बरसात के मौसम गर्भवती महिला को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए

प्रेगनेंसी महिला के लिए एक ऐसा समय होता है जो नाजुक होने के साथ खुशियों से भरा हुआ होता है। शारीरिक परेशानियों के साथ माँ बनने के नए नए अनुभवों से भरा होता है। इसीलिए तो कहा जाता है की माँ बनना हर महिला की जिंदगी का सबसे बेहतरीन पल होता है। लेकिन इस बेहतरीन पल को अच्छे से एन्जॉय करने के साथ गर्भवती महिला को बहुत सी बातों का ध्यान भी रखना पड़ता है।

ताकि प्रेगनेंसी में किसी तरह की कॉम्प्लीकेशन्स न आएं। और मौसम के बदलाव के साथ महिला को अपने रहन सहन, खाने पीने के तरीके आदि में भी बदलाव करना जरुरी होता है। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको प्रेग्नेंट महिला को बरसात के मौसम में किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इस बारे में बताने जा रहे हैं।

खान पान का रखें ध्यान

बरसात के मौसम में होने वाली परेशानियों से बचने के लिए प्रेग्नेंट महिला को अपने खान पान का खास ध्यान रखना चाहिए। जैसे की स्ट्रीट फ़ूड नहीं खाना चाहिए, बाहर का खाना खाने से परहेज करना चाहिए, बासी खाना नहीं खाना चाहिए, नॉन वेज नहीं खाएं, आदि। क्योंकि ऐसे आहार का सेवन करने से प्रेग्नेंट महिला को पेट सम्बन्धी परेशानियां होने के साथ फ़ूड पोइज़निंग का भी खतरा होता है। इसके अलावा बरसात के मौसम में सर्दी खांसी की परेशानी से बचाव के लिए ठंडी चीजों को खाने व् ठंडा पानी पीने से भी प्रेग्नेंट महिला को परहेज करना चाहिए।

बाहर निकलने से बचें

बरसात के मौसम में जितना हो सके प्रेग्नेंट महिला को घर पर ही रहना चाहिए। क्योंकि बाहर निकलने पर बरसात में भीगने के कारण आपको सर्दी, खांसी, इन्फेक्शन जैसी परेशानी होने के साथ बुखार होने का खतरा भी अधिक होता है।

तरल पदार्थों का भरपूर सेवन करें

बरसात के मौसम में भी पानी पीने की इच्छा कम ही होती है। लेकिन गर्भवती महिला को पानी का भरपूर सेवन करना चाहिए। क्योंकि पानी की कमी के कारण महिला व् बच्चे दोनों को डीहाइड्रेशन के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा आपको फिल्टर्ड पानी ही पीना चाहिए या हो सके तो पानी को उबालकर ठंडा करने के बाद उसका सेवन करें।

चलने में सावधानी बरतें

वैसे तो जितना हो सके बरसात के मौसम में गर्भवती महिला को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। क्योंकि इस मौसम में कीचड़ के कारण फिसलने का खतरा अधिक होता है। और यदि गर्भवती महिला फिसल जाती है तो इसके कारण माँ व् बच्चे दोनों को परेशानी हो सकती है। लेकिन यदि किसी काम से महिला को घर से बाहर निकलना भी पड़ता है तो महिला को आरामदायक और जो चप्पल फिसलने वाली न हो उसे पहनना चाहिए। और हो सके तो कोई लाठी आदि लेकर या किसी का सहारा लेकर चलना चाहिए। ताकि गिरने के डर से बचा जा सके।

कपड़ों का ध्यान रखें

बरसात में मौसम ठंडा जरूर हो जाता है लेकिन इसके कारण उमस भी हो जाती है जिसके कारण अधिक पसीना आता है। ऐसे में महिला को घबराहट भी अधिक महसूस हो सकती है साथ ही मच्छर आदि भी इस मौसम में अधिक हो जाते हैं। इसीलिए गर्भवती महिला को पसीने और मच्छरों के कारण कोई दिक्कत न हो तो इससे बचने के लिए महिला को अपने पहनावे का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। जैसे की महिला को पूरी बाजू के, आपके साइज से थोड़े खुले और हवादार कपडे पहनने चाहिए। ऐसे कपडे आरामदायक होने के साथ इन परेशानियों से बचे रहने में भी मदद करते हैं।

साफ़ सफाई का ध्यान रखें

बरसात के मौसम में कीटाणु बहुत तेजी से फैलते हैं। ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को अपने घर के साथ अपनी साफ़ सफाई का भी अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। जैसे की गर्भवती महिला को नीम को पानी में उबालकर उस पानी को अपने नहाने वाले पानी में मिलाकर उससे नहाना चाहिए। इसके अलावा बरसात में भीगना नहीं चाहिए, यदि बाहर पानी भरा है तो उस पानी में नहीं जाना चाहिए, कुछ भी खाने या पीने से पहले हाथों को अच्छे से धोना चाहिए, आदि।

तो यह हैं कुछ सावधानियां जो गर्भवती महिला को बरसात के मौसम में बरतनी चाहिए। यदि प्रेग्नेंट महिला इन सभी बातों का ध्यान रखती है। तो ऐसा करने से बरसात के मौसम में होने वाली परेशानियों से गर्भवती महिला को बचे रहने में मदद मिलती है।

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