बच्चे को नहलाते समय इन बातों का ध्यान रखें

शिशु बहुत ही कोमल और नाजुक होते हैं ऐसे में उनकी परवरिश करना कोई आसान बात नहीं होती है। और सबसे ज्यादा दिक्कत उन महिलाओं को आती है जो या तो पहली बार माँ बन रही होती है या फिर जो अकेली रहती है और उन्हें राय देने के लिए घर में कोई नहीं होता है। ऐसे में शिशु को को कैसे सुलाना है, कैसे पकड़ना है, कैसे उठाना है, कैसे स्तनपान करवाना है, कैसे नहलाना है यह सब किसी पहेली से कम नहीं होता है। तो आज हम आपको शिशु को कैसे नहलाना चाहिए और शिशु को नहलाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इस बारे में बताने जा रहे हैं।

सबसे पहले तो शिशु को नहलाने के लिए जिन जरुरी चीजों की जरुरत है उन्हें इक्कठा कर लें। जैसे ही बाथ टब, साबुन, चौकी, तौलिया, साबुन, मग, कपडे, पाउडर, क्रीम आदि। उसके बाद शिशु को नहलाने के लिए जो सामान चाहिए वो बाथरूम में रखें। और नहलाने के बाद जो सामान चाहिए उसे बेड पर रखें।

शिशु को नहलाने के लिए सही समय का ध्यान रखें जैसे की शिशु को न तो बिल्कुल सुबह नहलाएं और न ही शाम को नहलाएं। ऐसे में दिन के ग्यारह या बारह बजे का समय शिशु के लिए सही होता है। क्योंकि इस समय नहाने के बाद शिशु अच्छे से सो भी जाता है।

अब शिशु की मालिश दस या ग्यारह बजे करने के बाद आप शिशु को नहलाने की तैयारी करें। उसके बाद शिशु को नहलाने के लिए न तो ज्यादा गर्म न ज्यादा ठन्डे पानी का इस्तेमाल करें। बाथरूम में पानी रखने के बाद शिशु के कपडे उतार कर शिशु को बाथ टब में लिटाएं। और अपने एक हाथ से उसकी गर्दन व् सर को पकड़ें और थोड़ा ऊपर की और उठायें।

आप आराम से चौकी पर बैठें और ध्यान रखें की आपको बैठने में भी कोई दिक्कत न हो। अब थोड़ा थोड़ा हाथ से पानी शिशु पर डालें। और फिर शिशु के बालों में शैम्पू लगाएं। ध्यान रखें की शिशु की आँखों, कान में शैम्पू या पानी न जाये। उसके बार मग से आराम से पानी डालते हुए शैंपू को निकाल दें। ध्यान रखें की आराम से पानी शिशु पर डालें तेजी बिल्कुल न करें।

फिर शिशु की बॉडी पर साबुन लगाएं और उसे भी आराम से पानी डालते हुए साफ़ कर दें। उसके बाद शिशु को बाथ टब से दोनों हाथों से पकड़कर निकालें और तोलिये में लपेट दें। अब बेड पर लिटाकर शिशु को साफ़ कर दें। और दूसरे तोलिये के ऊपर शिशु को लिटाकर पाउडर, क्रीम, तेल आदि शिशु को लगाएं। उसके बाद शिशु को कपडे पहनाएं।

कपड़े पहनाने के बाद शिशु को पेट भरकर दूध पिलाएं या फिर शिशु यदि छह महीने से पर का है तो आप उसे खुल खिला भी सकती है। उसके बाद शिशु आराम से सो जाता है। ऐसा करने से शिशु नींद भरपूर लेता है जो की शिशु के बेहतर विकास के लिए बहुत जरुरी होता है।

यदि आपका भी बच्चा छोटा है तो आप भी शिशु को नहलाते समय इन बातों का ध्यान रखें। ताकि शिशु को नहलाते समय कोई दिक्कत न हो और शिशु को साफ़ और स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।

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