माँ बनना हर महिला की जिंदगी का सबसे बड़ा सुख होने के साथ एक प्यार भरा अहसास भी होता है। लेकिन कई बार किसी महिला या पुरुष में किसी कमी के होने के कारण महिला का गर्भधारण नहीं हो पाता है। ऐसे में यदि बहुत कोशिश के बाद भी महिला का गर्भ नहीं ठहरता है। तो आईवीएफ एक मेडिकल सुविधा है जिसका उपयोग करने से महिला आसानी से गर्भधारण कर सकती है। और माँ बनने के अपने सपने को पूरा कर सकती है। आईवीएफ कोई जटिल प्रक्रिया नहीं होती है।
लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान महिला को अपनी केयर अच्छे से करनी होती है। ताकि प्रेगनेंसी में हर तरह की दिक्कत से बचे रहने में मदद मिल सके। और ऐसा भी नहीं है की आईवीएफ की प्रक्रिया के बाद महिला को नौ महीने तक बेड रेस्ट करना है। बस जैसे ही महिला की प्रेगनेंसी पूरी तरह से कन्फर्म हो जाती है। तो महिला भी सामान्य तरीके से प्रेगनेंसी होने वाली महिलाओं की तरह पूरी सावधानी रखते हुए रह सकती है। तो आइये पहले जानते हैं की आईवीएफ होता क्या है।
क्या है आईवीएफ?
आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन एक कृत्रिम तरीका है। जिसके इस्तेमाल से महिला का गर्भधारण करवाया जा सकता है। इस प्रक्रिया में महिला के अंडाशय में से अंडे निकालकर पुरुष के शुक्राणु द्वारा निषेचित किये जाते हैं। जिस अंडे की क़्वालिटी सबसे अच्छी होती है उसी अंडे पर निषेचन किया जाता है। ताकि महिला के गर्भधारण की प्रक्रिया को सफल बनाने में मदद मिल सके। और फिर जब अंडा निषेचित ही जाता तो उसे लैब में रखा जाता है और यदि भ्रूण बनने के चांस होते हैं तो अंडे को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।
आईवीएफ के दौरान क्या खाएं
खान पान का ध्यान रखना प्रेगनेंसी के दौरान बहुत जरुरी होता है। क्योंकि इससे महिला को स्वस्थ रहने के साथ गर्भ में शिशु को स्वस्थ रहने में भी मदद मिलती है। तो आइये अब जानते हैं की आईवीएफ के दौरान महिला को क्या क्या खाना चाहिए।
डेयरी प्रोडक्ट्स
- कैल्शियम से भरपूर डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन महिला को जरूर करना चाहिए।
- क्योंकि यह महिला की हड्डियों की मजबूती के साथ भ्रूण के शारीरिक विकास को बेहतर रखने में भी मदद करता है।
- दूध का सेवन दिन में दो से तीन गिलास करने के साथ एक दिन में एक कटोरी दही का सेवन भी जरूर करना चाहिए।
- क्योंकि दही प्रोटीन का बेहतरीन स्त्रोत होती है जो मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती है।
- जिससे प्रेग्नेंट महिला को स्वस्थ रहने के साथ शिशु के विकास में भी मदद मिलती है।
हरी पत्तेदार सब्जियां
- हरी सब्जियों में आयरन, फोलिक एसिड, फाइबर व् अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं।
- जो बॉडी में खून की कमी को पूरा करने के साथ शिशु के मानसिक व् शारीरिक विकास को बढ़ाने में मदद करते हैं।
- इसीलिए महिला को पालक, ब्रोकली, व् अन्य हरी सब्जियों का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए।
फल
- रसदार फल भी प्रेगनेंसी के दौरान भरपूर फायदेमंद होते हैं।
- क्योंकि यह बॉडी को पोषक तत्वों से भरपूर रखने के साथ हाइड्रेट रखने में भी मदद करते हैं।
- जो की प्रेग्नेंट महिला और शिशु दोनों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
- और आईवीएफ द्वारा प्रेगनेंसी होने के बाद महिला को एवोकाडो, केला, अनार, आदि फलों का भरपूर सेवन करना चाहिए।
अंडे
- प्रोटीन, फैट, कैल्शियम, choline जैसे पोषक तत्वों से भरपूर अंडे का सेवन भी प्रेग्नेंट महिला को जरूर करना चाहिए।
- क्योंकि यह गर्भवती महिला व् शिशु के लिए फायदेमंद होते हैं।
- लेकिन प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही से ही अंडो का सेवन प्रेग्नेंट महिला को करना चाहिए।
सूखे मेवे
- ड्राई फ्रूट्स में भी पोषक तत्वों की मात्रा भरपूर होती है।
- इसीलिए प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही से रोजाना गर्भवती महिला को ड्राई फ्रूट का सेवन करना चाहिए।
- इससे प्रेग्नेंट महिला को ऊर्जा से भरपूर रहने के साथ भ्रूण के शारीरिक व् मानसिक विकास में मदद मिलती है।
दालें
- दालें प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन व् अन्य पोषक तत्वों का बेहतरीन स्त्रोत होते हैं।
- जो गर्भवती महिला व् गर्भ में शिशु के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
- इसीलिए एक समय के आहार में प्रेग्नेंट महिला को किसी न किसी दाल का सेवन जरूर करना चाहिए।
पानी
- खाने के साथ आईवीएफ द्वारा प्रेगनेंसी होने के बाद महिला को शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए।
- क्योंकि बॉडी में डिहाइड्रेशन की समस्या प्रेगनेंसी में दिक्कत को बढ़ाने के साथ शिशु को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
- इसीलिए महिला को दिन में आठ से दस गिलास पानी का सेवन जरूर करना चाहिए।
- तरल पदार्थों की मात्रा को बॉडी में सही रखने के लिए महिला जूस, नारियल पानी आदि का सेवन भी कर सकती है।
आईवीएफ के बाद क्या नहीं खाना चाहिए
- कच्चा नॉन वेज, कच्चे अंडे, कच्ची सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- स्ट्रीट फ़ूड, ज्यादा मसालेदार व् तेलीय आहार, बासी खाना, ठंडा खाना, बिना ढके रखे हुए भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- अधिक मात्रा में कैफीन युक्त आहार जैसे चाय कॉफ़ी का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए।
- नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- कच्चा दूध, सोडा, एनर्जी ड्रिंक, डिब्बाबंद जूस आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- अधिक मीठे व् नमक के सेवन से बचना चाहिए।
- समुंद्री भोजन जैसे की मरकरी युक्त मछली आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
तो यह है आईवीएफ द्वारा प्रेगनेंसी होने पर खान पान से जुड़े कुछ खास टिप्स। जो प्रेग्नेंट महिला को जरूर ध्यान में रखने चाहिए। साथ ही एक बार डॉक्टर से जरूर राय लें। ताकि किसी भी तरह की समस्या न हो।