प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में बहुत से बदलाव होते हैं, बहुत से लक्षण महसूस होते हैं और ऐसा होना प्रेगनेंसी के दौरान आम बात होती है। साथ ही गर्भावस्था के दौरान शरीर में होने वाले बदलाव गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य के बारे में बताने में भी मदद करते हैं।
जैसे की यदि महिला का पेट का आकार बढ़ रहा है तो इसका मतलब होता है की गर्भ में शिशु का विकास सही हो रहा है, शिशु अच्छे से हलचल कर रहा है तो शिशु स्वस्थ है, आदि। आज इस आर्टिकल में हम आपको उन बदलाव के बारे में बताने जा रहे हैं जो यदि प्रेग्नेंट महिला के शरीर में नहीं होते हैं तो इसका मतलब यह होता है की गर्भ में शिशु स्वस्थ नहीं है।
गर्भवती महिला के पेट का आकार नहीं बढ़ना
गर्भावस्था के दौरान जैसे जैसे समय आगे बढ़ता है वैसे वैसे गर्भ में शिशु का विकास भी बढ़ता है। और गर्भ में शिशु का शारीरिक विकास बढ़ने के साथ गर्भाशय का आकार भी बढ़ता है और महिला का पेट बाहर की और निकलने लगता है।
महिला के पेट का बाहर की और निकलना इस बात की और इशारा करता है की गर्भ में शिशु का विकास सही तरीके से हो रहा है। ऐसे में यदि प्रेग्नेंट महिला का पेट बाहर की और नहीं निकलता है तो इसका मतलब यह होता है की गर्भ में शिशु का विकास सही तरीके से नहीं हो रहा है।
शिशु की हलचल में कमी
गर्भ में शिशु के बढ़ते विकास के साथ महिला को गर्भ में पल रहे शिशु की हलचल महसूस होती है यानी जब भी गर्भ में शिशु घूमता है या हाथ पैर चलाता है तो महिला उसे महसूस कर सकती है।
ऐसे में यदि महिला को यदि शिशु की हलचल बढ़ते समय के साथ भी पूरी तरह से महसूस नहीं होती है यानी की कम महसूस होती है तो यह लक्षण इस बात की और इशारा करता है की गर्भ में शिशु का विकास अच्छे से नहीं हो रहा है।
वजन में कमी
प्रेगनेंसी के दौरान महिला का पंद्रह से सोलह किलों तक वजन बढ़ जाता है और यह वजन बढ़ना सही होता है क्योंकि यह स्वस्थ प्रेगनेंसी की और इशारा करता है क्योंकि इसका मतलब होता है की गर्भ में शिशु का विकास भी सही से हो रहा है।
लेकिन यदि महिला का वजन कम बढ़ता है तो इसका मतलब होता है की गर्भ में शिशु का विकास सही नहीं हो रहा है और आपको अपना और ज्यादा ध्यान रखने की जरुरत होती है।
यूरिन पास करने की इच्छा में कमी
जैसे जैसे बच्चे का वजन बढ़ता है वैसे वैसे महिला की यूरिन पास करने की इच्छा में बढ़ोतरी होती है क्योंकि बच्चे का वजन बढ़ने के साथ पेट के निचले हिस्से पर दबाव बढ़ जाता है।
लेकिन यदि महिला को प्रेगनेंसी का समय आगे बढ़ने के साथ ऐसा कोई लक्षण महसूस नहीं होता है तो इसका मतलब भी यह होता है की गर्भ में शिशु का विकास सही से नहीं हो रहा है यानी की शिशु के वजन में कमी है।
ब्रेस्ट में बदलाव
प्रेगनेंसी के दौरान महिला की ब्रेस्ट में भी बदलाव आता है और यह बदलाव महिला का वजन बढ़ने के कारण, ब्रेस्ट में दूध बनने की प्रक्रिया होने के कारण आता है। और यह बदलाव स्वस्थ प्रेग्नेंसी का लक्षण भी होता है लेकिन यदि महिला को ब्रेस्ट में कोई बदलाव नज़र नहीं आता है तो यह भी प्रेगनेंसी में दिक्कत या शिशु का सही विकास न होने की और इशारा करता है।
डिलीवरी से पहले शिशु का सही पोजीशन में नहीं आना
डिलीवरी का समय पास आने पर गर्भ में पल रहा शिशु अपने जन्म लेने की सही पोजीशन में आने लगता है। यानी की शिशु का सिर नीचे की तरफ और पैर ऊपर की तरफ हो जाते हैं। लेकिन यदि शिशु अपने जन्म लेने की सही पोजीशन में नहीं आ पाते हैं तो इसका एक कारण यह भी होता है की शिशु का विकास गर्भ में सही तरीके से नहीं हुआ है।
तो यह हैं कुछ बदलाव जो गर्भवती महिला के शरीर में महसूस नहीं होते हैं तो यह इस बात की और इशारा करते हैं की गर्भ में शिशु का विकास सही तरीके से नहीं हो रहा है। यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं तो आपको इन बातों का पता होना चाहिए ताकि यदि आपको कोई ऐसा लक्षण महसूस हो तो समय रहते आप उसका समाधान कर सकें जिससे आपको प्रेगनेंसी में आ रही परेशानियों को दूर करने में मदद मिल सके।