प्रेगनेंसी नहीं होने के क्या क्या कारण हो सकते हैं

महिला शादी के एक वर्ष के बीच यदि गर्भवती नहीं होती है तो लोगो का ऐसा मानना होता है की जरूर कोई समस्या हो गई है। लेकिन आज कल लोग शादी के कम से कम दो साल तक अपनी शादीशुदा लाइफ को एन्जॉय करना चाहते है और उसके बाद फैमिली प्लानिंग के बारे में सोचते … Read more

गर्भावस्था में ऐसे सम्बन्ध बनाएंगे तो शिशु को बहुत नुकसान होगा

प्रेगनेंसी के दौरान सम्बन्ध बनाना चाहिए या नहीं इसे लेकर कपल बहुत परेशान रहते हैं। और इस बारे में अक्सर देखा जाता है की गर्भवती महिला और पुरुष दोनों डॉक्टर से पूछते हुए भी हिचकिचाते हैं। लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान आपको शर्म या हिचकिचाहट न रखते हुए डॉक्टर से खुलकर बात करनी चाहिए। क्योंकि यदि … Read more

मिसकैरिज रिस्क को कैसे कम करें? जानिए

मिसकैरिज रिस्क, माँ बनना किसी भी महिला के लिए उसकी जिंदगी का सबसे बेहतरीन अहसास होता है। लेकिन उतना ही दुखद अहसास तब होता है जब महिला बच्चे को जन्म देना चाहती है। और किसी कारण महिला का गर्भपात हो जाता है। बहुत सी महिलाओं को इस सदमे से उभरने में बहुत समय लग जाता … Read more

प्रेगनेंसी में क्या दिनचर्या होनी चाहिए

प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में बहुत से बदलाव आते है, और यह बदलाव केवल शारीरिक रूप से ही नहीं मानसिक रूप से भी आते है। ऐसे में महिला के गर्भवती होने पर उसे अपना दुगुना ध्यान रखना पड़ता है। ताकि प्रेग्नेंट महिला को और उसके गर्भ में पल रहे शिशु को स्वस्थ रहने में और … Read more

प्रेगनेंसी में रात को पेट को फूलने और पेट में दर्द होने की समस्या

प्रेगनेंसी में रात को पेट को फूलने और पेट में दर्द होने की समस्या

प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में प्रोजेस्ट्रोन हॉर्मोन का स्तर बढ़ने के कारण शरीर की मांसपेशियों में ढीलापन आने लगता है। जिसके कारण शरीर की क्रियाओं पर भी असर पड़ता है जैसे की पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है। जिसकी वजह से प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अपच, गैस, पेट में दर्द जैसी परेशानियां महिला को … Read more

गर्मियों में इन चीजों को खाने से बचे गर्भवती महिला

गर्भावस्था का समय हर महिला के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह कहना बेहतर होगा के प्रेगनेंसी का समय सिर्फ महिला के लिए ही नहीं बल्कि पुरे परिवार के लिए भी अनमोल होता है। इस समय में गर्भवती महिला को क्या खाना है और क्या नहीं खाना है इन बातो के बारे में समय समय पर सभी सलाह देते रहते है।

प्रेगनेंसी में हमे बहुत सी पसंदीदा चीजों को छोड़ना पड़ता है। क्योंकि हम जो चीज भी अपने मुँह में डालते है उसी प्रदार्थ के गुण और अवगुण हम अपने शिशु के साथ साँझा करते है। इन्ही बातो को ध्यान में रखते हुए हमे हर चीज का सेवन अपने शिशु की सेहत को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए।

बहुत बार ऐसा होता है के कुछ चीजों का सेवन हमे गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में छोड़ना पड़ता है और प्रेगनेंसी में अंतिम शरण में उन्हीं प्रदार्थो का सेवन शुरू करना होता है। यह सब बाते गर्भावस्था के पूरी प्रक्रिया पर निर्भर करती है। पर फिर भी गर्भावस्था के साथ जब गर्मियों का मौसम भी आ जाये तो उस समय में अपने डाइट का विशेष ध्यान रखने की जरुरत पड़ती है। आज हम आपको बताएंगे की गर्मियों में गर्भवती महिला को भूल कर भी किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

