प्रेग्नेंट महिला के लिए मार्च क्यों खतरनाक होता है

मौसम के बदलाव के साथ प्रेग्नेंट महिला को अपनी सेहत का दुगुना ध्यान रखना पड़ता है। और मार्च वो महीना होता है जब हम सर्दी से गर्मी की और जा रहे होते हैं। ऐसे में सुबह और शाम के समय तो ठण्ड महसूस होती है। लेकिन दोपहर में गर्मी का अहसास होता है। साथ ही इस दौरान कई बार बारिश आने से मौसम में फिर थोड़ी ठंडक आ सकती है।

ऐसे में बदलते मौसम के साथ प्रेग्नेंट महिला यदि थोड़ी सी भी लापरवाही करती है तो इसके कारण महिला को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं की प्रेग्नेंट महिला को मार्च के महीने में क्या क्या दिक्कतें हो सकती है और इस महीने को खतरनाक क्यों कहा जाता है।

शरीर के तापमान में बदलाव

  • मार्च के महीने में कभी प्रेग्नेंट महिला को ठण्ड तो कभी गर्मी का अहसास हो सकता है।
  • ऐसे में यदि प्रेग्नेंट महिला ठंडा पानी पीना शुरू कर देती है या कभी पंखा चलाकर बैठ जाती है।
  • इसके बाद यदि ठण्ड लगती है तो कम्बल ओढ़ लेती है।
  • ऐसा करने से बॉडी के तापमान के ऊपर नीचे होने का खतरा रहता है।
  • और बॉडी के तापमान में अधिक उतार चढ़ाव होने के कारण प्रेग्नेंट महिला को सेहत सम्बन्धी दिक्कत हो सकती है।

प्रेग्नेंट महिला को मार्च के महीने रहता है संक्रमण का खतरा

  • मार्च के महीने में मौसम में बदलाव होने के कारण खांसी, जुखाम जैसी परेशानियां होने का खतरा रहता है।
  • और प्रेग्नेंट महिला की इम्युनिटी कमजोर होने के कारण गर्भवती महिला को यह परेशानियां ज्यादा हो सकती है।

पेट सम्बन्धी परेशानी

  • मार्च के महीने में खान पान में भी प्रेग्नेंट महिला को थोड़ा बदलाव करने की जरुरत होती है।
  • क्योंकि सर्दियों में जो खान पान होता है गर्मी के मौसम में कई बार उन चीजों का सेवन सही नहीं होता है।
  • जैसे की ड्राई फ्रूट्स आप सर्दी में जितनी मात्रा में खा सकती है।
  • उतना गर्म मौसम में प्रेग्नेंट महिला के लिए खाना सही नहीं होता है।
  • ऐसे में यदि महिला अपने खान पान का ध्यान सही से नहीं रखती है।
  • तो इस कारण प्रेग्नेंट महिला को पेट सम्बन्धी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

तो यह हैं कुछ परेशानियां जो मौसम में बदलाव यानी मार्च के महीने में महिला को हो सकती है। ऐसे में इन परेशानियों से बचने के लिए गर्भवती महिला को मार्च के महीने में अपना बहुत अधिक ध्यान रखना चाहिए। ताकि गर्भवती महिला व् शिशु को मौसम के बदलाव के साथ होने वाली परेशानियों से बचे रहने में मदद मिल सके।

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