न्यू डैड के लिए प्रेगनेंसी टिप्स

होने वाले पिता के लिए प्रेगनेंसी टिप्स, माँ बनना हर महिला के जिंदगी का सबसे खास अनुभव होता है। और उतना ही खास समय यह होने वाले पिता के लिए भी होता है। न्यू डैड प्रेगनेंसी में होने वाले अनुभव को महसूस नहीं कर सकता है। लेकिन अपनी प्रेग्नेंट पार्टनर के सफर में उसका साथ देकर प्रेगनेंसी को यादगार जरूर बना सकता है। क्योंकि गर्भावस्था एक ऐसा समय होता है जहां महिला को अपने पार्टनर की सबसे ज्यादा जरुरत होती है। ताकि महिला को अपने मन में आ रहे विचारों को अपने डर को अपने पार्टनर के साथ शेयर करके कम कर सके। और इस साथ की जरुरत महिला को प्रेगनेंसी के नौ महीने के साथ शिशु के जन्म के बाद भी होती है। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम न्यू डैड के लिए कुछ खास टिप्स बताने जा रहे हैं।

प्रेगनेंसी के दौरान किस तरह दे न्यू डैड अपने पार्टनर का साथ

गर्भावस्था के दौरान बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण महिला बहुत सी शारीरिक परेशानियों व् बदलाव का अनुभव करती है। तो ऐसे में पुरुष किस तरह से अपनी प्रेग्नेंट वाइफ का साथ दे सकते हैं। आइये आज इस आर्टिकल में जानते हैं।

प्रेग्नेंट महिला को समय दें

  • गर्भावस्था के दौरान महिला बहुत से शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक बदलाव का अनुभव करती है।
  • ऐसे में न्यू डैड का यह फ़र्ज़ बनता है की वो अपनी प्रेग्नेंट वाइफ को समय दें।
  • प्रेग्नेंट महिला को कैसे महसूस हो रहा है यह सब उन्हें शेयर करें, उन्हें समय दे।
  • ताकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला की दिक्कतों को कम करने में मदद मिल सके।

मूड स्विंग्स को समझें

  • प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण महिला को मूड स्विंग्स की समस्या हो सकती है।
  • जिसके कारण महिला को गुस्सा व् चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है।
  • यदि महिला कभी गुस्सा या चिड़चिड़ कर रही होती है तो आपको उसे समझना चाहिए और उन्हें रिलैक्स करने की कोशिश करनी चाहिए।

होने वाले पिता अपनी प्रेग्नेंट वाइफ की जांच करवाने खुद जाएँ

  • गर्भावस्था के दौरान महिला को बहुत सी जांच करवानी पड़ती है, अल्ट्रासॉउन्ड करवाना पड़ता है।
  • ऐसे में इन सभी जांच के दौरान आपको अपनी पार्टनर के साथ जाना चाहिए।
  • ताकि आपको अपनी वाइफ का सपोर्ट करने में मदद मिल सके।
  • आपका ऐसा करना आपकी वाइफ को भी अच्छा लगता है।

अपने होने वाले बच्चे से संपर्क बनाएं

  • गर्भ में होने वाले शिशु की हलचल का अनुभव महिला तो प्रेगनेंसी के दौरान लेती ही है।
  • साथ ही न्यू डैड को भी महिला के गर्भ पर हाथ या गाल रखकर शिशु को महसूस करना चाहिए।
  • और गर्भ में शिशु की हलचल को महसूस करते हुए आपको भी अपने बच्चे के साथ अपने रिश्ता गहरा करना चाहिए।

होने वाले पिता भी लें प्रेगनेंसी की जानकारी

  • गर्भावस्था में क्या क्या होता है इसकी जानकारी प्रेग्नेंट महिला के साथ न्यू डैड को भी लेनी चाहिए।
  • क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला को क्या महसूस हो सकता है, महिला को क्या दिक्कत हो सकती है।
  • इसके बारे में यदि आप भी जानकारी लेते हैं तो इससे महिला की दिक्कत को कम करने में मदद मिल सकती है।

