क्या आपका बच्चा रात को सोते समय पेशाब करता है? तो जानिए उपाय

बिस्तर पर पेशाब करने के कारण और उपाय

बचपन में तो सभी ने सोते हुए बिस्तर गीला जरूर किया होगा? पैदा होने से लेकर ३ साल तक तो ये आम बात होती है, लेकिन अगर तीन साल से अधिक बड़ा बच्चा पेशाब बिस्तर में करता है तो फिर या तो यह बीमारी हो सकती है या इसे आदत भी कहा जा सकता है। अक्सर बच्चे डर के कारण सोते हुए पेशाब कर देते है या फिर कई बार ये अनुवांशिक बीमारी भी होती है। ऐसे मे माता पिता खुद बहुत परेशान हो जाते है। न तो वो कही जाने का मन बना पाते है और न ही ऐसे में अकेले बच्चे को कहीं रहने देते हैं।

माता पिता ऐसे में बच्चों को डाँट कर या डरा कर उन्हें ऐसा करने से रोकते है।  जिससे बच्चों में या तो हीन भावना जन्म ले लेती या फिर वह अपने आप को अपमानित समझने लगते हैं। इससे बच्चे का आत्मविश्वास काम हो जाता है और वह खुद अपने आपको धीरे धीरे अलग करने लगते है। क्यूंकि बच्चा ये सब खुद या जानबूझ कर नहीं करता।

हालाकि खुद माता पिता भी इस बात को लेकर शर्मिंदा होते है। लेकिन क्या ये बात वास्तव में शर्मिंदा करने की है? नहीं क्यूंकि ये कोई बीमारी भी हो सकती है जो बच्चे को किसी कारणवश हो गई हो। ये अनुवांशिक भी हो सकता है और ऐसा हमारी नासमझी के कारण भी हो सकता है। तो इस समास्या से हम अपने बच्चे को कैसे छुटकारा दिया सकते है, ये जानते हैं।

बच्चे से बात कीजिये 

समझाना – बच्चों को कभी भी किसी भी बात को लेकर सबसे पहले उससे पूछने की कोशिश करनी चाहिए की उसे क्या परेशानी है। बच्चों से बात करके उन्हें हमेशा समझाना चाहिए की हर छोटी बड़ी बात जिससे भी उन्हें परेशानी हो अपने माता पिता से बात करनी चाहिए। और माता पिता का भी फ़र्ज़ है की उन्हें अपने बच्चे को ठीक से समझना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे में आत्मविश्वास जागृत होता है।

पेय प्रदार्थ – शाम को ६ बजे के बाद से ही बच्चे को पेय पदार्थ काम मात्रा में देने चाहिए।  चाय, कॉफ़ी, कोल्ड्रिंक, शरबत जैसे चीज़ों का सेवन कम करने देना चाहिए। यह तक की पानी को भी कम मात्रा में ही देना चाहिए। ऐसा करने को डॉक्टर भी बोलते है की शाम को ६ बजे के बाद बच्चों को पीने के लिए कम पेय पदार्थ देने चाहिए। आप फर्क को खुद देखेंगे की बच्चे की इस आदत में धीरे धीरे सुधर आ जायेगा।

दवाई – कई बार ये समस्या बच्चो में इतनी बढ़ जाती है की ये एक बीमारी का रूप ले लेती है। इसके लिए हमने डॉक्टर की सलाह और परामर्श की आवश्यकता लेनी चाहिए। डॉक्टर के पास अपने बच्चे को ले जाकर सारी परेशानी बतानी चाहिए। और यदि वह कोई दवाई दें तो अपने बच्चे को नियमित रूप से वो दवाई देनी चाहिए।

आदत में बदलाव – बच्चे की आदत में बदलाव की जरूरत करनी चाहिए। जैसे की उसे सोने से पहले पेशाब करवाना। सोते समय भी २-३ उठाकर उसे अपने साथ ही पेशाब करवाने ले जाना चाहिए। ऐसा करने से भी आदत  में सुधर आ जाता है।

यदि आपका बच्चा ज्यादा ही छोटा है और आप बार बार उसे उठा नहीं सकतीं तो आप उसे डॉयपर लगा सकते हैं। उसके सोने की जगह पर चादर के नीचे भी कोई प्लास्टिक की शीट बिछा सकतीं है। ये थे कुछ ऐसे तरीके की जिनकी मदद से आप खुद भी अपने बच्चे की इस आदत को छुटवा सकतीं हैं।

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