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प्रेगनेंसी

प्रेगनेंसी में पैरों के दर्द रहने के कारण और उपाय

Suruchi Chawla
Last updated: 2020/09/06 at 5:56 PM
Suruchi Chawla
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8 Min Read
प्रेगनेंसी में पैरों के दर्द रहना कारण और उपाय
प्रेगनेंसी में पैरों के दर्द रहना कारण और उपाय
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प्रेगनेंसी में जैसे जैसे समय आगे की और बढ़ता है वैसे वैसे प्रेग्नेंट महिला की शारीरिक परेशानियां भी बढ़ती है। और इन परेशानियों का कारण महिला के वजन का बढ़ना, पेट का बाहर की तरफ आना, मांसपेशियों में खिंचाव का बढ़ना आदि हो सकते हैं। तो आज इस आर्टिकल में हम प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली एक ऐसी समस्या के बारे में बताने जा रहे हैं। जिससे अधिकतर प्रेग्नेंट महिलाएं परेशान हो सकती है।

Contents
गर्भावस्था में पैरों में दर्द रहने के कारणगर्भावस्था में पैरों में दर्द से राहत के टिप्स

और वह परेशानी है पैरों में दर्द होना, और कुछ गर्भवती महिलाएं पैरों में दर्द के साथ सूजन की समस्या से भी परेशान हो सकती है। और इसके कारण महिला को उठते -बैठते, चलते, सोते समय बहुत अधिक परेशानी होती है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी में पैरों में दर्द का क्या कारण होता है और किस प्रकार प्रेग्नेंट महिला इस परेशानी से निजात पा सकती है।

गर्भावस्था में पैरों में दर्द रहने के कारण

प्रेगनेंसी के दौरान ऐसा बिल्कुल नहीं होता है की हर गर्भवती महिला को पैरों में दर्द होने का एक ही कारण हो। क्योंकि प्रेगनेंसी में पैरों में दर्द रहने का कोई एक कारण नहीं होता है। बल्कि ऐसे बहुत से कारण होते हैं जिनकी वजह से गर्भवती महिला को पैरों में दर्द की समस्या हो सकती है।

पोषक तत्वों की कमी: प्रेग्नेंट महिला को भरपूर मात्रा में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, विटामिन्स व् अन्य मिनरल्स से भरपूर आहार का सेवन करने से सलाह दी जाती है। लेकिन यदि महिला ऐसे आहार का सेवन करती है जिसमे पोषक तत्वों की कमी होती है। तो इसके कारण प्रेग्नेंट महिला के शरीर में कमजोरी आ जाती है जिसके कारण महिला को पैरों के साथ शरीर के अन्य हिस्सों के भी दर्द की समस्या अधिक हो सकती है।

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खून की कमी: प्रेगनेंसी के दौरान महिला व् बच्चे दोनों के स्वस्थ रहने के लिए बॉडी में खून की कमी नहीं होनी चाहिए। लेकिन यदि गर्भवती महिला के शरीर में खून की कमी होती है तो इस कारण बॉडी में ब्लड फ्लो अच्छे से नहीं होता है, शरीर में थकान व् कमजोरी जैसी समस्या अधिक होती है। जिसकी वजह से महिला के पैरों में दर्द होता है।

सूजन होने के कारण: पैरों में सूजन की समस्या होना प्रेगनेंसी में आम बात होती है खासकर महिला को तीसरी तिमाही में यह समस्या अधिक हो सकती है। और जिन महिलाओं को पैरों में सूजन होती है उन्हें पैरों में सूजन के साथ दर्द भी महसूस हो सकता है।

नसों पर दबाव: गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण पैरों की और जाने वाली नसों पर दबाव बढ़ जाता है। जिसके कारण पैरों तक ब्लड फ्लो होने में रुकावट पैदा होने लगती है। और पैरों तक ब्लड फ्लो अच्छे से न हो तो इस वजह से महिला को पैरों में दर्द अधिक महसूस हो सकता है।

वजन: गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ना बहुत अच्छी बात होती है लेकिन वजन बढ़ने के कारण महिले की पूरी बॉडी का दबाव पैरों पर आ जाता है। और पैरों पर अधिक दबाव पड़ने के कारण महिला को पैरों में दर्द की समस्या हो सकती है।