महिला को खुश रखने की कोशिश करें

  • न्यू डैड को प्रेगनेंसी के दौरान अपनी महिला पार्टनर को तनाव नहीं लेने देना चाहिए।
  • बल्कि उन्हें खुश रखने की कोशिश करनी चाहिए।
  • क्योंकि महिला जितना खुश रहती है उतना ही प्रेगनेंसी के दौरान कॉम्प्लीकेशन्स को कम करने में मदद मिलती है।
  • ऐसे में महिला को खुश करने के लिए आप महिला को बेबीमून पर ले जाएँ, एक प्रेगनेंसी फोटोशूट करवाएं आदि।

होने वाले पिता न डरें अपनी सम्बन्ध लाइफ को लेकर

  • प्रेगनेंसी के दौरान सम्बन्ध लाइफ पर थोड़ा असर तो पड़ ही जाता है।
  • और यदि प्रेगनेंसी में कॉम्प्लिकेशन हो या महिला का मन न हो तो आप पूरी प्रेगनेंसी में इसका आनंद नहीं ले पाते हैं।
  • लेकिन पति पत्नी का रिश्ता इतना कमजोर तो नहीं होता है की सम्बन्ध न बनाने के कारण उनमे प्यार की कमी हो जाए।
  • खासकर प्रेगनेंसी के समय, प्रेगनेंसी के दौरान महिला के गर्भ में आपका शिशु होता है, ऐसे में सम्बन्ध लाइफ को लेकर डरना नहीं चाहिए।
  • बल्कि इस दौरान आपको अपनी लाइफ के साथ प्रेगनेंसी के खूबसूरत लम्हो को एन्जॉय करना चाहिए।

डिलीवरी के बाद किस तरह दे न्यू डैड अपनी पार्टनर का साथ

केवल प्रेगनेंसी के दौरान ही नहीं बल्कि डिलीवरी के बाद भी महिला को थोड़े समय के लिए अपने पार्टनर के साथ की जरुरत होती है। ऐसे में डिलीवरी के बाद भी महिला को अपनी पार्टनर का साथ जरूर देना चाहिए। तो आइये अब जानते हैं की डिलीवरी के बाद पुरुष अपनी पार्टनर का साथ कैसे दे सकता है।

शिशु के काम में करें मदद

  • शिशु के जन्म के बाद शिशु की केयर को लेकर भी महिला तनाव में आ सकती है।
  • ऐसे में शिशु की केयर का अनुभव केवल महिला को ही नहीं बल्कि न्यू डैड को भी लेना चाहिए।
  • जैसे की शिशु के कपडे बदलने में, शिशु का डाइपर बदलने में, शिशु के लिए दूध की बोतल बनाने में न्यू डैड को महिला की मदद करनी चाहिए।

जोर न ड़ालें

  • प्रेगनेंसी के दौरान नौ महीने तक सम्बन्ध का महिला और पुरुष उस तरह आनंद नहीं ले पाते हैं।
  • क्योंकि उस दौरान शिशु और महिला की सेहत को लेकर मन में डर होता है।
  • ऐसे में पुरुष को डिलीवरी के तुरंत बाद भी सम्बन्ध बनाने के लिए महिला पर जोर नहीं डालना चाहिए।
  • क्योंकि शारीरिक रूप से फिट होने के महिला को डिलीवरी के बाद समय लग सकता है।
  • ऐसे में जब तक महिला डिलीवरी के बाद पुरुष को महिला की हालत को समझना चाहिए और उन्हें स्वस्थ होने में उनका साथ देना चाहिए।

थोड़ा साथ में रहें

  • डिलीवरी के बाद महिला अपने शरीर में बदलाव, शिशु को लेकर जिम्मेवारियों के कारण तनाव में आ सकती है।
  • ऐसे में न्यू डैड को उनके साथ थोड़ा समय बताना चाहिए, महिला को क्या महसूस हो रहा है उसके बारे में पूछना चाहिए।
  • यदि पुरुष ऐसा करते हैं तो इससे महिला को अच्छा महसूस होता है।
  • क्योंकि उन्हें इस दौरान शारीरिक से ज्यादा मानसिक रूप से किसी के साथ की जरुरत होती है।

तो यह हैं कुछ खास टिप्स न्यू डैड के लिए, जो प्रेगनेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद उन्हें ध्यान रखने चाहिए। ताकि प्रेग्नेंट महिला को मानसिक रूप से रिलैक्स रहने और अपने पार्टनर के साथ अपनी जिंदगी के खूबसूरत लम्हे को बेहतर तरीके से एन्जॉय करने में मदद मिल सके।

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