वेज या नॉनवेज प्रेगनेंसी में क्या है फायदेमंद गर्भ में पल रहे शिशु के लिए

गर्भावस्था के दौरान प्रेग्नेंट महिला को फिट रहने के लिए और गर्भ में शिशु के बेहतर विकास के लिए खान पान का बेहतर तरीके से ध्यान देने की सलाह दी जाती है। लेकिन अक्सर देखने की मिलता है की महिलाएं खान पान को लेकर दुविधा में रहती है की उन्हें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, महिला को किन चीजों का सेवन करने से फायदा मिलता है और किन चीजों को खाने से से नुकसान होता है? क्या महिला को पूरी तरह से वेज खाने का सेवन करना चाहिए या पूरी तरह से नॉन वेज का सेवन करना चाहिए? या फिर दोनों का सेवन ही फायदेमंद होता है? ऐसे ही कुछ खान पान से जुड़े सवाल गर्भवती महिला के मन में उथल पुथल कर रहे होते है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिला चाहे तो खान पान के लिए डॉक्टर से भी राय ले सकती है, तो लीजिये आज हम भी आपको प्रेगनेंसी के दौरान वेज और नॉनवेज खाने को लेकर कुछ बातें बताने जा रहें हैं।

प्रेगनेंसी के दौरान वेज या नॉन वेज

गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने के लिए और गर्भ में शिशु के बेहतर विकास के लिए खाने में वेज और नॉन वेज दोनों को आप शामिल कर सकते हैं। हां लेकिन यह भी सच है की नॉन वेज खाने में सब्जियों व् फलों की तुलना में अधिक आयरन पाया जाता है। मछली में मौजूद प्रोटीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड शिशु के शारीरिक व् मानसिक विकास के लिए बहुत जरुरी होता है। ऐसे में जो महिलाएं नॉन वेज नहीं खाती है उनके गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर विकास के लिए सभी जरूरते वेज खाने से भी पूरी की जा सकती है, ऐसा नहीं है की उनके लिए नॉन वेज खाना जरुरी होता है। और जो महिलाएं नॉन वेज खाती है वो वेज का सेवन भी कर सकती है। ऐसे में प्रेगनेंसी के लिए वेज या नॉन वेज में से किसी एक का चुनाव करना गलत होता है।

गर्भ में शिशु के बेहतर विकास के लिए वेज खाना या नॉन वेज खाना क्या है बेहतर

गर्भ में शिशु के विकास के लिए जरुरी पोषक तत्व जैसे आयरन, प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड, आदि पोषक तत्वों की जरुरत होती है जो की नॉनवेज खाने के साथ वेज खाने में भी मिल जाते हैं। ऐसे में आप जो भी आहार ले वह पोषक तत्वों से भरपूर होना चाहिए, और यदि आप नॉन वेज भी खाना चाहते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है की आप इसे नियमित खाएं बल्कि हफ्ते में दो या तीन बार इसका सेवन कर सकते हैं। ऐसे में बाकी दिन शाकाहारी आहार का सेवन करने से ही गर्भवती महिला और गर्भ में शिशु की सभी जरूरतों को पूरा किया जा सकता है, इसीलिए गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर विकास के लिए केवल वेज या सिर्फ नॉन वेज खाने को सही कहना गलत बात होगी, साथ ही खाने को लेकर महिला को बस एक बात का ध्यान रखना चाहिए की आपके आहार में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व हो और शिशु को उससे किसी तरह का नुकसान न हो।

नॉन वेज या वेज का सेवन करते हुए रखें इन बातों का ध्यान

बासी, ठंडा, अधपका, बहुत देर तक बिना ढके हुए पड़े आहार का सेवन नहीं करना चाहिए। जो भी खाएं उसमे ज्यादा तेल और मसालों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। मछली का सेवन करते हुए ध्यान रखें की उसमे मर्करी की मात्रा नहीं होनी चाहिए। हरी सब्जियों का सेवन करने से पहले उन्हें अच्छे से धोना चाहिए, कच्ची सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए, आदि। ऐसा करने से प्रेगनेंसी के दौरान पेट से सम्बंधित होने वाली परेशानियों से बचाव के साथ इन्फेक्शन की समस्या से बचने में भी मदद मिलती है।

तो यह है प्रेगनेंसी में खान पान से जुड़े कुछ टिप्स, ऐसे में यह महिला की इच्छा पर निर्भर करता है की उसे क्या खाना चाहिए, किसी एक चीज का सेवन ही उत्तम हो ऐसा सही नहीं होता है। इसीलिए महिला प्रेगनेंसी में वेज और नॉन वेज दोनों का सेवन कर सकती है, बस इतना ध्यान रखने की जरुरत होती है की जिस भी चीज का महिला सेवन करे उसमे पोषक तत्व भरपूर होने चाहिए।

Hindi Video : Pregnancy Me Non-Veg Khayen ya Nahi?

Non-Veg During Pregnancy

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