पानी की कमी: यदि प्रेग्नेंट महिला के शरीर में पानी की कमी होती है तो इस कारण भी महिला को पैरों में दर्द के साथ शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द की समस्या हो सकती है।

गर्भावस्था में पैरों में दर्द से राहत के टिप्स

यदि आप माँ बनने वाली और प्रेगनेंसी के दौरान पैरों में दर्द से परेशान हैं, तो इसमें घबराने की कोई बात नहीं हैं। क्योंकि कुछ आसान तरीको का इस्तेमाल करके आप इस परेशानी से निजात पा सकते हैं। तो आइये अब जानते हैं प्रेगनेंसी में राहत पाने के आसान टिप्स कौन से हैं।

अपनी पोजीशन का ध्यान रखें: प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले पैरों में दर्द से बचने के लिए गर्भवती महिला को अपने उठने बैठने की पोजीशन पर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से गर्भवती महिला को इस परेशानी से बचने में मदद मिल सकती है। और इसके लिए गर्भवती महिला को ज्यादा देर खड़े रहकर काम नहीं करना चाहिए, एक ही पोजीशन में बहुत देर बैठना नहीं चाहिए, पैरों को ज्यादा देर लटकाकर बैठने से बचना चाहिए, आदि। यदि महिला इन बातों का ध्यान रखती है तो इससे प्रेग्नेंट महिला को पैरों में दर्द की समस्या से बचने में मदद मिलती है। और यदि आप जॉब करती है तो भी ध्यान रखें की बहुत देर तक एक ही जगह पर न बैठी रहें।

थोड़ा व्यायाम करें: प्रेग्नेंट महिला को पैरों की स्ट्रेचिंग, थोड़ी देर सैर, आदि जरूर करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से पैरों तक ब्लड फ्लो अच्छे से होता है। और यदि पैरों तक ब्लड फ्लो अच्छे से होता है तो महिला को पैरों में दर्द से बचे रहने में मदद मिलती है।

पोषक तत्वों से भरपूर ले आहार: आयरन, कैल्शियम, विटामिन सी, प्रोटीन, मैग्नीशियम, पोटैशियम व् अन्य मिनरल्स से भरपूर आहार का सेवन करें। ताकि हड्डियों, मांसपेशियों, को अच्छे से पोषण मिल सके जिससे प्रेगनेंसी के दौरान थकवाट, कमजोरी पैरों व् शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द की समस्या से आपको निजात मिल सके।

सिकाई करें: पैरों में अधिक दर्द महसूस होने पर गर्म पानी को बोतल में डालकर उससे सिकाई करें। सिकाई करने से ब्लड फ्लो बेहतर होता है साथ ही दर्द से भी आराम मिलता है। इसके अलावा गर्म पानी में नमक डालकर उसमे थोड़ी देर पैरों को रखें ऐसा करने से भी पैरों के दर्द से आराम मिलता है।

पानी का भरपूर सेवन करें: पानी की कमी होने के कारण भी महिला को शरीर के दर्द, थकावट, कमजोरी जैसी समस्या हो सकती है। ऐसे में इन समस्याओं से बचने के लिए गर्भवती महिला को पानी का भरपूर सेवन करना चाहिए।

रुक रुक कर काम करें: पैरों में दर्द से आराम के लिए प्रेग्नेंट महिला को लगातार खड़े रहकर या थकावट महसूस होने पर काम नहीं करना चाहिए। बल्कि आप थोड़ा आराम करें उसके बाद फिर से काम करें, रुकरुक कर काम करें, ऐसा करने से थकावट व् पैरों में दर्द की समस्या से बचे रहने में मदद मिलेगी।

तो यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं और आपको भी पैरों में दर्द की समस्या है तो आप भी इन आसान टिप्स का इस्तेमाल करके आसानी से इस समस्या से निजात पा सकते हैं। इसके अलावा यदि आपको सूजन के साथ दर्द की समस्या ज्यादा हो तो इसे अनदेखा न करते हुए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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Suruchi Chawla September 6, 2020 September 6, 2020
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