क्या खाने से शिशु विकलांग होता है?

गर्भावस्था के दौरान महिला को अपना अच्छे से ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला जितना अच्छे तरीके से अपना ध्यान रखती है। उतना ही महिला को फिट रहने और बच्चे के बेहतर विकास होने में मदद मिलती है। और महिला को स्वस्थ रहने व् बच्चे के बेहतर विकास के लिए महिला को अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि यदि महिला पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करती है तो इससे प्रेग्नेंट महिला की प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली समस्या कम होती है वहीँ बच्चे के बेहतर विकास के लिए भी बच्चे को सभी जरुरी पोषक तत्व मिलते हैं।

लेकिन यदि महिला ऐसे आहार का सेवन करती है जिसमे न तो पोषक तत्व है और न हो वो आहार प्रेगनेंसी में खाना सही होता है तो इससे महिला की सेहत के साथ बच्चे का विकास भी बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। जिसके कारण बच्चे के विकास में शरीरिम व् मानसिक रूप से कमी आ सकती है। तो आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका सेवन करने से बच्चे के विकलांग होने का खतरा हो सकता है।

बाहर का खाना

गर्भावस्था के दौरान बाहर का खाना जैसे की पिज़्ज़ा, बर्गर, चाइनीज़ फ़ूड, मैदे से बनी चीजें, गोलगप्पे, स्ट्रीट फ़ूड, चाट पकोड़े, आदि किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इन्हे बनाने के लिए किस तरह के सामान का इस्तेमाल किया जाता है, किस तरह इन्हे बनाया जाता है, कितने दिन पुराने सामना का इन्हे बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, आदि। इसके साथ चाइनीज़ फ़ूड को बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली सोया सॉस में मर्करी की मात्रा मौजूद होती है।

ऐसे में इन सब में न तो पोषक तत्व होते हैं साथ ही इनकी क़्वालिटी भी बेकार होती है। और प्रेग्नेंट महिला यदि इनका सेवन करती है तो इससे महिला की सेहत खराब होने के साथ शिशु को भी पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। जिससे शिशु के अंगो का विकास बेहतर नहीं हो पाता है और शिशु के शारीरिक विकास में कमी आने के कारण शिशु के जन्म के समय विकलांग होने का खतरा बढ़ जाता है।

कैफीन

जिन चीजों में कैफीन की मात्रा होती है जैसे की चॉकलेट, चाय, कॉफ़ी इनका सेवन भी प्रेग्नेंट महिला को करने से बचना चाहिए। क्योंकि कैफीन का सेवन बच्चे के शारीरिक व् मानसिक विकास पर बहुत बुरा असर डाल सकता है जिसके कारण शिशु जन्म के समय शारीरिक या मानसिक रूप से कमजोर हो सकता है साथ ही शिशु के अंगो का बेहतर विकास न होने के कारण शिशु के विकलांग होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

मर्करी युक्त मछली न खाएं

गर्भावस्था के दौरान मछली का सेवन माँ के साथ बच्चे के लिए भी फ़ायदेमंद होता है। लेकिन, गर्भवती महिलाओं को ऐसी मछलियों को खाने से बचना चाहिए, जिनके मर्करी का स्तर अधिक होता है। जैसे कि स्पेनिश मेकरल, मार्लिन या शार्क, किंग मैकरेल, टिलेफिश, आदि। ऐसी मछलियों को खाने से माँ के पेट में पल रहे बच्चे के विकास में बाधा आ सकती है। जिसके कारण गर्भ में शिशु का विकास रुक जाता है और हो सकता है इस कारण बच्चे के किसी अंग में जन्म के समय समस्या आ जाये और होने वाला शिशु विकलांग जन्म लें।

बिना धुली सब्ज़ियां और फल न खाएं

बिना धुली हुई सब्जियों व् फलों में टॉक्सोप्लाज़्मा नाम का बैक्टीरिया मौजूद हो सकता है, जिससे शिशु के विकास में बाधा आती है। और प्रेग्नेंट महिला यदि इस बात का ध्यान नहीं रखती है तो इस कारण बच्चे पर बैक्टेरिया का बुरा प्रभाव अधिक पड़ सकता है जिसके कारण जन्म के समय शिशु के वजन में कमी, शिशु को विकलांगता जैसी समस्या हो सकती है।

तो यह हैं कुछ खाद्य पदार्थ जिनका सेवन यदि प्रेग्नेंट महिला करती है तो इसका पेट में पेल रहे बच्चे के विकास पर नकारात्मक असर पड़ता है और बच्चा विकलांग पैदा होता है। ऐसे में यदि आप माँ बनने वाली हैं तो आपको इन खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए ताकि बच्चे के विकास पर किसी तरह का बुरा प्रभाव न पड़े।

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