क्या कारण होते हैं गर्भधारण न होने के?

माँ बनना बहुत ही अनमोल और प्यारा अहसास होता है और इस बेहतरीन अनुभव का अहसास केवल महिलाओं को ही होता है। इसीलिए महिला को भी अपनी जिंदगी में इस खास अनुभव के होने का इंतज़ार भी रहता है। और शादी के बाद कुछ कपल जल्द से जल्द प्रेगनेंसी के बारे में सोच लेते हैं तो कुछ थोड़ा समय लेते हैं। लेकिन कुछ कपल ऐसे भी हैं जो अपनी फैमिली को आगे बढ़ाना तो चाहते हैं। लेकिन कई बार किसी न किसी कारण महिला का गर्भधारण नहीं हो पाता है। और ऐसा भी जरुरी नहीं है की यदि महिला प्रेग्नेंट नहीं हो रही है तो हर महिला के प्रेग्नेंट न होने का एक ही कारण हो। तो आइये आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं की यदि महिला का गर्भधारण नहीं हो रहा है तो इसके क्या कारण हो सकता है।

मासिक धर्म

मासिक धर्म का अनियमित होना भी महिला के गर्भधारण में आ रही परेशानी का एक कारण हो सकता है। क्योंकि मासिक धर्म के अनियमित होने के कारण ओवुलेशन पीरियड भी अनियमित हो सकता है, और ओवुलेशन पीरियड ही निषेचन के लिए सबसे सही समय होता है। ऐसे में जिन महिलाओं को मासिक धर्म के अनियमित होने की समस्या होती है उन महिलाओं को दूसरी महिलाओं की अपेक्षा गर्भधारण करने में अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

अनियमित ओवुलेशन पीरियड

कई बार वजन कम या ज्यादा होने के कारण, तनाव की वजह से, बॉडी में हार्मोनल असंतुलन के कारण, बहुत ज्यादा व्यायाम के कारण, ओवुलेशन पीरियड अनियमित हो सकता है। और यदि ओवुलेशन पीरियड अनियमित होता है तो इसके कारण कई बार अंडाशय से अंडा परिपक्व होकर बाहर नहीं आ पाता है। और जब अंडा ही बाहर नहीं आता है तो निषेचन संभव नहीं होता है। ऐसे में ओवुलेशन पीरियड को नियमित रखने के लिए महिला को तनाव नहीं लेना चाहिए, वजन नियंत्रित रखना चाहिए, अधिक व्यायाम करने से बचना चाहिए, आदि।

फैलोपियन ट्यूब

गर्भधारण की प्रक्रिया में फैलोपियन ट्यूब एक अहम भूमिका निभाती है, क्योंकि निषेचन की प्रक्रिया फैलोपियन ट्यूब में ही होती है और फैलोपियन ट्यूब ही निषेचित अंडे को गर्भाशय तक पहुंचाने में मदद करती है। लेकिन यदि महिला की फैलोपियन ट्यूब में कोई गड़बड़ी होती है तो इसके कारण अंडे और शुक्राणु आपस में नहीं मिल पाते हैं। जिस कारण महिला का गर्भधारण नहीं हो पाता है।

अंडे की गुणवत्ता

एक उम्र के बाद ( 30 वर्ष ) अंडाशय में अंडो की संख्या में कमी आने के साथ अंडो की गुणवत्ता में भी कमी आ सकती है। और प्रेग्नेंट होने के लिए अंडो की गुणवत्ता का बेहतर होना जरुरी होता है, जिसके कारण भी महिला को प्रेगनेंसी न होने से जुडी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम

कई बार बॉडी में हार्मोनल असंतुलन के कारण महिला को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। और यदि महिला इस समस्या से ग्रसित होती है। तो इसके कारण तो इसके कारण महिला के अंडाशय में छोटी छोटी गांठे बनने लगती है जिसके कारण निषेचन के लिए अंडाशय से अंडा परिपक्व होकर बाहर नहीं आ पाता है। और अंडे के बाहर न आने के कारण निषेचन नहीं हो पाता है जिसके कारण महिला के गर्भ ठहरने में समस्या हो सकती है।

