प्रेगनेंसी में प्राइवेट पार्ट में इन्फेक्शन होने पर शिशु पर क्या प्रभाव पड़ता है?

प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला का शरीर दुगुनी तेजी से काम करता है। और उतनी ही तेजी से शरीर में हार्मोनल बदलाव भी होते हैं। इन्ही हार्मोनल बदलाव के कारण महिला का वजाइनल एरिया बहुत सेंसिटिव हो जाता है। ऐसे में यदि प्राइवेट पार्ट की साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाए, शरीर में पानी की कमी हो, तो ऐसे कुछ कारणों की वजह से वजाइनल इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।

जिसके कारण महिला को दिक्कत हो सकती है क्योंकि वजाइनल इंफेक्शन होने की वजह से महिला को प्राइवेट एरिया में दिक्कत महसूस हो सकती है। तो आज इस आर्टिकल में हम आपको महिला को वजाइनल इन्फेक्शन होने पर शिशु पर क्या प्रभाव पड़ता है उसके बारे में बताने जा रहे हैं।

वजाइनल इन्फेक्शन होने के लक्षण

गर्भवती महिला को यदि वजाइनल इन्फेक्शन हो जाता है तो ऐसा होने पर महिला को अलग अलग लक्षण महसूस हो सकते है जिन्हे आप दिक्कत भी कह सकते हैं। जैसे की:

  • महिला को प्राइवेट पार्ट में खुजली व् जलन महसूस हो सकती है।
  • सफ़ेद पानी निकलने की समस्या अधिक हो जाती है।
  • प्राइवेट पार्ट से बदबू आने लगती है।
  • पेशाब करते समय दर्द व् जलन महसूस होना।
  • सम्बन्ध बनाते समय दिक्कत महसूस हो सकती है।

किन कारणों से हो सकता है प्राइवेट पार्ट में संक्रमण?

गर्भवती महिला को यदि प्राइवेट पार्ट में इन्फेक्शन हो जाता है तो इसके कई कारण हो सकते हैं। तो आइये अब इन कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में लगातार बहुत से हार्मोनल बदलाव होते रहते हैं और इन्ही हार्मोनल बदलाव के चलते गर्भवती महिला की वजाइना सेंसिटिव हो जाती है जिसकी वजह से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

साफ़ सफाई न रखना

गर्भवती महिला यदि प्राइवेट पार्ट की साफ़ सफाई का ध्यान नहीं रखती है तो इसकी वजह से प्राइवेट पार्ट में हानिकारक बैक्टेरिया बढ़ने लगता है जिसकी वजह से इन्फेक्शन हो जाता है।

शरीर में पानी की कमी होने के कारण

गर्भवती महिला के शरीर में पानी की कमी होने के कारण महिला को यूरिन इन्फेक्शन हो जाता है जिसकी वजह से महिला को प्राइवेट पार्ट में दर्द, जलन, सूजन जैसी समस्या हो सकती है।

शारीरिक परेशानी होने के कारण

जिन महिलाओं को हाई ब्लड शुगर, डाइबिटीज़ जैसी परेशानियाना होती है उन्हें भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

सम्बन्ध बनाने के कारण

गर्भावस्था के दौरान यदि महिला को या महिला के पार्टनर को इन्फेक्शन होता है और वो सम्बन्ध बनाते है तो इसकी वजह से महिला को इन्फेक्शन बढ़ सकता है। साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान बिना सुरक्षा के सम्बन्ध बनाने के कारण इन्फेक्शन होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

क्या महिला को इन्फेक्शन होने पर शिशु को दिक्कत होती है?

गर्भस्थ शिशु एमनियोटिक फ्लूड में होता है और गर्भाशय में फ्लूड में शिशु बिल्कुल सेफ होता है क्योंकि प्राइवेट पार्ट से हानिकारक बैक्टेरिया शिशु तक नहीं पहुँच सकता है। ऐसे में यदि महिला को वजाइनल इन्फेक्शन होता है तो शिशु पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। लेकिन हाँ, इसकी वजह से महिला को दिक्कत हो सकती है ऐसे में महिला को इसका ट्रीटमेंट जरूर करवाना चाहिए।

प्राइवेट पार्ट में इन्फेक्शन से बचने के लिए क्या करना चाहिए?

  • महिला को सबसे पहले तो प्राइवेट पार्ट की साफ़ सफाई का ध्यान रखना चाहिए जिससे महिला को यह समस्या नहीं हो।
  • ज्यादा टाइट अंडरगार्मेंट्स नहीं पहनने चाहिए।
  • प्राइवेट पार्ट के लिए ज्यादा खुशबूदार चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • सम्बन्ध बनाते समय सेफ्टी जरूर इस्तेमाल करनी चाहिए।
  • शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए।
  • मीठी चीजों का सेवन अधिक नहीं करना चाहिए।
  • इन्फेक्शन होने पर एक बार डॉक्टर से राय जरूर लेनी चाहिए।

तो यह है प्रेगनेंसी के दौरान प्राइवेट पार्ट में इन्फेक्शन होने पर शिशु को दिक्कत महसूस होती है या नहीं उससे जुडी जानकारी, यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं तो आपको भी इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। ताकि इन्फेक्शन होने पर आपको पता चल सके जिससे आप जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान कर सकें।

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