर्भावस्था के दौरान यदि महिला आयोडीन का सेवन कम करती है तो इसके कारण बच्चे का विकास बढ़ नहीं पाता है। जिस कारण महिला का गर्भपात होने का खतरा बढ़ जाता है।

प्रेगनेंसी में नमक के कारण गर्भवती महिला को होने वाले नुकसान

  • नमक की कमी या अधिकता के कारण प्रेग्नेंट महिला के शरीर का तापमान, पीएच स्तर, तरल पदार्थों के स्तर में असंतुलन हो सकता है जिस कारण महिला की दिक्कत बढ़ सकती है।
  • प्रेग्नेंट महिला यदि नमक का सेवन अधिक मात्रा में करती है तो इस कारण महिला को है ब्लड प्रैशर जैसी परेशानी होने का खतरा होता है।
  • सूजन की समस्या का अधिक होना भी प्रेग्नेंट महिला के नमक का सेवन अधिक करने के कारण होता है। और यह सूजन पैरों के साथ हाथों, मुँह और टखनों पर भी आ सकती है।
  • हदय से जुडी समस्या होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
  • नमक का सेवन कम करने के कारण महिला को पेट सम्बन्धी परेशानी, नस चढ़ना, आदि की समस्या अधिक होती है। साथ ही महिला के अंग अच्छे से काम नहीं करते हैं।

तो यह हैं वो नुकसान जो नमक का कम या अधिक सेवन करने के कारण बच्चे व् प्रेग्नेंट महिला को हो सकते हैं। ऐसे में गर्भवती महिला को सिमित मात्रा में नमक का सेवन करना चाहिए। साथ ही गर्भवती महिला को सफ़ेद नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल करना चाहिए। कभी कभार महिला चाहे तो खाने में काले नमक का इस्तेमाल भी कर सकती है।

How fetus stops developing due to the intake of salt in pregnancy

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