नवजात शिशु को हमेशा गोद में क्यों नहीं रखना चाहिए?

छोटे बच्चे बहुत ही प्यारे और मासूम होते हैं उनकी हर छोटी से छोटी बात बहुत ही प्यारी और मन को मोह लेने वाली होती है। साथ ही आपके बच्चे की आदत कैसी होगी यह आप बच्चे की केयर कैसे करती है, बच्चे को रखती कैसे हैं इस बात पर निर्भर करती है। जैसे की कुछ महिलाएं जन्म के बाद अपने बच्चे को दूध की बोतल में दूध पिलाना शुरू कर देती है और इस आदत को बच्चे से एक डेढ़ साल का होने तक ऐसे ही चलने देती है।

तो उसके बाद बच्चे को इस आदत की लत पड़ जाती है और बच्चे को इस आदत को छुड़वाने में आपको दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। वैसे ही छोटे बच्चे हर किसी को प्यारे लगते हैं इसीलिए हर कोई उन्हें गोद में उठाकर रखना चाहता है लेकिन यदि बच्चा सारा दिन गोद में ही रहता है तो बच्चे को इसकी आदत लग जाती है और फिर आपका बच्चा केवल गोद में ही रहना पसंद करता है। जिसके कारण आपको बहुत परेशानी हो सकती है। आज इस आर्टिकल में बच्चों को गोद में हमेशा रखने की आदत क्यों नहीं डालनी चाहिए इसके बारे में बताने जा रहें हैं।

चिपकू हो जाता है बच्चा

बच्चे को हमेशा गोद में लेकर रखने के कारण बच्चा चिपकू हो जाता है यानी की बच्चे हमेशा गोद में ही रहना चाहता है। जिसके कारण आपको खाते समय, खिलाते समय, सोते समय सुलाते समय, हर काम को करते हुए बच्चे को गोद में लेकर रखना पड़ता है। ऐसे में बच्चा तो गोद में खुश हो जाता है लेकिन उसकी यह आदत आपके लिए दिक्कत खड़ी कर सकती है।

चलना या बैठना लेट शुरू करता है बच्चा

बच्चा जब हमेशा गोद में रहता है तो बच्चे को हमेशा गोद में रहने की आदत पड़ जाती है ऐसे में फिर यदि आप बच्चे को कुछ सीखना भी चाहते हैं तो बच्चा नहीं सीखता है। क्योंकि उसे गोद में रहना अच्छा लगता है जिसके कारण आपका बच्चा लेट बैठना शुरू करता है साथ ही लेट चलना भी शुरू कर सकता है।

आपको काम करने में होती है परेशानी

घर के बहुत काम होते हैं, बच्चे से जुड़े बहुत काम होते हैं जो महिला को करने पड़ते हैं। ऐसे में यदि आप हमेशा बच्चे को गोद में रखते हैं तो इसके कारण महिला को परेशानी का अनुभव करना पड़ सकता है।

अधिक रोने लगता है बच्चा

गोद में हमेशा रहने की आदत के कारण आपके बच्चे की रोने की आदत भी बढ़ जाती है क्योंकि जैसे ही आप या घर का कोई सदस्य काम करने के लिए उसे गोद से नीचे उतारता वह रोने लगता है। और वो चाहता है की उसे कोई गोद में ले ले ऐसे में उसे चुप करवाने के लिए उसे गोद में लेना जरुरी हो जाता है।

शिशु एक्टिव नहीं होता

शिशु जब नीचे लेटा होता है या बैठा होता है तो उस दौरान शिशु अपने हाथ पैर चलाने की कोशिश करता है जिसकी वजह से शिशु को एक्टिव रहने में मदद मिलती है। ऐसे में यदि आप हमेशा शिशु को गोद में लेकर रखते हैं तो शिशु उन एक्टिविटीज को नहीं कर पाता है जिसके कारण आपका शिशु ज्यादा एक्टिव नहीं रहता है और हमेशा गोद में सुस्त रहता है और ऐसे बच्चे किसी और की गोद में जाना पसंद भी नहीं करते हैं।

बच्चा चिड़चिड़ा ज्यादा हो जाता है

बच्चे को हमेशा गोद में रखने के कारण न तो बच्चा खेलता है, न ही कुछ करता है ऐसे में जब भी आप बच्चे को नीचे छोड़ते हैं। तो बच्चा खेलने की बजाय चिड़चिड़ाने लगता है।

नींद पूरी करने में होती है दिक्कत

गोद में रहने वाले बच्चे गोद में ही सोना भी पसंद करते हैं ऐसे में गोद में सुलाने के बाद जब आप बच्चे को नीचे सुलाते हैं तो बच्चा तुरंत उठ जाता है। जिसके कारण बच्चा अच्छे से नींद नहीं ले पाता है और नींद पूरी न होने के कारण बच्चा तो परेशान होता है साथ ही आपको भी दिक्कत होती है।

सेहत सम्बन्धी परेशानी होने का रहता है खतरा

बच्चे को गोद में लेकर रखने से बच्चा एक्टिव नहीं होता है बच्चा चिड़चिड़ा रहता है, बच्चा खाना नहीं खाता है, नींद अच्छे से नहीं ले पाता है, आदि। जिसके कारण बच्चे को पोषण अच्छे से नहीं मिलता है और शिशु को सेहत सम्बन्धी समस्या होने का खतरा होता है।

तो यह हैं कुछ परेशानियां जिनका सामना आपको नवजात शिशु को हमेशा गोद में रखने के कारण हो सकती है। ऐसे में महिला को इन परेशानियों से बचने और शिशु के बेहतर विकास के लिए बच्चे को ऐसी आदत नहीं डालनी चाहिए। हाँ, आप कभी कभार आप बच्चे को गोद में ले सकते हैं लेकिन जरुरत से ज्यादा आप या किसी और को बच्चे को गोद में पकड़ने के लिए न दें।

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