बेबी को गर्भ में हिचकी कब और क्यों आती है?

बेबी को गर्भ में हिचकी कब और क्यों आती है?

हिचकी लेना एक आम शारीरिक प्रक्रिया होती है और यह बच्चों से लेकर बड़ो तक सभी को आ सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं की गर्भ में पल रहा बच्चा भी हिचकी लेता है? यदि नहीं तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको गर्भ में शिशु के हिचकी लेने से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में बात करने जा रहें हैं। प्रेगनेंसी कन्फर्म होने के बाद से ही गर्भ में शिशु का विकास महीने दर दर महीने बढ़ता रहता है। और यह विकास शिशु के वजन बढ़ने, शिशु के अंग बनने, शिशु के अंगों के विकास से जुड़ा होता है। गर्भ में शिशु का हलचल करना शिशु के विकास को दर्शाता है। ऐसे में शिशु के हिचकी लेने का क्या कारण होता है और शिशु कब हिचकी लेता है आइये जानते हैं।

बच्चा क्यों लेता है गर्भ में हिचकी?

गर्भ में शिशु के हिचकी के लेने के कई कारण होते हैं और यह सभी कारण शिशु के विकास से जुड़े हुए ही होते हैं। जिसकी वजह से शिशु गर्भ में हिचकी लेता है। जैसे की:

गर्भ में शिशु का विकास सही से हो रहा है

माँ के पेट में बच्चे का हिचकी लेना इस बात की और भी इशारा करता है की गर्भ में शिशु का विकास अच्छे से हो रहा है। और गर्भ में पल रहा शिशु बिल्कुल स्वस्थ है।

फेफड़ों का विकास

गर्भ में शिशु का हिचकी लेना शिशु के फेफड़ों के बेहतर विकास में मदद करता है जिससे जन्म लेने के बाद शिशु के फेफड़ें अच्छे से काम कर सकें। और जन्म के बाद शिशु को सांस लेने में किसी भी तरह की परेशानी न हो।

गर्भनाल का फंसना

गर्भ में घूमते हुए बच्चे कई बार गर्भनाल को अपने ऊपर लपेट लेते हैं वैसे ही गर्भनाल कभी कभी गले में भी अटक जाती है। खासकर पहली और दूसरी तिमाही बच्चे ऐसा अधिक करते हैं। और जब बच्चा गले में गर्भनाल को लपेट लेता है तो इस कारण भी बच्चे को हिचकी आने लगती है।

शिशु गर्भ में हिचकी लेना कब शुरू करता है?

वैसे तो प्रेगनेंसी के आठवें नौवें हफ्ते में ही शिशु गर्भ में हिचकी लेना शुरू कर देता है। परन्तु शुरुआत में महिला को यह महसूस नहीं होती है। उसके बाद धीरे धीरे जैसे जैसे शिशु का विकास बढ़ता है वैसे वैसे शिशु हिचकी कब लेता है महिला को समझ आने लगता है।

कैसे समझें कि गर्भ में शिशु ले रहा है हिचकी?

शिशु कब हिचकी ले रहा है इसे समझने के लिए जब आपको गर्भ में हलचल महसूस हो तो आप एक जगह पर बैठ जाएँ। यदि आपको पेट में अलग अलग जगह पर हलचल हो रही है या शिशु मूव करता हुआ महसूस हो रहा है तो यह शिशु का किक मारना होता है। जबकि यदि शिशु एक ही जगह पर हलचल करता हुआ महसूस हो तो इसका मतलब होता है की शिशु हिचकी ले रहा है।

इसके अलावा एक और तरीका है जिससे आप यह जान सकते हैं की शिशु हिचकी ले रहा है या हलचल कर रहा है। शिशु द्वारा हिचकी लेना और किक मारने दोनों ही स्थिति में मां के पेट में ऐंठन या पेट में दर्द महसूस होने लगता है। लेकिन जब गर्भ में शिशु हिचकी लेता है तो इस दौरान सिर्फ कुछ ही सेकंड के लिए महिला को पेट में ऐंठन और पेट दर्द की समस्या होती है। वहीं जब शिशु जब पेट में किक मारता है तो महिला को थोड़ी थोड़ी देर पर यह दर्द जारी रह सकता है।

क्या गर्भ में शिशु का हिचकी लेना आम बात है?

जी हाँ, वैसे तो गर्भ में शिशु का हिचकी लेना आम बात होती है। लेकिन यदि आपको ऐसा महसूस हो रहा है की एक दिन में बार बार शिशु हिचकी ले रहा है और बहुत ज्यादा हिचकी ले रहा है। तो आपको इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका मतलब हो सकता है की शायद शिशु की गर्दन में गर्भनाल लिपट गई है या शिशु को कोई दिक्कत हो रही है। ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।

तो यह है गर्भ में शिशु के हिचकी लेने से जुडी कुछ जानकारी, और यह जानकारी सभी प्रेग्नेंट महिलाओं को होनी चाहिए। ताकि गर्भ में पल रहें शिशु को कोई भी परेशानी न हो और उसका विकास अच्छे से हो सके।

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