थायरॉइड के क्या कारण होते हैं? थायरॉइड बचाव के क्या उपाय होते हैं

आज के समय में सभी को अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत अलर्ट रहना चाहिए। क्योंकि सेहत के प्रति की गई थोड़ी सी लापवाही आपको बड़ी परेशानी यानी की किसी बिमारी के चपेट में ला सकती है। ऐसे ही बीमारियों में थायरॉइड भी एक समस्या बनी हुई है, यह समस्या इतनी गंभीर होती है की इससे महिलाओ को गर्भधारण में भी समस्या आती है। साथ ही यह समस्या महिलाओं में पुरुषो की अपेक्षा अधिक होती है। थायरॉइड के होने पर व्यक्ति का वजन या तो बहुत अधिक बढ़ने लग जाता है या बहुत कम हो जाता है। तो आइये अब हम आपको विस्तार से बताते हैं की थायरॉइड क्या होता है।

थायरॉइड क्या होता है:-

आपके गले के सामने वाले हिस्से में स्वरयंत्र के नीचे एक हॉर्मोन ग्रंथि होती है जिसे थायरॉइड ग्रंथि कहा जाता है। इसका आकार तितली के जैसा होता है और इसके दो भाग होते हैं जो आपके श्वसन नली से लिपटे हुए होते हैं। यह ग्रंथि तीस ग्राम से भी कम वजन की होती है। थायरॉइड एंडोक्राइन प्रणाली का हिस्सा होती है। यह प्रणाली कई अंगों और ऊतकों से मिलकर बनी है जो हार्मोन यानी रासायनिक पदार्थों को पैदा करते हैं और उसके बाद इकठ्ठा करके और रक्‍त में भेजते है।

थायरॉइड के प्रकार:-

थायरॉइड दो प्रकार का होता है हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइड।

हाइपरथायराइडिज्म क्या होता है:-

इस तरह के थायरॉइड के होने के कारण वजन में बहुत जल्दी कमी आती है। और जब यह थायरॉइड होता है तो आपको चिड़चिड़ापन होना, मासिक धर्म अनियमित होना, तनाव होना, बालों का झड़ना व् टूटना, अनिंद्रा, बार बार यूरिन पास करने की इच्छा आदि लक्षण होते हैं।

हाइपोथायराइड क्या होता है:-

थायरॉइड की अवस्था में वजन तेजी से बढ़ने लगता है। कब्ज़ होना, आवाज़ भारी होना, यादाश्त कमजोर होना, ठण्ड का बर्दाश न होना, शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोरी का होना हाइपोथायराइड होने के आम लक्षण हैं।

थायरॉइड के क्या लक्षण होते हैं:-

  • पाचन क्रिया कमजोर होने लगती है, कब्ज़ की परेशानी हो सकती है। साथ ही इससे मेटाबोलिज्म भी धीमा होना लगता है।
  • बॉडी में ऊर्जा की कमी होने लगती है, बहुत जल्दी थकावट व् कमजोरी का अहसास होने लगता है।
  • बालों के झड़ने की समस्या हो जाती है यहां तक की आइब्रो के बाल भी झड़ने लगते है।
  • महिलाओं को आँखों में खुजली या सूजन की समस्या भी हो सकती है।
  • पीरियड्स का अनियमित होना भी थायरॉइड का ही लक्षण होता है।
  • हाथों पैरों में सूजन का अनुभव भी होने लगता है।
  • वजन बहुत तेजी से कम या ज्यादा होने लगता है।
  • आवाज़ में भारीपन, गले में सूजन आदि की समस्या भी हो सकती है।
  • मस्तिष्क से जुडी परेशानी जैसे की सोचने की शक्ति का कमजोर होना, यादाश्त पर असर पड़ना आदि की समस्या हो जाती है।
  • नाखूनों के रंग में भी बदलाव आने लगता है।
  • हार्टबीट तेज होना अधिक पसीना आना भी थायरॉइड का ही लक्षण होता है।

थायरॉइड होने के क्या कारण होते है:-

ज्यादा दवाइयों का सेवन:-

यदि आप बहुत अधिक पेन किलर का सेवन करते हैं तो इसके कारण थायरॉइड ग्रंथि पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिसके कारण आपो थायरॉइड की समस्या से जूझना पड़ सकता है।

अधिक तनाव:-

ज्यादा टेंशन या परेशान होने के कारण थायरॉइड ग्रंथि बहुत ज्यादा प्रभावित होती है। और यह हॉर्मोन बहुत तेजी से स्त्रावित होना शुरू करते है जिसके कारण आपको इस समस्या का सामना करवाना पड़ सकता है।