गर्भपात

जो महिलाएं प्रेग्नेंट तो होती है लेकिन किसी न किसी कारण उनका बार बार गर्भपात हो जाता है, और वो महिलाएं फिर भी जल्दी माँ बनने के लिए ट्राई करती है। और अपनी न तो अच्छे से जांच करवाती हैं और न ही गर्भपात के बाद गर्भाशय को सही होने के लिए समय देती है। ऐसी महिलाओं को भी बार बार गर्भपात होने के कारण बाद में प्रेगनेंसी से जुडी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इस परेशानी से बचाव के लिए महिला को पहले गर्भपात के कारण का पता करने के साथ अपनी सही से जांच करवानी चाहिए। और एक बार गर्भपात होने के बाद दुबारा प्रेग्नेंट होने के बीच थोड़ा समय का गैप रखना चाहिए।

गर्भनिरोधक गोलियां

जो महिलाएं प्रेगनेंसी से बचाव के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन बहुत अधिक करती है। ऐसे में उन महिलाओं के शरीर में उन दवाइयों के कारण हार्मोनल असंतुलन होने के साथ गर्भाशय की झिल्ली भी कमजोर हो सकती है। जिसके कारण भी महिला को जब वो प्रेग्नेंट होना चाहती है उस दौरान प्रेगनेंसी न होने जैसी परेशानी का सामना उन महिलाओं को करना पड़ सकता है।

वजन व् उम्र

जिन महिलाओं का वजन बहुत ज्यादा या बहुत कम होता है उन महिलाओं को भी प्रेग्नेंट होने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि वजन कम या ज्यादा होने के कारण बॉडी में हार्मोनल इम्बैलेंस हो सकता है जिसके कारण गर्भधारण में समस्या आ सकती है। यदि महिला की उम्र बहुत ज्यादा है तो ऐसे में अंडे की गुणवत्ता में फ़र्क़ आने के कारण भी महिला को प्रेगनेंसी न होने जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

बिमारी

यदि कोई महिला बहुत लम्बे समय से किसी शारीरिक बिमारी जैसे की थायरॉइड आदि से परेशान है। तो ऐसे में उन महिला के शरीर में भी कमजोरी, हार्मोनल असंतुलन, वजन से जुडी समस्या आदि होने के कारण भी महिला को गर्भधारण करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

मानसिक परेशानी

ऐसा नहीं है की केवल शारीरिक रूप से ही परेशान होना गर्भधारण न होने का कारण हो सकता है बल्कि यदि आप दिमागी रूप से बहुत ज्यादा परेशान हैं, तनाव में रहती है तो भी गर्भधारण होने में आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

शुक्राणु में कमी

माँ बनना या न बनना केवल महिला के हाथ में ही नहीं होता है बल्कि महिला के गर्भधारण न कर पाने का कारण कई बार पुरुष से जुड़ा भी हो सकता है। क्योंकि यदि पुरुष के शुक्राणु की गुणवत्ता सही नहीं है, पुरुष के शुक्राणु की संख्या में कमी है, तो महिला के अंडे तक न तो शुक्राणु पहुँच पाते हैं और यदि पहुँच जाते हैं तो गुणवत्ता बेहतर न होने के कारण अंडे को निषेचित नहीं कर पाते, जिस कारण महिला का गर्भ नहीं ठहर पाता है। इसीलिए महिला का गर्भधारण होने पर केवल महिला को ही नहीं बल्कि पुरुष को भी एक बार जांच जरूर करवानी चाहिए।

प्रेग्नेंट होने के लिए क्या करें?

यदि महिला का गर्भधारण नहीं हो रहा है तो इसके लिए सबसे पहले महिला अपनी जांच अच्छे से करवानी चाहिए। और केवल महिला को ही नहीं बल्कि पुरुष को भी अपनी जांच करवानी चाहिए। उसके बाद महिला को जो भी समस्या है चाहे तो फैलोपियन ट्यूब से जुडी है, पुरुष से जुडी है, महिला के गर्भाशय से जुडी है, महिला के अंडाशय में अंडे से जुडी है, आदि। उस परेशानी का इलाज़ करें, ताकि महिला को गर्भधारण में किसी भी तरह की परेशानी न आये और महिला को भी माँ बनने के अहसास का अनुभव लेने में मदद मिल सके।

तो यह हैं प्रेगनेंसी न होने के कारण व् उनसे बचने के कुछ उपाय, तो यदि आप भी प्रेगनेंसी के ट्राई कर रही है। और गर्भधारण नहीं हो रहा है तो समय पर ही आपको जल्द से जल्द इसके कारण का पता करना चाहिए, ताकि इलाज हो सके और आपको माँ बनने में आ रही परेशानियों को दूर करके इस खास अहसास का अनुभव लेने में मदद मिल सके।

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