सिजेरियन डिलीवरी से होते हैं यह नुकसान

सिजेरियन डिलीवरी से होने वाले नुकसान, सिजेरियन डिलीवरी के बाद होने वाली परेशानियां, सिजेरियन डिलीवरी सही है या नहीं, Drawback of Cesarean Delivery

जैसे जैसे डिलीवरी का समय नजदीक आता है वैसे वैसे महिलाओं के मन में डर आने लगता है और वो सोचती रहती हैं, की उनकी डिलीवरी नार्मल होगी या सिजेरियन। लेकिन आज कल ऐसा देखा जाता है की तीन में से दो डिलीवरी सिजेरियन ही होती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं की सिजेरियन डिलीवरी से महिला को कितनी परेशानी होती है, इसे सी सेक्शन डिलीवरी भी कहा जाता है। जिसमे महिला के पेट पर कट लगाकर शिशु को गर्भाशय से बाहर निकाला जाता है। इस डिलीवरी के दौरान महिला को किसी तरह का दर्द नहीं होता है, लेकिन आप जितने दर्द से उस समय बच जाती है, उतनी ही परेशानियां आपको बाद में होती है, तो आइये अब जानते हैं सिजेरियन डिलीवरी से जुडी कुछ बातों को।

सिजेरियन डिलीवरी से होने वाले नुकसान

आज कल महिलाएं दर्द से बचने के लिए या कुछ कॉम्प्लीकेशन्स के होने के कारण सिजेरियन डिलीवरी का सहारा लेती है। तो आइये आज हम आपको बताते हैं की सिजेरियन डिलीवरी के बाद आपको कौन कौन से नुकसान हो सकते हैं।

ब्लड ज्यादा निकलता है

महिला को सिजेरियन डिलीवरी के दौरान कट लगाया जाता है जिसके कारण महिला का बहुत अधिक रक्त निकलता है, इसके अलावा डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को जो ब्लीडिंग होती है वो नार्मल डिलीवरी से अधिक और ज्यादा दिनों के लिए होती है। और कई बार तो सिजेरियन डिलीवरी में महिलाओं को रक्त चढ़ाना भी पड़ता हैं। ऐसे में महिला को अधिक कमजोरी हो सकती हैं।

रिकवर होने में ज्यादा समय लगता है

नार्मल डिलीवरी के बाद महिला जहां तीन से चार हफ्ते के बाद फिट होने लग जाती है, वहीँ सिजेरियन डिलीवरी की महिला दो महीने से ज्यादा का समय भी ले लेती है। क्योंकि टाँके सूखने के बाद भी महिलाओं को उठने बैठने में अधिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जिससे महिलाओं को पूरी तरह से फिट होने में समय लगता है।

कमजोर हो जाती है

खान पान में भी यदि देखा जाए तो नार्मल डिलीवरी के बाद महिलाओं को दूध, घी का सेवन करवाना शुरू कर देते हैं, जिससे महिला को शारीरिक रूप से जल्दी से फिट होने में मदद मिले। और उसे कमजोरी न हो जबकि सिजेरियन डिलीवरी के दो हफ्ते या जब तक टाँके पूरी तरह सूख नहीं जाते हैं तब तक महिलाओं को ऐसा कुछ भी नहीं दे सकते जिसके कारण महिलाएं अधिक कमजोर महसूस करने लगती है। क्योंकि यदि महिलाएं को घी आदि का सेवन करवाते हैं तो इसके कारण टाँके सूखने में अधिक समय लगता है।

बच्चे पर भी पड़ता है असर

सिजेरियन डिलीवरी से जन्म लेने वाले बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली उतनी मजबूत नहीं होती है जितनी की नार्मल डिलीवरी वाले बच्चों की होती है। ऐसे में सिजेरियन डिलीवरी वाले बच्चे बहुत जल्दी रोगो की चपेट में आने लगते हैं।

इन्फेक्शन का डर होता है

प्रसव के बाद महिला और बच्चे दोनों को ही संक्रमण का खतरा अधिक होता है, ऐसे में यदि थोड़ी लापरवाही की जाए तो महिला और शिशु दोनों को इन्फेक्शन की समस्या से परेशान होना पड़ सकता है।

सम्बन्धो पर पड़ता है असर

सी सेक्शन डिलीवरी होने के बाद महिला को पूरी तरह से फिट होने में अधिक समय लगता है। जिसके कारण उनके सम्बन्धो पर भी असर पड़ता है, क्योंकि जब आप सम्बन्ध बनाना भी शुरू कर देते हैं उसके बाद भी आपको काफी दिनों तक बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत होती है, जिसके कारण आप अपनी लाइफ को उस तरह एन्जॉय नहीं कर पाते हैं जिस तरह से आपको करना चाहिए।

मोटापा

सिजेरियन डिलीवरी के बाद ज्यादातर महिलाओं को पेट बाहर निकलने की समस्या से परेशान होना पड़ता है, क्योंकि इस दौरान कम से कम तीन महीने तक वो किसी भी तरह की एक्सरसाइज नहीं कर सकती है। और यदि करती भी है तो इसके लिए उन्हें बहुत सी बातों का ध्यान रखना पड़ता है।

तो यह हैं कुछ नुकसान जो आपको सिजेरियन डिलीवरी के बाद होते हैं, इसके अलावा कई बार यह आपकी आर्थिक समस्या से भी जुडी समस्या को खड़ी कर सकता है क्योंकि नार्मल डिलीवरी की अपेक्षा सिजेरियन डिलीवरी में अधिक खर्चा होता है।

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