प्रेगनेंसी में गाजर खानी चाहिए या नहीं?

कोई भी महिला प्रेगनेंसी के दौरान केवल दो चीजों के बारे में सबसे ज्यादा सोचती है पहली गर्भ में शिशु के विकास में किसी तरह की कमी न आये और दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान महिला को परेशानियों से बचे रहने में मदद मिल सके ताकि प्रेगनेंसी और डिलीवरी दोनों के समय किसी तरह की दिक्कत न हो। और इसके लिए सबसे जरुरी होता है की महिला ऐसे आहार का सेवन करे जिसमे न्यूट्रिएंट्स भरपूर मात्रा में मौजूद हो, ताकि प्रेग्नेंट महिला को स्वस्थ रहने और गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर विकास में मदद मिल सके। तो लीजिये आज हम एक ऐसी सब्ज़ी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आप सब्जी, सलाद, अचार, जूस किसी भी रूप में खा सकते हैं। और वो है गाजर, लाल लाल गाजर का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान न केवल गर्भवती महिला बल्कि शिशु के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।

गर्भावस्था में गाजर खाने के फायदे

विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन, कैल्शियम, जैसे पोषक तत्वों से भरपूर गाजर का सेवन यदि गर्भवती महिला करती है तो इससे केवल गर्भवती महिला को नहीं बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु को भी बहुत फायदा मिलता है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी के दौरान गाजर का सेवन करने से कौन कौन से फायदे मिलते हैं।

आयरन

गाजर आयरन का एक बेहतरीन स्त्रोत होता है जो प्रेगनेंसी के दौरान खून की कमी को बॉडी में पूरा करने में मदद करता है। लेकिन ऐसा तभी होता है यदि प्रेग्नेंट महिला इसे खाने के लिए अपनी डाइट में शामिल करती है। इसके अलावा गाजर में विटामिन सी होने के कारण यह आयरन को बॉडी में आसानी से अवशोषित करने में भी मदद करता है। जिससे प्रेगनेंसी व् डिलीवरी के समय खून की कमी के कारण होने वाली परेशानी से बचाव के साथ गर्भ में शिशु के बेहतर विकास में भी मदद मिलती है।

फाइबर

प्रेगनेंसी के दौरान पाचन क्रिया से जुडी समस्या होने के कारण महिला को कब्ज़, एसिडिटी जैसी परेशानी का होना आम बात होती है। लेकिन गाजर का सेवन करने से गर्भवती महिला को पाचन क्रिया से जुडी समस्या से निजात पाने में मदद मिल सकती है क्योंकि गाजर में फाइबर की मात्रा मौजूद होती है। जो पाचन क्रिया को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करती है।

कैल्शियम

कैल्शियम की मात्रा भी गाजर में मौजूद होती है जो गर्भवती महिला की हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करती है जिससे प्रेगनेंसी के दौरान महिला को थकान व् कमजोरी जैसी परेशानी से राहत दिलाने में मदद मिलती है। इसके अलावा गाजर में मौजूद कैल्शियम गर्भ में पल रहे शिशु के शारीरिक विकास के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि इससे शिशु की हड्डियों के बेहतर विकास के साथ शिशु के दांतों की सरंचना को मजबूत करने में मदद मिलती है।

विटामिन सी

बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण गर्भवती महिला का इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिसके कारण गर्भवती महिला को संक्रमण होने का खतरा हो सकता है, साथ ही यह शिशु को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में इम्यून सिस्टम की मजबूती को बनाये रखने के लिए गर्भवती महिला को गाजर का सेवन करना चाहिए। क्योंकि गाजर में विटामिन सी मौजूद होता है जो की एक बेहतरीन एंटी ऑक्सीडेंट है और यह गर्भवती महिला के इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग बनाने में मदद करता है।

विटामिन ए

विटामिन ए आँखों के लिए बहुत अच्छा होता है और गाजर में यह प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। ऐसे में गर्भवती महिला यदि गाजर का सेवन करती है तो इससे गर्भवती महिला की आँखों को स्वस्थ रहने के साथ गर्भ में पल रहे शिशु की आँखों के बेहतर विकास में भी मदद मिलती है।

फॉस्फोरस

बहुत सी गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या से परेशान हो सकती है, जिसके कारण उन्हें बॉडी के कई अंगो में दर्द की समस्या महसूस हो सकती है। और ऐसा होना प्रेगनेंसी के दौरान आम बात होती है। लेकिन इस समस्या से निजात पाने के लिए गर्भवती महिला गाजर का सेवन कर सकती है क्योंकि गाजर में मौजूद फॉस्फोरस मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन की समस्या से गर्भवती महिला को निजात दिलाने में मदद करता है।

तो यह हैं कुछ फायदे जो प्रेगनेंसी के दौरान गाजर का सेवन करने से गर्भवती महिला को मिलते हैं। ऐसे में इन फायदों के लिए गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान गाजर को किसी न किसी रूप में अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। और एक बात का ध्यान रखें की गाजर को अच्छे से धोने के बाद ही खाने के लिए प्रयोग में लाना चाहिए।

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