कैफीन युक्त प्रदार्थ

कैफीन युक्त प्रदार्थ यानी की चाय, कॉफ़ी, कोल्ड ड्रिंक्स, सोडा आदि। गर्भावस्था में इन सभी चीजों का सेवन छोड़ देना चाहिए। कैफीन एक प्रकार का नशीला प्रदार्थ होता है जिसके सेवन के बाद हम और ज्यादा एक्टिव हो जाते है। गर्भावस्था के दौरान कैफीन युक्त प्रदार्थो के सेवन से शुगर, ब्लड प्रेशर, डिज़्ज़िनेस, पेट दर्द, हार्ट बीट का बढ़ना आदि गंभीर समस्याएं हो सकती है। इसीलिए गर्भावस्था में डॉक्टर भी चाय, कॉफ़ी और कोल्ड ड्रिंक्स के सेवन को मना करते है।

गर्मियों की अगर बात की जाए तो चाय और कॉफ़ी तो हम एक बार फिर छोड़ सकते है लेकि कोल्ड ड्रिंक्स और सोडा ड्रिंक्स छोड़ना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। पर हम आपको बता दे की इन चीजों के सेवन से ना तो आपकी ढंग से प्यास बुझेगी और और साथ ही मिसकैरिज और जन्म के समय शिशु के कम वेट की समस्या की संभावना बढ़ जाती है। तो किसी प्रदार्थ का सेवन करना हमे कितना ही पसंद क्यों ना हो लेकिन हमारे शिशु से ऊपर नहीं हो सकता है। गर्भावस्था के समय में इन सभी चीजों के सेवन को ना कहे।

कच्ची अंकुरित दाल

कच्ची अंकुरित दाल और बीन्स वैसे तो बहुत ही पौष्टिक होती है। इनमे बहुत से मिनरल्स, विटामिन्स और सबसे ज्यादा मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। पर फिर भी अंकुरित की गयी दाल और बीन्स में नमी के कारण कुछ बैक्टीरिया आ जाते है। नमी के कारण पैदा हुए बैक्टीरिया पाने से धोने से भी ख़त्म नहीं होते है। यह बैक्टीरिया गर्भवती महिला के लिए हानिकारक हो सकते है।

लेकिन फिर भी अगर आप अंकुरित दाल और बीन्स का सेवन करना चाहते है तो ध्यान रखिये उन्हें कच्चा ना खाये। इनका प्रोटीन पाने के लिए इन्हे पकाकर या उबालकर इनका सेवन करना हानिकारक नहीं होगा।

जंक फ़ूड या स्ट्रीट फ़ूड

गर्मियां आते ही हमारा सारा ध्यान रोटी और सब्जी से हटकर स्ट्रीट फ़ूड और जंक फ़ूड पर चला जाता है। गर्भावस्था में खासतौर पर जब हमारे टेस्टबड्स बदल जाते है तब हमारा सारा ध्यान स्ट्रीट फ़ूड और जंक फ़ूड पर लग जाता है जैसे की गोल गप्पे, बर्गर, टिक्की, समोसा और चाट आदि। परन्तु इन सभी चीजों का सेवन गर्भावस्था के दौरान हानिकारक होता है। इन सभी खाद्य प्रदार्थो में नमक और मिर्च मसालों का अत्यधिक इस्तेमाल किया जाता है।

ज्यादा नमक और मसालों का सेवन हमारे ब्लड प्रेशर को बड़ा सकता है और मसालों का अत्यधिक सेवन पाचन क्रिया को कमजोर बनता है जिससे खाना पचने में परेशानी होने लगती है। इन सभी बातो के अतिरिक्त जंक फ़ूड और स्ट्रीट फ़ूड बनाते समय साफ़ सफाई का बिलकुल ध्यान नही रखा जाता है। इसीलिए गर्भावस्था के दौरान इस तरह के भोजन के सेवन से माँ और शिशु दोनों को ही इन्फेक्शन और कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अपने और शिशु के अच्छी सेहत के लिए जरुरी है के आप घर पर बने भोजन का ही सेवन करें।

मेथी दाना

मेथी दाना हमारे इंडियन मसालों में बहुत ही प्रसिद्ध है और कई व्यंजन तो इसके प्रयोग के बिना स्वादिष्ट ही नहीं लगते है। लकिन क्या आप जानते है गर्भावस्था में मेथी दाने के प्रयोग से मिसकैरिज का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपकी गर्भावस्था के अंतिम भाग में है कहने का मतलब जल्द ही डिलीवरी का समय आने वाला है तो आप मेथी दाने का सेवन कर सकते है। परन्तु यदि आप गर्भवस्था के शुरुआती समय में ही खड़े है तो मेथी कर प्रयोग आपके लिए पूर्णतः निषेध है क्योंकि इसके सेवन से ना सिर्फ गर्भपात बल्कि समय से पहले भी डिलीवरी होने का खतरा बना रहता है।

