शादी में मेहंदी इसीलिए लगाई जाती है!

दूल्हा हो या दुल्हन सभी के जीवन में शादी का बेहद खास महत्व होता है। लेकिन इसी के साथ शादी के समय हाथों में रचाई जाने वाली मेहंदी लगाने का भी एक विशेष महत्व होता है जिसे सामान्यतौर पर सभी नहीं जानते। इसीलिए आज हम आपको शादी के समय दूल्हा दुल्हन के हाथ में लगाई जाने वाली मेहंदी का महत्व बताने जा रहे है।

भारतीय परंपरा में मेहंदी का प्रचलन काफी पुराने समय से है। कोई धार्मिक त्यौहार हो या शादी विवाह का समारोह सभी में मेहंदी को अनिवार्य माना जाता है। क्योंकि मेहंदी सुहागनों के 16 श्रृंगारों में से एक है जिसके बिना हर रीति रिवाज और संस्कारों को अधुरा माना जाता है।

इसीलिए भारत में हर विवाहित महिला शादी-विवाह के अवसर और तीज-त्योहारों में मेहंदी का प्रयोग सर्वोपरी होता है। लेकिन विवाह के समय दूल्हा-दुल्हन के लिए इस रस्म का बेहद ख़ास महत्व होता है। इस दौरान मेहंदी लगाने के लिए एक विशेष आयोजन किया जाता है।

इस रिवाज को शादी से एक या दो दिन पहले किया जाता है। जिसमे दूल्हा और दुल्हन के परिवार वाले उनके हाथों और पैरों में मेहंदी लगाते है। लेकिन क्या आप जानते है की खुशियों के इस मौके पर मेहंदी लगाने की परंपरा क्यों शुरू हुई थी? और इसके पीछे क्या कारण है? शायद नहीं, क्योंकि कभी इसकी जरुरत ही नहीं पड़ी। इसीलिए आज हम आपको शादी में दूल्हा-दुल्हन को मेहंदी क्यों लगाते है इस बारे में बताने जा रहे है!

शादी के समय इसलिए लगाई जाती है मेहंदी :-

1. शादी के समय मेहंदी का महत्व :

हाथों में रचने वाली मेहंदी न केवल आपके हाथों को निखारती है अपितु हमारी संस्कृति का भी अभिन्न हिस्सा है। इसे हमारे जीवन में आने वाली खुशियों का प्रतीक माना जाता है इसीलिए विवाह के समय इसे लगाना बेहद जरुरी होता है। माना जाता है की मेहंदी का रंग जितना खिलकर आता है हमारे घर में खुशियां भी उतनी खिलकर ही आती है। इसीलिए शादी के समय दुल्हन की मेहंदी को सभी बड़े गौर से देखते है की इसका रंग कितना गहरा है। हिन्दुओं में जहां एक तरफ दुल्हन के भरे हाथ मेहंदी लगाने का रिवाज है वहीं दूसरी ओर दुल्हे को भी मेहंदी लगाई जाती है। फिर चाहे वो शगुन का छोटा सा टीका ही क्यों न हो।

2. प्यार का प्रतीक :

शादी के समय दूल्हा दुल्हन के हाथों में मेहंदी लगाना इसीलिए भी जरुरी होता है क्योंकि इसे उनके जीवन के साथ-साथ उनके परिवारों के बीच प्यार और स्नेह का भी प्रतीक माना जाता है। कहते है दुल्हन की मेहंदी का रंग जितना गहरा होगा पति-पत्नी के बीच का रिश्ता उतना ही मजबूत रहेगा। साथ ही ये आपके अटूट प्रेम को भी दर्शाती है।

3. शुभ :

मान्यता है की दूल्हा और दुल्हन के हाथों में लगी मेहंदी जितने ज्यादा दिनों तक उनके हाथों पर लगी रहती है, उतनी ही दोनों के जीवन में खुशियों का शुभ संकेत माना जाता है।

4. औषधीय गुण :

आयुर्वेद के मुताबिक मेहंदी में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते है जो शरीर में शीतलता बनाए रखने में मदद करते है। चूँकि शादी के समय काफी कामकाज रहता है तो इन दिनों दिमागी तनाव होना लाजमी है ऐसे में मेहंदी आपको राहत देने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

ये हमारे शरीर को शीतलता देने के साथ-साथ, सर दर्द, तनाव और थकान से राहत देने में भी मदद करती है। इसके अलावा मेहंदी लगाने से त्वचा संबंधी कई रोग भी दूर होते है। साथ ही यह त्वचा में नमी को भी बनाए रखते है। इसके अलावा मेहंदी की खुशबु भी काफी कामोत्तेजक होती है, शादी के बाद दोनों के खास पलों को रोमांटिक बना देती है।

5. प्रेम संबंध :

कहते है दुल्हन के हाथों में लगी मेहंदी का रंग जितना अधिक गहरा होता है, अपने पति के प्रति उसका प्यार भी उतना गहरा होता जाता है। साथ ही दुल्हन को पति के साथ-साथ ससुराल वालों का भी भरपूर प्यार मिलता है।

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