आयोडीन की कमी या ज्यादा होना:-

शरीर के फिट रहने के लिए पोषक तत्वों को शरीर में होना जरुरी होता है। ऐसे ही शरीर में आयोडीन की मात्रा का सही होना भी बहुत जरुरी होता है। और साथ ही आयोडीन का अधिक मात्रा में होना और कम होना दोनों ही आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक होते है। इसके कारण भी आप थायरॉइड की समस्या से परेशान हो सकते है।

सोया का अधिक सेवन करने के कारण:-

कई लोग सोया पाउडर का सेवन प्रोटीन के रूप में करते है जो आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव डालती है। और इसके कारण भी आपको थायरॉइड की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

अनुवांशिक भी हो सकता है थायरॉइड:-

थायरॉइड की समस्या अनुवांशिक भी हो सकती है, इसका मतलब होता है यदि पहले से ही आपके परिवार में किसी को यह समस्या होती है तो हो सकता है की आपको भी इस समस्या से जूझना पड़े।

प्रदूषण व् बदलती जीवनशैली:-

प्रदूषण व् बदलती जीवनशैली का प्रभाव भी आपकी सेहत पर पड़ता है। जिसके कारण आपको इस समस्या से परेशान होना पड़ सकता है। क्योंकि इसके कारण भी आपकी थायरॉइड ग्रंथि प्रभावित होती है।

प्रेगनेंसी के दौरान:-

प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में बहुत से हार्मोनल बदलाव एक साथ होते हैं जिसके कारण आपकी थायरॉइड ग्रंथि प्रभावित हो सकती है ऐसे में इस समय थायरॉइड होने की सम्भावना महिला को ज्यादा होती है।

थायरॉइड से बचने के उपाय:-

  • थायरॉइड की समस्या के दौरान यदि अपना अच्छे से ध्यान रखा जाएँ, और सुरक्षा बरती जाए तो आपको इस समस्या से बचाव हो सकता है, ऐसे में आइये आज हम आपको इस समस्या से बचाव के लिए कुछ टिप्स बताने जा रहे है।
  • थायरॉइड की समस्या से बचने के लिए रोगी को भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए जिससे उसके शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ बाहर निकल सकें, और उसे स्वस्थ होने में मदद मिलें।
  • विटामिन ए का सेवन थायरॉइड के रोगी को भरपूर मात्रा में करना चाहिए। इसके लिए हरी सब्जियों, गाजर व अन्य विटामिन ए युक्त पदार्थो का सेवन करना चाहिए। इससे आपके थायरॉइड को कण्ट्रोल में रहने में मदद मिलती है।
  • नशीले पदार्थो का सेवन जैसे की धूम्रपान, शराब, तम्बाकू आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। जितना हो सकें इन चीजों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
  • सफ़ेद नमक की जगह अपने आहार में सेंधा नमक का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • हफ्ते में दो से तीन बार नारियल पानी का सेवन जरूर करना चाहिए।
  • नियमित सुबह उठकर दो चम्मच तुलसी के पत्तों का रस और आधा चम्मच एलोवेरा जूस का सेवन करने से आपको इस रोग से बचने में मदद मिलती है।
  • रोजाना सुबह खाली पेट लौकी के जूस का सेवन करें इससे भी आपके थायरॉइड की कण्ट्रोल करने के साथ हमेशा के लिए इस समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
  • ताजे हरे धनिये को पीस कर उसकी चटनी बनाएं अब एक चम्मच चटनी को ताजे पानी में घोल कर पी जाएँ ऐसा करने से आपको थायरॉइड की समस्या से बचने में आराम मिलता है।
  • आयोडीन का न तो अधिक और न ही कम सेवन करें, क्योंकि आयोडीन का अधिक या कम मात्रा में सेवन आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
  • लाल प्याज को काटकर रात को सोने से पहले अपने गले की मसाज करें और उसे साफ़ न करें और सो जाएँ इस उपाय को नियमित करें इससे भी आपको थायरॉइड से बचने में मदद मिलती है।
  • हल्दी वाले दूध का सेवन भी नियमित रूप से करने से आपको थायरॉइड में फायदा होता है।
  • डॉक्टर से जरूर राय लेनी चाहिए, और समय समय अपने थायरॉइड की जांच करवाते रहना चाहिए।

तो यह है थायरॉइड से जुडी कुछ बातें, और इसके क्या कारण होते है। थायरॉइड से बचने के बहुत से उपाय आयुर्वेद में भी दिए गए हैं ऐसे में आप इस समस्या से बचने के लिए ऊपर दिए गए टिप्स का भी इस्तेमाल कर सकते है। इसके अलावा यदि आपको कभी थायरॉइड के लक्षण अपनी बॉडी में दिखाई दें तो इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। बल्कि आपको इससे बचने के उपाय करने चाहिए, या एक बार डॉक्टर से जरूर चेक करवाना चाहिए।

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