इसके अतिरिक्त जो लोग मेथी का सेवन करते है उन्हें कुछ दवाइयाँ से भी एलर्जी हो सकती है। इसीलिए अपने डॉक्टर से मिलने पर मेथी के सेवन के बारे में जरूर बताये।

अंडे और मीट

अगर आप अंडे और मीट का सेवन करती है तो गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में इन चीजों का सेवन बंद कर दे। अंडरकुक्ड मीट और अंडो में बैक्टीरिया होता है जो आपको और शिशु को कई तरह की बीमारियों और इन्फेक्शन से ग्रसित कर सकता है। गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में तो अंडे और मिट का सेवन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। अगर हम ऐसा ना करे तो अजन्मे शिशु में जन्म के समय कई प्रकार की विकलांगता हो सकती है जैसे की अंधापन, न्यूरोलॉजिकल प्रोब्लेम्स, अन्य डिसेबिलिटी आदि।

गर्भावस्था के पहले महीने से लेकर चौथे महीने तक मीट और अंडो का सेवन नहीं करना चाहिए। उसके बाद भी यदि गर्मियों के दिन है तो भी इनके सेवन से जहां तक हो बचना चाहिए। फिर भी अगर आप चाहें तो गर्भावस्था में अंतिम तीन महीनो में अच्छे से पके हुए मीट और अंडो का सेवन कर सकती है।

गर्मियों में गर्भावस्था के दौरान अच्छे से पके हुए भोजन का इस्तेमाल करना चाहिए। घर पर साफ़ सफाई से बना हुआ भोजन माँ और शिशु दोनों के लिए सेहतमंद होता है। इसके अतिरिक्त गर्मियों में प्यास बुझाने के लिए तरल प्रदार्थो में छाछ, दूध, दही, ग्रीन टी, फलो का रस व अन्य शरबत जो घर में बने हो उनका इस्तेमाल करें।

प्रेग्नेंट महिला 6 से 9 महीने तक न करे यह गलतियां

प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही माँ बनना महिला के लिए एक बहुत बड़ी जिम्मेवारी की तरह होता है, और जैसे जैसे प्रेगनेंसी में समय आगे बढ़ता है। वैसे वैसे महिला की परेशानियां भी बढ़ सकती है, क्योंकि शिशु का विकास बढ़ने के कारण महिला के वजन में बढ़ोतरी होती है। और वजन के बढ़ने के कारण … Read more

खून की कमी को पूरा करने के लिए प्रेगनेंसी में ये खाएं

खून की कमी को पूरा करने के लिए प्रेगनेंसी में ये खाएं, खून की कमी को पूरा करने के आहार, प्रेगनेंसी में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए खाएं यह आहार, ये हैं आयरन से भरपूर आहार गर्भावस्था के दौरान महिला में खून की मात्रा का भरपूर होना बहुत जरुरी होता है क्योंकि … Read more

प्रेगनेंसी में हाथ से कपडे धोने के नुकसान

प्रेगनेंसी में हाथ से कपडे धोने के नुकसान

गर्भावस्था महिला के लिए एक ऐसा समय होता है जब महिला को कुछ भी काम करने से पहले बहुत सी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। जैसे की जो काम आप कर रही है उसे करने में आपको दिक्कत तो नहीं हो रही है, ज्यादा थकावट महसूस तो नहीं हो रही है, पीठ में दर्द … Read more

प्रेगनेंसी में पेट अगर यहां दर्द कर रहा है तो नुकसानदायक हो सकता है

प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिलाएं बहुत सी शारीरिक परेशानियों का सामना कर सकती हैं। और उन्ही परेशानियों में से एक होती है पेट दर्द की समस्या, पेट दर्द की समस्या का होना प्रेगनेंसी के दौरान बहुत ही आम बात होती है। क्योंकि जैसे जैसे गर्भाशय का आकार बढ़ता है वैसे वैसे महिला को हल्के फुल्के … Read more